कटिहार : शिवगंज में टूटे तटबंध की मरम्मत के लिए लोग हुए मुखर, इन गांवों पर हर साल बरपता है कहर
कटिहार के शिवगंज बांध को बांधने के लिए संघर्ष समिति के लोग अब आगे आने लगे हैं। लोगों ने कहा कि इस बांध के क्षतिग्रस्त रहने से हर साल इलाके के लोगों को बाढ़ का कहर झेलना पड़ता है।
कटिहार, जेएनएन। प्रति वर्ष महानंदा की आने वाली बाढ़ से तबाह हो रहे लोगों ने शिवगंज में खुले तटबंध को बांधने की मांग उठाई है। बुधवार को कदवा दुर्गा मंदिर मैदान में स्थानीय समाजसेवी पप्पू विश्वास की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में काफी संख्या में क्षेत्रीय लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर बांध बनाओ संघर्ष समिति के गठन का प्रस्ताव लिया गया।
तटबंध के नहीं रहने से कदवा के किसान हर साल होते हैं तबाह
वक्ताओं ने कहा कि शिवगंज में महानंदा तटबंध के खुले रहने की वजह से प्रतिवर्ष कदवा के किसान तबाह होते हैं। पहले जहां खेतों में तीन फसल होती थी, अब एक फसल पर आफत है। इसके अलावा पानी के वेग से खेत में बालू आने से उपजाऊ भूमि बंजर होती जा रही है। किसान भुखमरी की स्थिति में पलायन को मजबूर हैं। साथ हीं बाढ़ के पानी के वेग से सड़क, पुल, पुलिया एवं घर द्वार की व्यापक पैमाने पर क्षति होती है। तटबंध के खुला रहने से कदवा के अलावा डंडखोरा, प्राणपुर, हसनगंज, आजमनगर सहित अन्य प्रखंड के लोग बाढ़ से परेशान होते हैं। लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जबकि यह किसानों को सबसे बड़ी परेशानी है।
लोगों ने कहा कि सभी जगहों पर तटबंध को बांध दिया गया है। सिर्फ शिवगंज के पास खुला हुआ है। इससे कदवा के अलावा कई पंचायत के किसान एवं आमलोग परेशान है। लोगों ने बाढ़ के स्थाई निदान पर जोर दिया। लोगों ने कहा कि अगर तटबंध निर्माण कार्य शुरु नहीं किया गया तो आगे आंदोलन तेज किया जाएगा। इससे संबंधित मांग पत्र मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, आपदा प्रबंधन विभाग, सांसद, विधायक सहित अन्य लोगों को भी प्रेषित किया गया है। इस मौके पर पूर्व प्रमुख रेणु देवी, तारिणी विश्वास, घनश्याम विश्वास, विवेकानंद महतो, नीतीश विश्वास, अखिलेश मंडल, शंभू चौहान सहित कई अन्य लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए।