मौसम का फिर बदला मिजाज, जानिए कोसी-सीमांचल और पूर्व बिहार के भागलपुर समेत अन्य शहरों में आज कैसा रहेगा मौसम?
मौसम का मिजाज फिर बदल गया है। कोसी सीमांचल और पूर्व बिहार में अगले तीन दिनों तक ठंड का कहर जारी रहेगा। सुबह कोहरे का भी असर रहेगा। बिहार कृषि विवि के मौसम विभाग के अनुसार मौसम के मिजाज में...
संवाद सहयोगी,भागलपुर। मौसम 26 जनवरी के बाद से एक बार फिर करवट ले लिया है। अगले तीन दिनों तक शीतलहर तेज चलेगी। हवा के कारण मुसीबत बढ़ गई है। लगातार पारा गिरने के कारण भागलपुर और आसपास के क्षेत्र में कोल्ड डे की स्थिति हो गई है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डा. वीरेंद्र कुमार ने बताया कि एक बार फिर बर्फली ठंड लिये पछुआ हवा चलने के कारण तापमान में गिरावट हो रहा है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण ठंड में जबरदस्त इजाफा दर्ज किया जा रहा है।
बंगाल की खाड़ी से उठी समुद्री हवाओं का असर भी दिख रहा है। शहर के कई हिस्से में कोहरा और पूरे जिले में कड़ाके की ठंड के साथ शीतलहर चल रही है। दरअसल पछुआ हवा के कारण ऐसी स्थिति बनी हुई है। बताया गया कि घना कोहरा जहां तहां छाया रहेगा। अलग-अलग हिस्सों में भीषण शीतलहर की संभावना है। सिर्फ दो दिन में छ डिग्री गिरा पारा 26 जनवरी के बाद सिर्फ दो दिन में न्यूनतम पारा छ डिग्री से ज्यादा गिर गया। वहीं अधिकतम तापमान में भी तीन डिग्री गिरावट आया है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस कदर ठंड में बढ़ोत्तरी हो रही है। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अभी और गिरवट होगी। अर्थात शीतलहर के साथ और ठंड बढ़ने वाली है। तीन दिन बाद मिल सकती राहत मौसम पुर्वानुमान के अनुसार तीन दिन बाद राहत मिलने की संभावना है। हवा की गति 10 किलोमीटर प्रति घंटा की जगह पांच किलोमीटर हो सकती है। न्यूनतम तापमान 11 और अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। शीत लहर में कमी आएगी। धूप तेज निकलेगी। जिससे राहत मिलेगी। आठ डिग्री पर पहुंचा पाराशुक्रवार को अधिकतम तापमान 17.5, न्यूनतम तापमान 8.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। 95 फीसद आद्रता के साथ 14.6 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से पछुआ हवा चल रही है।
गेहूं के लिए बेहतर आलू में झुलसा रोग विज्ञानियों की मानें तो गेहूं के लिए बेहतर मौसम है। नमी ज्यादा होने के कारण सिंचाई कम लगेगी। मौसम की आरंभ से अनुकुलता के कारण इस बार गेहूं की बंपर पैदावार होने की संभावना है। उधर आलू के लिए मौसम की प्रतिकुलता है। इस मौसम में झूलसा बीमारी लगता है। ज्यादा प्रकोप होने पर किसानों को आलू की फसल पर छिड़काव करनी चाहिए। मक्का की फसल में भी नमी कम होने की स्थिति में ही सिचाई करें।
पशुओं पर विशेष ध्यान की जरूरत कृषि विज्ञान केंद्र के पशुओं के विज्ञानी डा. जेड होदा कहते हैँ कि इस शीतलहर में पशुओं की देख भाल पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पशु सेड को घेर कर ऐसा रखें जिससे शीतलहर प्रवेश नहीं करे। पशुओं के शरीर पर जुट के बोरे का ओड़ना डाले रहें ताकि ठंड से बचा रहे। मिनरल और विटामिन्स का नियमित सेवन करावें। दुधारु और छोटे पशुओं में ठंड की शिकायत होने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह लें।
बच्चे और प्रसुता का रखें खयाल सबौर अस्पताल की प्रभारी चिकित्सक डा. शुभ्रा वर्मा ने बताया कि इस मौसम की बेरूखी में बच्चे और प्रसुता का विशेष खयाल करने की जरूरत है। नौनिहाल को हर समय गर्म कपड़े से ढके रहें। गर्म आहार दें। थोड़ा भी तबीयत खराब होने पर डाक्टर से तुरंत संपर्क करें। वहीं प्रसुता महिलाओं को गर्म पानी का सेवन करना चाहिए ठंड से बचाव करनी चाहिए। ठंडे पानी का उपयोग कर पैर हाथ धोना या नहाने से परहेज करनी चाहिए। थोड़ी असावधानी से परेशानी बढ़ सकती है।