दुष्कर्म पीडि़ता कर रहीं अपने बच्चे को पिता का नाम देने के लिए जद्दोजहद, एसपी कार्यालय में दिया था बच्चे को जन्म
दुष्कर्म पीडि़ता को न्याय दिलाने के लिए कराया गया डीएनए टेस्ट। 24 सितंबर को एसपी कार्यालय की सीढ़ी पर पीडि़ता ने दिया था बच्चे को जन्म। दो आरोपितों के विरुद्ध आइपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ साथ पोक्सो एक्ट के तहत कांड संख्या 46/20 दर्ज की।
जागरण संवाददाता, किशनगंज। एसपी कार्यालय की सीढिय़ों पर ही बच्चे को जन्म देने वाली सामूहिक दुष्कर्म पीडि़ता आज भी अपने बच्चे को पिता का नाम देने के लिए जद्दोजहद कर रही है। आखिरकार न्यायालय के आदेश पर महिला थाना की पुलिस ने मामले के दोनों आरोपितों का सदर अस्पताल में डीएनए टेस्ट कराया। ताकि बच्चे के पिता की पहचान की जा सके और पीडि़ता को न्याय मिल सके।
सोमवार को एसपी कुमार आशीष के निर्देश पर महिला थानाध्यक्ष पुष्पलता कुमारी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने नाबालिग आरोपित और नवजात को लेकर सदर अस्पताल पहुंची। जबकि दूसरी टीम मंडल कारा में बंद पहड़कट्टा थाना क्षेत्र के फर्राबाड़ी निवासी आरोपित मुन्ना को लेकर सदर अस्पताल पहुंची। जहां डीएनए टेस्ट के लिए चिकित्सकों की टीम के द्वारा बच्चे के साथ साथ दोनों आरोपितों का सैंपल लिया गया। जिसे जांच के लिए भेजा जाएगा। जांच रिपोर्ट आने के बाद बच्चे के असली पिता की पहचान की जा सकेगी और पीडि़ता को भी न्याय मिल सकेगा।
बताते चलें कि गत 24 सितंबर को नाबालिग दुष्कर्म पीडि़ता एसपी के समक्ष न्याय की गुहार लगाने पहुंची थी। उसने कार्यालय की सीढिय़ों पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। घटना के बाद पुलिस ने उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया। जहां जच्चा और बच्चा के पूर्ण स्वस्थ हो जाने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। पीडि़ता की लिखित शिकायत पर दो आरोपितों के विरुद्ध आइपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ साथ पोक्सो एक्ट के तहत कांड संख्या 46/20 दर्ज की। मामले की जांच कर रही पुलिस ने केस दर्ज होने के बाद गत 27 सितंबर को नाबालिग आरोपित को गिरफ्तार कर उसे पूर्णिया स्थित बाल सुधार गृह भेज दिया। 28 सितंबर को दूसरे आरोपित मुन्ना को गिरफ्तार कर उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। पुलिस कुछ अन्य बिंदुओं पर भी जांच कर रही है।