खगडिय़ा-कुशेश्वरस्थान रेल परियोजना : छुक-छुक कर इस मार्ग पर चलेगी ट्रेन, जल्द बजेगी सिटी
खगडिय़ा-कुशेश्वरस्थान रेल परियोजना 60 करोड़ रुपये मिले हैं। महेशखूंट से अगुवानी तक रेल लाइन को लेकर सर्वे किया जाएगा। राशि की व्यवस्था की गई है जो 50 हजार है। खगडिय़ा सांसद चौधरी महबूब अली कैसर ने भी इस दिशा में पहल किया है।
बेलदौर (खगडिय़ा) [भवेश]। सुदूर गांवों में अब ट्रेन की सीटी बजने की उम्मीद जगी है। खगडिय़ा सांसद चौधरी महबूब अली कैसर के प्रयास से वर्षों पुरानी खगडिय़ा-कुशेश्वरस्थान रेल परियोजना को गति मिली है। खगडिय़ा से अलौली तक रेल लाइन का निर्माण कार्य पूर्ण होने की स्थिति में है। इस बजट में खगडिय़ा-कुशेश्वरस्थान रेल परियोजना को लेकर 60 करोड़ मिले हैं। महेशखूंट से अगुवानी तक रेल लाइन को लेकर सर्वे का कार्य किया जाएगा। इसको लेकर भी राशि की व्यवस्था की गई है, जो 50 हजार है।
सिमरी बख्तियारपुर वाया बेलदौर होते हुए बिहारीगंज रेल परियोजना के सर्वे को ले मिली राशि दूसरी ओर सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर वाया बेलदौर होते हुए बिहारीगंज रेल परियोजना को लेकर सर्वे का प्रावधान किया गया है। सर्वे को लेकर नए बजट में राशि का प्रावधान भी हुआ है। फिलहाल यह राशि 30 हजार की है।
सूत्रों के अनुसार दशकों पहले तत्कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र ने बदला घाट से वाया बेलदौर होते हुए मधेपुरा जिले के बिहारीगंज तक रेल परियोजना को लेकर सर्वे कराया था। उनके असामयिक निधन के बाद इस सपने पर तुषारापात हो गया। अब जाकर दशकों बाद नई उम्मीद जगी है। परिवर्तन इतना हुआ है कि बदला घाट के बदले सिमरी बख्तियारपुर को जोड़ा गया है। इसको लेकर बेलदौर वासी लगातार रेल संघर्ष समिति का गठन कर प्रयास करते रहे हैं। दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से लेकर वर्तमान खगडिय़ा सांसद चौधरी महबूब अली कैसर तक से गुहार लगाई है। अब सर्वे कार्य की जानकारी से सपने को पंख लगे हैं।
बेलदौर के रेल सेवा से जुडऩे बाद मक्का व्यवसाय को मिलेगा नया क्षेत्र
सदस्य, जेडआरयूसीसी, पूर्व रेलवे, राकेश कुमार सिंह ने कहा कि सिमरी बख्तियारपुर से बेलदौर होते हुए बिहारीगंज रेल परियोजना के सर्वे कार्य को लेकर कुल आठ लाख 10 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है। जिसमें वित्तीय वर्ष 2020-21 तक एक लाख 20 हजार रुपये मिले। 21-22 में 30 हजार और 22-23 में 30 रुपये दिए गए हैं। सर्वे को पूरा करने के लिए साढ़े छह लाख और चाहिए।अभी बेलदौर की तीन लाख की आबादी 50 किलोमीटर दूर सहरसा अथवा फिर खगडिय़ा जंक्शन पहुंचने के बाद ही महत्वपूर्ण ट्रेनों को पकड़ पाती है। मिथिलेश निषाद कहते हैं-भारत में बेलदौर की पहचान मक्का उत्पादन को लेकर है। अगर रेल सेवा आरंभ होगी, तो यहां के बाजार को नया आसमान मिलेगा। मक्का के किसानों की स्थिति बेहतर होगी।
खगडिय़ा संसदीय क्षेत्र में रेल सेवा के विस्तार को लेकर लगातार प्रयास जारी है। सिमरी बख्तियारपुर से बेलदौर होते हुए बिहारीगंज तक रेल परियोजना को लेकर सर्वे कार्य हेतु इस वित्तीय वर्ष में भी 30 हजार दिए गए हैं। - चौधरी महबूब अली कैसर, सांसद, खगडिय़ा।