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कटिहार मंडल कारा के कैदी की अस्पताल ले जाने के दौरान मौत,इस जुर्म में तीन साल से जेल में था बंद

कटिहार मंडल कारा में बंद कैदी की बुधवार को अस्‍पताल ले जाने के दौरान मौत हो गई। वह पिछले तीन साल से जेल में बंद था। स्‍वजनों ने जेल प्रशासन पर आरोप लगया है। कहा अगर समय रहते इलाज कराया जाता तो मौत नहीं होती।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Wed, 10 Mar 2021 03:43 PM (IST)Updated: Wed, 10 Mar 2021 03:43 PM (IST)
कटिहार मंडल कारा के कैदी की अस्पताल ले जाने के दौरान मौत,इस जुर्म में तीन साल से जेल में था बंद
कटिहार मंडल कारा में बंद कैदी की बुधवार को अस्‍पताल ले जाने के दौरान मौत हो गई।

जागरण संवाददाता, कटिहार। मंडल कारा में बंद एक विचाराधीन बंदी की इलाज के लिए अस्पताल ले जाए जाने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मृतक बंदी को दमा की बीमारी होने की बात कही जा रही है। वहीं मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही बरतने एवं समय पर अस्पताल नहीं ले जाए जाने के कारण मौत होने का आरोप लगाया है। मिली जानकारी के मुताबिक कोढ़ा थाना के सोनवर्षा निवासी मुजफ्फर आलम का 30 वर्षीय पुत्र मु. हनीफ दहेज हत्या के एक मामले में पिछले तीन माह से मंडल कारा में बंद था। बुधवार की अहले सुबह जेल में तबियत बिगडऩे के बाद बंदी का सदर अस्पताल ले जाया गया। यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक के भाई तैयब अली ने जेल प्रशासन पर इलाज में कोताही बरतने का आरोप लगाया है।

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मंडल काराधीक्षक अमरजीत सिंह ने कहा कि मृतक बंदी दमे की बीमारी से ग्रस्‍त था। जेल के चिकित्सक द्वारा उसका इलाज किया जा रहा था। अचानक तबियत बिगडऩे पर उसे सदर अस्पताल भेजा गया। जेल अधीक्षक ने बताया कि किसी न्यायिक पदाधिकारी से अन्य बंदी तथा संबंधित चिकित्सक से घटना को लेकर जानकारी लिए जाने का निवेदन मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी से किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रावधान के तहत मृतक बंदी का अंत्यपरीक्षण भागलपुर में कराया जाएगा।

स्‍वजन लगा रहे कई तरह के आरोप

  मंडल कारा में बंद एक विचाराधीन बंदी की इलाज के लिए ले जाने के दौरान मौत मामले में कई तरह के आरोप कैदी के स्‍वजन लगा रहे हैं। स्‍वजनों की मानें तो एक तो उनका स्‍वास्‍थ्‍य पहले से ही खराब था, समय रहते उन्‍हें इलाज की सुविधा उपलब्‍ध नहीं कराई गई। इसके अलावा मंगलवार को भी उनकी तबीयत खराब थी। बुधवार को अगर समय रहते उन्‍हें अस्‍पताल पहुंचा दिया जाता तो उनकी जान बच जाती।


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