Move to Jagran APP

मकर संक्रांति की आहट से चूड़ा मिलों में लगने लगी लंबी कतार, इस साल दूर प्रदेश नहीं भेज सकेंगे सेमापुर का चूड़ा

मकर संक्रंति को लेकर चूड़ा मिलों में भीड़ लगने लगी है। सेमापुर के चूड़ा की अलग पहचान है। यहां पर चूड़ा कुटाने के लिए दूर दराज से लोग आते हैं। यहां के चूड़ा को संदेश के तौर पर भेजते थे लेकिन इस बार ट्रेनों बंद रहने से नहीं भेज सकेंगे।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sun, 03 Jan 2021 04:36 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jan 2021 04:36 PM (IST)
मकर संक्रांति की आहट से चूड़ा मिलों में लगने लगी लंबी कतार, इस साल दूर प्रदेश नहीं भेज सकेंगे सेमापुर का चूड़ा
मकर संक्रंति को लेकर चूड़ा मिलों में भीड़ लगने लगी है।

जागरण संवाददाता, कटिहार। मकर संक्रांति की आहट से ही सेमापुर स्थित चूड़ा मिलों में लंबी कतार लगने लगी है। चूड़ा कूटाने को दूर-दूर से लोग यहां पहुंच रहे हैं। यद्यपि इस बार ट्रेनों का परिचालन बाधित रहने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

loksabha election banner

कटिहार बरौनी रेलखंड के सेमापुर बाजार स्थित चूड़ा मिलों में जिले के अलावा भागलपुर व खगडिय़ा के कई इलाके से भी लोग पहुंचते रहे हैं। चूड़ा की बेहतर क्वालिटी के कारण यहां के मिलों में चूड़ा कूटवाना पसंद करते हैं। सेमापुर में आधा दर्जन से अधिक बड़े चूड़ा मिल संचालित हैं। मक्रर संक्राति पर्व के मौके पर मानसी से लेकर महेशखूटव थानाबिहपुर तक के लोग सेमापुर चूड़ा कुटवाने आते है। अगहनी धान व भदैया धान के निकलने के साथ अरवा चूड़ा कूटाने वालों की भीड़ यहां लगने लगती है। इससे मिल मालिकों का कारोबार चमक उठता है। इधर मकर संक्रांति की आहट के साथ एक बार फिर वही नजारा यहां दिखने लगा है।

रात रात भर चूड़ा मिलें चल रही हैं। लोग घंटों कतार में रहकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं। यद्यपि मिल मालिकों का कहना है कि इस बार ट्रेनों का परिचालन बाधित रहने के कारण लोगों की भीड़ कुछ कम आ रही है। खगडिय़ा आदि क्षेत्र से कम लोग पहुंच पा रहे हैं। लोगों को वाहन रिजर्व कर यहां आना पड़ रहा है। बता दें कि फिलहाल बरौनी से महज एक पैसेंजर ट्रेन सेमापुर रात्री में पहुंचती है और सुबह लौट जाती है।

क्या कहते हैं लोग

थाना बिहपुर निवासी राजा, सोनू, मंजूला देवी व मिनाक्षी कुमारी ने बताया कि ट्रेन के बंंद रहने से डेढ़ सौ रुपया पिकअप में भाड़ा देकर दो बजे रात में निकले थे। जद्दोजहद के बाद चूड़ा कूटवा पाए हैं। वही राजेन्द्र साह, बिमला देवी, कलावती देवी आदि ने बताया कि सेमापुर के चूड़ा मिल में खास कर अड़वा चूड़ा क्वालिटी काफी बढिय़ा रहता है। चूड़ा में टूट और भूसी कम रहती है। यही कारण है कि थोड़ी परेशानी सहकर भी यहीं चूड़ा कूटाने आते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.