खगड़िया का बायसी जलकर नहीं आ पाया पर्यटन के नक्शे पर, नववर्ष पर लोगों को उम्मीद
आसपास के लोगों में यह आशा जगी थी कि बायसी जलकर पर्यटन के नक्शे पर आएगा। यहां मत्स्य पालन और पर्यटन से आर्थिकी को भी मजबूती मिलेगी। यह जलकर एनएच-107 से कुछेक किलोमीटर की दूरी पर है। चार जनवरी 2020 को मुख्यमंत्रीने किया था जलकर के जीर्णोद्धार कार्य का शिलान्यास
खगडिय़ा [भवेश] । चार जनवरी 2020 को तेलिहार गांव अवस्थित बायसी जलकर के जीर्णोद्धार कार्य का शिलान्यास सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था। यहां उन्होंने पौधारोपण भी किया था। उस समय आसपास के लोगों में यह आशा जगी थी, कि, बायसी जलकर पर्यटन के नक्शे पर आएगा। यहां मत्स्य पालन और पर्यटन से आर्थिकी को भी मजबूती मिलेगी।
यह जलकर एनएच-107 से कुछेक किलोमीटर की दूरी पर है। प्रसिद्ध बीपी मंडल सेतु, डुमरी घाट से यहां आसानी से आया-जाया जा सकता है। खैर, बायसी जलकर को पर्यटन के नक्शे पर लाने का सपना अभी भी अधूरा है। एक साल होने को है फिर भी इसकी सूरत नहीं बदल पाई है। इसलिए इस नूतन वर्ष पर यहां पर्यटक, पिकनिक मनाने वाले नहीं पहुंचेंगे।
24 एकड़ में फैला हुआ है बायसी जलकर
बायसी जलकर 24 एकड़ में फैला हुआ है। 16.10 एकड़ जलग्रहण क्षेत्र है। जलकर की गहराई 10 फीट है। जलकर के चारों ओर वन विभाग की ओर से पौधारोपण किया जाना था, लेकिन एक साल होने पर है, यह कार्य परवान नहीं चढ़ा है।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग
तेलिहार पंचायत निवासी शेखर ङ्क्षसह ने कहा कि बायसी जलकर कहीं सपनों का पर्यटन स्थल बनकर नहीं रह जाए। मुख्यमंत्री के यहां से जाने बाद इस ओर किन्हीं का ध्यान नहीं है। स्थानीय घनश्याम कुशवाहा ने कहा कि इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। जलकर का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण से यहां की आर्थिक विकास को भी बल मिलेगा।
क्या कहते है कि अंचलाधिकारी
सीओ अमित कुमार ने कहा कि जलकर के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण कार्य में कहां व्यवधान है, इसकी पड़ताल की जाएगी। पड़ताल बाद आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
क्या कहते हैं कार्यपालक अभियंता
कार्यपालक अभियंता नवल किशोर ने बताया कि बायसी जलकर के जीर्णोद्धार कार्य का स्टीमेट स्वीकृत है। टेंडर होना है। पूर्व में जो कार्य हुए थे, उसके भुगतान को लेकर भी ऊपर लिखा गया है।