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अजगरों को भाने लगा कोसी का किनारा, नेपाल के जंगलों से कोसी के रास्ते पहुंच रहे अजगर

कुसहा त्रासदी के बाद कोसी किनारे वाले इलाके में अजगरों ने बसेरा बना लिया है। अब तो हालत यह है कि इन क्षेत्रों में अक्सर अजगर दिखाई देते हैं। हाल के दिनों की बात करें तो नेपाल सीमा से सटे भीमनगर भगवानपुर बायसी आदि स्थानों पर अजगर देखे गए हैं

By Amrendra kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 04:09 PM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 04:09 PM (IST)
अजगरों को भाने लगा कोसी का किनारा, नेपाल के जंगलों से कोसी के रास्ते पहुंच रहे अजगर
भगवानपुर पंचायत के साहेवान में आवासीय परिसर के टाट पर चढ़ा अजगर

सुपौल [गौरीश मिश्रा] । नेपाल के जंगलों से भटक कर पहुंचे जंगली जीव-जंतु कोसी तटबंध के किनारे बसे गांवों के लोगों के लिए आफत बनते जा रहे हैं। जंगली हाथी एवं अन्य जानवर के कहर से त्रस्त इस इलाके के लोग अब अजगर के खौफ से भी भयभीत हैं। दरअसल 2008 में कुसहा त्रासदी के बाद कोसी के किनारे वाले इलाके में अजगरों ने बसेरा बना लिया है। अब तो हालत यह है कि इन क्षेत्रों में अक्सर अजगर दिखाई देते हैं। हाल के दिनों की बात करें तो नेपाल सीमा से सटे भीमनगर, भगवानपुर, बायसी आदि स्थानों पर अजगर देखे गए हैं जिन्हें वन विभाग को सौंप दिया गया है। नेपाल सीमा से सटे गांव में लोगों के खेत से लेकर घरों में अजगर देखने को मिले हैं। हालांकि अभी तक कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है लेकिन हाल के कुछ वर्षों में अजगरों के मिलने से ऐसा लगने लगा है कि कोसी का किनारा अजगरों को भाने लगा है।

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डरे रहते हैं लोग

सीमावर्ती क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि अजगर नेपाल के जंगलों के अलावा इस क्षेत्र से होकर निकलनेवाली कोसी नदी में बहकर भी आते हैं। नेपाल सीमा से लगे गांवों के लोगों ने बताया कि इस क्षेत्र में अगर कहीं भी अजगर दिखाई देता है तो इसकी सूचना वन विभाग को दी जाती है। वन विभाग की टीम उसे पकड़कर पटना भेज देते हैं या जंगल में छोड़ देते हैं। जंगल में अजगर को छोडऩे के बाद वे फिर से कुछ दिनों में आ जाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि अजगर के चलते क्षेत्र के लोग काफी डरे-सहमे रहते हैं।

जैव विविधता की दृष्टिकोण से है अच्छा

जिला वन पदाधिकारी सुनील कुमार शरण ने बताया कि जैव विविधता की ²ष्टि से अजगर का पाया जाना अच्छा है। वन्य प्राणी विशेषज्ञों से उनके यहां पाए जाने के कारणों की तलाश की जाएगी।

केस स्टडी-1

8 फरवरी को बायसी पंचायत के वार्ड नंबर 05 में गेंहू के खेत से एक अजगर को ग्रामीणों ने पकड़ कर वन विभाग के हवाले कर दिया है। जिसे वन विभाग की टीम अपने कब्जे में लेकर गई।

केस स्टडी-2

30 नवंबर को रतनपुर थाना क्षेत्र के भगवानपुर पंचायत के साहेवान गांव के एक आवासीय परिसर में विशालकाय अजगर दिखाई पड़ा। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम काफी मशक्कत के बाद अजगर को पकड़कर ले गई।

केस स्टडी-3

25 नवंबर को भीमनगर ओपी क्षेत्र के वार्ड नंबर 15 में ग्रामीणों ने अजगर को पकड़कर वन विभाग के हवाले किया।

केस स्टडी-4

17 अक्टूबर को भीमनगर पंचायत के ही वार्ड नंबर 11 स्थित रामजानकी मंदिर के पीछे के धान के खेत में लगभग पचास किलोग्राम का अजगर मिला। उसने एक कुत्ते को निगल लिया था। खेत में धान काट रही महिला ने जब यह देखा तो शोर मचाई। बाद में ग्रामीणों द्वारा वन विभाग को इसकी सूचना दी गई।

केस स्टडी-5

20 अक्टूबर को भपटियाही पंचायत के कल्याणपुर गांव में 13 फीट का विशालकाय अजगर मिला।

केस स्टडी-6

नवंबर 2018 में तो केंद्रीय वनागार कटैया में उस समय हड़कंप मच गया जब वन अधिकारी (रेंजर) का हाथ अजगर ने निगल लिया। कर्मचारियों ने अजगर की पकड़ से अधिकारी को छुड़ाया था।  


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