केबी झा कॉलेज में राशि रहने के बाद भी निर्माण कार्यों पर लगा है ब्रेक, जर्जर भवन की नहीं हो रही मरम्मत
कटिहार के केबी झा कॉलेज के भवन की मरम्मत पैसा रहते नहीं हो पा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन द्धारा इसको लेकर दिशा निर्देश जारी नहीं किए जाने के कारण उपलब्ध राशि का व्यय नहीं किया जा रहा है। यहां कुल 18 विषयों की पढ़ाई की यहां व्यवस्था है।
कटिहार [राजीव चौधरी]। शहर के केबी झा महाविद्यालय में विविध कोष में राशि उपलब्ध होने के बाद भी निर्माण कार्याें पर ब्रेक लगा हुआ है। महाविद्यालय के जर्जर भवन एवं वर्ग कक्ष की मरम्मत का काम तक नहीं हो पा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन द्धारा इसको लेकर दिशा निर्देश जारी नहीं किए जाने के कारण उपलब्ध राशि का व्यय नहीं किया जा रहा है। बता दें कि महाविद्यालय में समस्याओं का अबार लगा हुआ हैं। यहां अलग-अलग वर्ग व विषयों में कुल 9287 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। कुल 18 विषयों की पढ़ाई की यहां व्यवस्था है। इस अनुरुप उचित संसाधन यहां उपलब्ध नहीं है।
नौ वर्ष पूर्व लाखों की लागत से छात्र छात्राओं के लिए स्विङ्क्षमग पुल का निर्माण कार्य आरंभ हुआ था। यह स्विङ्क्षमग पुल अब भी अधूरा पड़ा है। निर्माणधीन पुल में कचरा फेके जा रहे हैं और बड़ी-बड़ी झाडिय़ां उग गई है।
जर्जर है कक्षा वर्ग, पेयजल की भी सुविधा नहीं
महाविद्यालय में जितने भी पुराने कक्षा रूम हैं, सभी पूरी तरह जर्जर हो चुका है। वर्ग कक्ष का फर्श तक उखड़ चुका है। दीवार के प्लास्टर झड़ रहे हैं। हर तरफ मकड़ा का जाल लगा रहता है। इधर कॉलेज परिसर में शुद्ध पेयजल की भी समुचित व्यवस्था अब तक नहीं हो पाई है। कॉलेज प्रांगण में एक चापाकल तो हैं लेकिन इससे आयरन युक्त पानी निकलता है। छात्र-छात्राओं को बाहर से बोतल बंद पानी खरीद कर प्यास बुझानी पड़ती है।
इंडोर स्टेडियम का भी निर्माण कार्य नहीं हो पाया है पूर्ण
सात वर्ष पूर्व लाखों की लागत से शुरु हुआ इंडोर स्टेडियम का निर्माण कार्य भी अब तक पूर्ण नहीं हो पाया है। फर्श का निर्माण नहीं होने से छात्र-छात्राओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इधर महाविद्यालय में सफाई कर्मी की नियुक्ति नहीं होने से नियमित साफ सफाई नहीं होती हैं। इससे वर्ग कक्ष से लेकर परिसर तक में गंदगी का अंबार लगा रहता है।
क्या कहते हैं छात्र नेता
अभाविप के नगर मंत्री विक्रात ङ्क्षसह व एनएसयूआई के नेता अमित पासवान ने कहा कि कॉलेज में राशि की कोई कमी है। इसके बावजूद कॉलेज में कई समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। कालेज प्रशासन का कहना है कि विश्वविद्यालय के निर्देश के बैगर कुछ नहीं हो सकता है।
क्या कहते हैं प्रधान सहायक
प्रधान सहायक पशुपति झा ने कहा कि कॉलेज के पास राशि की कमी नहीं हैं। कॉलेज की विभिन्न समस्याओं से विवि को पत्र लिखकर अवगत कराया गया है। उन्होंने कहा कि कॉलेज के विकास को लेकर अपेक्षित पहल की जा रही हैं।