Move to Jagran APP

खुशबू कुमारी : टाफी की प्लेट में हल हो जाते हैं कठिन से कठिन सवाल, अंताक्षरी से शब्दकोश हो रहा है समृद्ध

बिहार की भागलपुर की शिक्षिका हैं खुशबू कुमारी। वह बेहतरीन तरीके से बच्‍चों को पढ़ाती है। बच्‍चे भी इसमें काफी रूचि लेत हैं। उनके पढाई के अंदाज की काफी प्रशंसा हो रही है। प्रत्यक्ष ज्ञान के जरिए बच्चों की पर्यावरण के प्रति बेहतर समझ की जा रही है विकसित।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 08:15 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 08:15 AM (IST)
खुशबू कुमारी : टाफी की प्लेट में हल हो जाते हैं कठिन से कठिन सवाल, अंताक्षरी से शब्दकोश हो रहा है समृद्ध
मध्य विद्यालय जानीपुर की शिक्षक खुशबू कुमारी।

भागलपुर। प्ले एंड लर्न के कांसेप्ट पर अब सरकारी स्कूलों के बच्चे भी खेल-खेल में पढ़ाई करने के गुर सीख रहे हैं। टाफी की प्लेट में पलक झपकते कठिन से कठिन सवाल न सिर्फ हल हो जाते हैं, बल्कि बच्चों को पूरा अध्याय भी याद हो जाता है। प्रत्यक्ष ज्ञान के सहारे बच्चों में पर्यावरण के प्रति बेहतर समझ विकसित की जा रही है। इससे खेत-खलिहान से उनका लगाव भी बढ़ रहा है।

loksabha election banner

शिक्षा में इस तरह के बदलाव की वाहक बनी हैं- मध्य विद्यालय जानीपुर की शिक्षक खुशबू कुमारी। खुशबू नवाचार के जरिये बच्चों की जिंदगी में खुशियों के रंग बिखेर रही हैं। शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए खुशबू का चयन एसटीआर (राज्य शिक्षक संसाधन कोष) के लिए हुआ है। उनका नाम अब एनटीआर (राष्ट्रीय शिक्षक संसाधन कोष) के लिए आगे बढ़ाया गया है।

खुशबू ने बदल दिया विद्यालय में पढ़ाई का तरीका

खुशबू की शिक्षण शैली की सबसे बड़ी विशेषता पर्ची विधि है। इसमें खुशबू दो प्लेट रखती हैं। एक प्लेट में प्रश्न और दूसरे में टाफी (चाकलेट) रखी जाती है। एक-एक कर छात्र आते हैं और पर्ची उठाते हैं। पर्ची में लिखे प्रश्न का उत्तर बताने पर छात्रों को दूसरे प्लेट से टाफी दी जाती है। प्रत्येक टाफी के साथ अंक भी मिलता है। टाप थ्री में जितने बच्चे आते हैं, उन सभी छात्रों के लिए कक्षा के अन्य छात्र तालियां बजाते हैं।

जादू सा होता है असर

खुशबू कहती हैं- टाफी और तालियां जादू सा असर दिखा रहीं हैं। कक्षा में कम अंक लाने वाले छात्र भी अगली बार टाफी और तालियां हासिल करने के लिए कठिन मेहनत करते हैं। 40 बच्चों की कक्षा में अब टाप थ्री में एक साथ 15 से 20 बच्चे तक शामिल हो जा रहे हैं।

ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों की अंग्रेजी बहुत बेहतर नहीं होती। ऐसे में उनकी अंग्रेजी ठीक करने के लिए भी मैंने इस तरीके को अपनाया। बच्चे पर्ची उठाने के बाद ब्लैकबोर्ड पर अंग्रेजी शब्द की स्पेङ्क्षलग लिखते हैं। सही स्पेङ्क्षलग लिखने वालों को टाफी दी जाती है।

अंताक्षरी विधि से समृद्ध हो रहा शब्दकोश

खुशबू ने ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों की अंग्रेजी शब्दकोश को समृद्ध करने के लिए अंताक्षरी को अपनी शिक्षण शैली में शामिल किया। लड़के और लड़कियों को अलग-अलग समूह में विभक्त कर दिया गया। इसके बाद दोनों ग्रुप को पांच-पांच शब्द स्पेङ्क्षलग और उसके ङ्क्षहदी अर्थ सहित बोलने के लिए कहा जाता है। प्रत्येक शब्द पर अंक दिए जाते हैं। अधिक अंक हासिल करने वाले ग्रुप को खुशबू पांच अंक बोनस के रूप में देती हैं। इसके बाद विजेता टीम के सदस्य कोई वर्ड बोलते हैं। उसके आखिरी अल्फावेट से दूसरे समूह के प्रतिभागी को शब्द बोलने होते हैं। खुशबू बताती हैं कि अंताक्षरी विधि का यह लाभ हुआ कि एक-एक छात्र-छात्रा को अंग्रेजी के सौ से पांच सौ शब्द स्पेलिंंग सहित याद हो गए। अब यह प्रतियोगिता घंटों चलती है।

खेत-खलिहानों में दिया जाता है प्रत्यक्ष ज्ञान

सामान्य पाठ्यक्रम से अलग हट कर खुशबू छात्रों को व्यवहारिक ज्ञान भी दे रही हैं। खुशबू बच्चों को पास के खेत खलिहान पर ले जाती हैं। जहां बच्चों को अलग-अलग पौधों के बारे में बताया जाता है। पौधे से होने वाले लाभ, खेत-खलिहान आदि के बारे में जानकारी दी जाती है। खुशबू ने कहा कि प्रत्यक्ष ज्ञान से जहां बच्चों में पर्यावरण के प्रति बेहतर समझ विकसित हो रही है। वहीं, नई चीजों के बारे में जानने की जिज्ञासा भी बढ़ रही है।

खुशबू का प्रयास सराहनीय है। सभी शिक्षकों को शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करना चाहिए। इस माध्यम हम बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे सकेंगे। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए नवाचार के ये प्रयास सराहनीय हैं। - संजय कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, भागलपुर

टीचर्स ऑफ बिहार की प्रशंसा

शिक्षिका खुश‍बू कुमारी की कार्यशैली की प्रशंसा टीचर्स ऑफ बिहार ने की है। इसके फाउंडर शिव कुमार ने कहा कि नवीनतम और आकर्षक प्रयोग को करने से बच्‍चों में पढ़ाई के प्रति रूचि जगती है। बच्‍चे मन लगाकर पढ़ते हैं। शिक्षिका का पढ़ाने का यह अंदाज प्रशंसनीय है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.