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बंगाल से जुड़ा है मिलावटी पेट्रोल-डीजल सप्लाई का नेटवर्क

गिरोह के ऐसे सदस्य बंगाल से मिलावटी ईंधन तेल के रूप में पेट्रोल और डीजल मंगाने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर भी मिलावटी ईंधन तैयार कर सप्लाई का काम करते हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 06:31 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 10:38 PM (IST)
बंगाल से जुड़ा है मिलावटी पेट्रोल-डीजल सप्लाई का नेटवर्क
बंगाल से जुड़ा है मिलावटी पेट्रोल-डीजल सप्लाई का नेटवर्क

शैलेश, किशनगंज : बंगाल के धंधेबाजों के जरिये किशनगंज में मिलावटी पेट्रोल और डीजल तैयार कर अर्थव्यवस्था पर चोट पहुंचाने के साथ गरीबों को आर्थिक नुकसान पहुंचाने में कई गिरोह सक्रिय हैं। गिरोह के ऐसे सदस्य बंगाल से मिलावटी ईंधन तेल के रूप में पेट्रोल और डीजल मंगाने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर भी मिलावटी ईंधन तैयार कर सप्लाई का काम करते हैं। बुधवार की रात कोचाधामन प्रखंड के नयाबस्ती डेरामारी में मिलावटी डीजल और पेट्रोल तैयार करने की सूचना पर एसडीओ के निर्देश पर बहादुरगंज एमओ और धनपुरा ओपी पुलिस के द्वारा छापेमारी की गई। इस दौरान मिलावटी पेट्रोल और डीजल तैयार करने वाले कारखाने का पर्दाफाश हुआ। छापेमारी में 18 ड्रम तेल बरामद किया गया जिसमें 10 ड्राम मिलावटी पेट्रोल, सात ड्रम ब्लू केरोसीन और एक ड्रम सफेद केरोसीन व करीब 10 लीटर नकली डीजल बनाने वाला कैमिकल बरामद हुआ।

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बड़े पैमाने पर कारखानों के रूप में चल रहे इस धंधा को देखकर अधिकारी भी अचंभित हो गए। हालांकि, पुलिस प्रशासन के पहुंचते ही गृहस्वामी संचालक फरार हो गया। बरामद तेल को जब्त कर लिया गया और मामले में बहादुरगंज एमओ मनीष कुमार के द्वारा अब्दुल सलाम पिता रमजान अली और अब्दुल सलाम के पुत्र मुबारक पर प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एमओ ने बताया कि छापेमारी स्थल पर रखे प्लास्टिक और चदरा के ड्रम देख प्रतीत हो रहा है कि काफी लंबे समय से बड़े पैमाने पर मिलावटी तेल बनाने का खेल वहां चल रहा था। इस कार्रवाई के बाद जिले में ऐसे मिलावटी तेल बनाने वाले गिरोह के सदस्यों के कान खड़े हो गए हैं।

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बंगाल से लाया जाता है सफेद केरोसीन :::

मिलावटी पेट्रोल और डीजल बनाने के लिए मुख्य रूप से सफेद केरोसीन का इस्तेमाल किया जाता है। बताया जाता है कि बंगाल में बिना सब्सिडी पर सफेद केरोसीन मिलता है। उसे खरीदकर लाया जाता है और पेट्रोल में सफेद केरोसीन मिलाकर मिलावटी पेट्रोल तैयार किया जाता है। सफेद और ब्लू केरोसीन मिलाकर उसमें एक कैमिकल घोला जाता है जिससे डीजल की तरह मिलावटी डीजल तैयार हो जाता है। फिर उसे कम कीमत पर बाजार में खपाकर मुनाफा कमाया जाता है।

----- ग्रामीण क्षेत्र के बाजारों में देते सप्लाई:: मिलावटी पेट्रोल और डीजल तैयार करने के बाद इसे अधिकाधिक तौर पर ग्रामीण क्षेत्र के हाट बाजार के खुदरा विक्रेता के पास बेचा जाता है। ऐसे विक्रेता को ड्रम के हिसाब से कम कीमत पर मिलावटी पेट्रोल और डीजल उपलब्ध करा दिया जाता है जिसे स्थानीय लोग खरीदकर अपने वाहन में इस्तेमाल करने के साथ कृषि कार्य में उपयोग होने वाले मशीन में भी इस्तेमाल करते हैं। जानकारी के अनुसार, मिलावटी पेट्रोल ऐसे कारोबारियों द्वारा 80 रुपये लीटर और डीजल 60-70 रुपये लीटर तक उपलब्ध करा दिया जाता है। ऐसे मिलावटी तेल को बाजार के भाव में विक्रेता बेचते हैं। ग्रामीण क्षेत्र के लोग पेट्रोल पंप दूर रहने के कारण स्थानीय स्तर पर ही ईंधन खरीदना बेहतर समझते हैं।

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वाहनों को पहुंच रहा नुकसान::

नकली तेल बाजार में बेचकर ऐसे कारोबारी तो मुनाफा कमा रहे हैं लेकिन लोगों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। स्थानीय वाहन मैकेनिक गुलजार ने बताया कि मिलावटी ईंधन के इस्तेमाल से गाड़ी के इंजन पर असर पड़ता है और इंजन सीज होने का खतरा रहता है। अक्सर ग्रामीण क्षेत्र के वाहनों में अधिक धुआं या अन्य तरह की शिकायतें आती हैं इसका मुख्य कारण मिलावटी तेल गाड़ी या मशीन में डालना है। इसलिए लोगों को खुले बाजार में बोतल वाला तेल लेने से बचना चाहिए।

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बंगाल से भी आती मिलावटी तेल की खेप::

जिले में मिलावटी तेल की सप्लाई स्थानीय स्तर के अलावा बंगाल से भी पहुंचती है। जानकार बताते हैं कि किशनगंज से सटे बंगाल इलाके से लगभग प्रतिदिन अहले सुबह ऐसे मिलावटी तेल की खेप लायी जाती है जिसे विभिन्न क्षेत्रों में सप्लाई कर दिया जाता है। ऐसे वाहनों के प्रवेश से लेकर वितरण तक में प्रशासन की मिलीभगत से इन्कार नहीं किया जा सकता है।


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