Move to Jagran APP

जयंती विशेष: किशोर कुमार को लुभाता था ननिहाल भागलपुर का जर्दालु आम, पान के भी थे शौकीन

पार्श्व गायक किशोर कुमार की आज जयंती है। उनका बिहार से गहरा नाता रहा है। भागलपुर में किशोर दा का ननिहाल था। भागलपुर से उनकी तमाम यादें जुड़ी हैं। पढ़ें किशोर कुमार से जुड़ीं यादें।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Sun, 04 Aug 2019 09:51 AM (IST)Updated: Sun, 04 Aug 2019 05:09 PM (IST)
जयंती विशेष: किशोर कुमार को लुभाता था ननिहाल भागलपुर का जर्दालु आम, पान के भी थे शौकीन
जयंती विशेष: किशोर कुमार को लुभाता था ननिहाल भागलपुर का जर्दालु आम, पान के भी थे शौकीन

भागलपुर [विकास पाण्डेय]। प्रख्यात गायक किशोर कुमार का रविवार को जन्मदिन है। ननिहाल भागलपुर आने, यहां के जर्दालु आम और पान को पसंद करने से जुड़े कई किस्से लोगों के जेहन में हैं। आदमपुर स्थित राज परिवार की राजबाटी उनके नाना की हवेली थी। दादामुनि के नाम से प्रसिद्ध प्रख्यात अभिनेता अशोक कुमार किशोर कुमार के बड़े भाई थे। उनकी शादी भी भागलपुर में ही हुई थी। अशोक कुमार के चचेरे साले सोमनाथ बनर्जी बताते हैं कि किशोर अक्सर अपने मामा शानू बनर्जी के घर आते थे तो आम खाने सुल्तानगंज स्थित बगीचा जाया करते थे। नाव लेकर गंगा पार जाना और मस्ती करना, बहुत सी यादें हैं। 
भोजन के बाद पान की पत्ती 
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की पूर्व परीक्षा नियंत्रक व स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग की पूर्व प्रोफेसर डॉ. रत्ना मुखर्जी ने किशोर कुमार की कई यादों को समेट रखा है। वे उनकी भतीजी हैं। वे बताती हैं, काका कोई नशा नहीं करते थे, लेकिन रोज खाना खाने के बाद पान की एक पत्ती अवश्य चबाया करते थे। वे कहते थे कि पान की पत्ती चबाना गले के लिए फायदेमंद है। 
आखिरी बार 1970 में आए थे ननिहाल 
वे फैंस एसोसिएशन के आग्रह पर आखिरी बार १९७० में अपनी ननिहाल भागलपुर आए थे। उस समय भागलपुर में संगीत समारोह में उनकी एक झलक पाने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। प्रो. रत्ना बताती हैं कि वे अपनी मां का बहुत ख्याल रखते थे। जब 1970 में उन्हें भागलपुर आना था तो मां की देखभाल के लिए प्रो. रत्ना और उनकी मां को मुंबई बुला लिया था। उस दौरान उन्हें किशोर चाचा के बारे में बहुत सी बातें जानने का मौका मिला था। अशोक कुमार ने परिणीता फिल्म बनाई तो उसमें डॉ. रत्ना ने नायिका के बचपन का किरदार अदा किया था। 
जब रोक दिया था पूजा करने से 

loksabha election banner

डॉ. रत्ना बताती हैं कि एक बार किशोर काका पुरी के जगन्नाथ मंदिर गए तो पुजारियों ने उन्हें मुस्लिम महिला से शादी करने के कारण अंदर जाने से मना कर दिया। इस पर काका ने काफी समझाया, फिर भी बात नहीं बनी तो सौ-सौ के दो नोट निकाल हंसते हुए बोले कि इस बार मोटी दक्षिणा देने की तमन्ना लेकर आए थे। लगता है कि यूं ही लौटना पड़ेगा। लौटने की बात सुनते ही उनलोगों ने आपस में सलाह की और उन्हें पूजा करने की इजाजत दे दी। 
भागलपुरी सिल्क के थे शौकीन
किशोर कुमार भागलपुरी सिल्क के कुर्ते के शौकीन थे। उनके लिए यहां से मलवरी कपड़ा भेजा जाता था। डॉ. रत्ना की मां 1070 में भी कपड़े लेकर मुंबई गई थीं। अब उनकी यादें भर शेष हैं, पर गीतों में वे आज भी हम सबके बीच हैं। 

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.