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कटिहार के दियारा में फिर बढऩे लगी बारुदी गंध, दहशत में किसान, जानिए क्या है मामला...

कटिहार के दियारा इलाके में हाल के दिनों में फिर अपराध का ग्राफ बढऩे लगा है। किसानों से फसल की लेवी नाव से रंगदारी सहित गंग बरार जमीन पर कब्जा उपजने वाली फसल की रंगदारी लेकर वर्चस्व की जंग छिड़ गई है। इससे किसान दहशत में हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 06:10 AM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 06:10 AM (IST)
कटिहार के दियारा में फिर बढऩे लगी बारुदी गंध, दहशत में किसान, जानिए क्या है मामला...
कटिहार के दियारा इलाके में हाल के दिनों में फिर अपराध का ग्राफ बढऩे लगा है।

कटिहार [प्रीतम ओझा]। मनिहारी थाना क्षेत्र का दियारा इलाका फिर अपराधियों के चहलकदमी से गरमा उठा है। दियारा क्षेत्र में कई नए अपराधी गिरोहों में किसानों से फसल की लेवी, नाव से रंगदारी सहित गंग बरार जमीन पर कब्जा, उपजने वाली फसल की रंगदारी लेकर वर्चस्व की जंग छिड़ गई है। गत एक सप्ताह से दियारा में वर्चस्व को लेकर गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका गूंज रहा है।

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किसानों के साथ मारपीट की दर्ज हो चुकी है प्राथमिकी

नव वर्ष के आगमन के साथ ही मनिहारी के बैजनाथपुर दियारा में अपराधी गिरोह ने किसानों के साथ मारपीट कर पुलिस को चुनौती दे डाली। इस घटना को लेकर मनिहारी थाना में मामला दर्ज भी हुआ है। घटना को लेकर मनिहारी नगर के सिग्नल टोला के कई लोगों ने गंगा पार बैजनाथपुर में आधी बाटी तथा अपने खेतों में फसल सहित कास की फसल की देखभाल करते हैं। वही कई लोगों का बथान भी है। दियारा क्षेत्र के नए गिरोह के अपराधियों ने अवैध हथियार से लैस होकर दहशत व वर्चस्व को लेकर खेतों में लगी फसल की देख रेख कर रहे किसानों के साथ मारपीट करते हुए फसल की रंगदारी की मांग की थी। अपराधियों ने दहशत फैलाने के लिए किसानों के साथ मारपीट भी किया, जिसमे एक किसान रुदल महतो घायल हो गया था।

दो दिन पूर्व दो गिरोहों के बीच हुई जमकर फायरिंग

इधर बुधवार को दो गिरोहों के बीच वर्चस्व को लेकर जमकर गोलीबारी हुई। इस गोलीबारी की घटना से लोगों में दहशत व्याप्त है। किसान सब कुछ देखकर भी चुप हैं। कुछ लोग हालात से समझौता कर लेते है तथा इसे नियति मान चुप रहते हैं। इससे अपराधी गिरोहों का मनोबल बढ़ता जाता है। वही दियारा में अपराधी जाति का सहारा लेकर जातियों के राबिनहुड भी बन जाते हैं। दियारा के अनमोल उपजाऊ जमीन पर उगने वाले फसल, सरकारी जमीन पर लगे फसलों की लेवी, गंगा नदी के छाडऩ व कोल ढाब में मछली मारने वाले मछुआरों से रंगदारी, नाव से रंगदारी से होने वाली अकूत कमाई को लेकर भी अपराधी गिरोह इलाके में वर्चस्व जमाना चाहते हैं।

भौगोलिक बनावट का मिलता है अपराधियों को लाभ

दियारा का भौगोलिक बनावट इन अपराधियों के लिए वरदान साबित होता है। दियारा क्षेत्र झारखंड के साहिबगंज जिला तथा भागलपुर जिला से जुड़ा हुआ है। गंगा दियारा के बड़े भू-भाग में कास के जंगल, नदी के छाडऩ, बालू की रेत सहित अन्य समस्याओं के कारण पुलिस को पहुंचने में भी देर होती है। दियारा क्षेत्र की कुछ घटना ही सामने आती है। अभी कलाई की फसल के अलावा राई, गेंहू, मक्का सहित ककड़ी, खीरा सहित अन्य फसल लगे है। इसी पर कब्जा व वर्चस्व को लेकर दो गुट भीड़ गये है। अपनी ताकत दिखाने के लिए दियारा क्षेत्र के अपराधी अपने दूर दराज के सहयोगी गुट को भी बुलाते है तथा हर तरह से तैयार होकर विरोधी गुट पर हमला करते हैं। इस गोलीबारी की गवाह दियारा की उपजाऊ रेत की जमीन होती है। फिलहाल अत्याधुनिक हथियारों से लैस कई गिरोह मजबूत स्थिति में है। फिलहाल मोहन ठाकुर के कई वर्ष से जेल में बंद रहने व बासुकी ठाकुर के कुछ माह पूर्व भागलपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद पुलिस ने चेन की सांस ली थी। नए साल में नए अपराधी गिरोह के उठ खड़े हो जाने से वर्चस्व की जंग छिड़ गई है। गत बुधवार की घटना की गवाही बैजनाथपुर का बिचला दियारा बना है। बालू की भीत पर कई खोखे भी मिलने की सूचना है। यद्यपि पुलिस इस तरह की घटना से सीधे इंकार कर रही है। हालांकि दियारा क्षेत्र में पुलिस द्वारा सघन छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है तथा फसल कटाई के समय बैजनाथपुर में अस्थाई पुलिस कैम्प दिया जाता है। गुरुवार को भी डीएसपी के नेतृत्व में कई थानों की टीम दियारा पहुंच सर्च ऑपरेशन चलाया है, पर पुलिस को कोई खास कामयाबी नहीं मिली है।


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