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श्रावणी मेला : बालू उत्खनन से बदुआ नदी हुआ खतरनाक, कांवरियों को होगी परेशानी Bhagalpur News

नदी में कमर से उपर पानी आने के बाद ही कांवरिया पुल का इस्तेमाल करते हैं। अगर पीलर में लोहे की जंजीर नहीं लगाई गई तो कांवरिये पानी के तेज बहाव में बह सकते हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 09:31 AM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 09:31 AM (IST)
श्रावणी मेला : बालू उत्खनन से बदुआ नदी हुआ खतरनाक, कांवरियों को होगी परेशानी Bhagalpur News
श्रावणी मेला : बालू उत्खनन से बदुआ नदी हुआ खतरनाक, कांवरियों को होगी परेशानी Bhagalpur News

भागलपुर [नवनीत मिश्र]। बालू उत्खनन से बदुआ नदी कांवरियों के लिए खतरनाक साबित होने वाली है। नदी का तल उबर-खाबर हो गया है। अधिकतर कांवरिये नदी पार कर ही धौरी पहुंचते हैं। सुरक्षा के दृष्टिकोण से यहां पीलर में लोहे की जंजीर लगाई जाती है, ताकि इसे पकड़कर वे नदी पार सकें। अब तक जंजीर लगाने की कवायद शुरू नहीं हुई है।

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नदी में कमर से उपर पानी आने के बाद ही कांवरिया पुल का इस्तेमाल करते हैं। अगर पीलर में लोहे की जंजीर नहीं लगाई गई तो कांवरिये पानी के तेज बहाव में बह सकते हैं। कांवरियों में बुजुर्ग महिलाओं की अच्छी खासी तादाद रहती है। बदुआ नदी बांका और मुंगेर दोनों ही जिले में पड़ता है। हालांकि बांका डीएम ने नदी की खतरनाक स्थिति को देखते हुए पूर्व में बनाए गए पीलर में लोहे की जंजीर लगाने का निर्देश बीडीओ मनोज कुमार मुर्मू को दिया है। उन्होंने झरने के पानी से बालू के बहाव को बचाने के लिए पीएचईडी कार्यपालक अभियंता को 10 से 15 फीट चौड़ा लाल रंग की कार्पेट बिछाने का निर्देश दिया। साथ ही प्रवेश द्वार पर कांवरिया की संख्या गिनती के लिए ई-काउंटर फ्लेक्स मशीन लगाने का भी निर्देश दिया है। बांका डीएम ने सख्त आदेश दिया है कि अगर कांवरिया पथ पर कीचड़ होने की शिकायत मिली तो प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।

इधर, भागलपुर और बांका के डीएम के निरीक्षण के बाद शुक्रवार को कुछेक जगहों पर बालू गिराई गई। इस बार भी मिट्टी मिश्रित बालू ही पथ पर गिराई गई है। इस कारण कांवरिया पथ पर कीचड़ में कोई कमी नहीं आई है। भागलपुर और बांका दोनों ही जिलों के डीएम ने चालने के बाद महीन बालू कावरिया पथ पर बिछाने निर्देश दिया है। वहींं, सुल्तानगंज घाट को सुविधाजनक बनाने की पहल तेज कर दी गई है।

डस्टबिन नहीं रखने पर सौ रुपये का जुर्माना

कांवरिया पथ पर गंदगी को लेकर जगह-जगह डस्टबिन लगाया जाएगा। स्वच्छता रथ व दूत की तैनाती होगी। कचरे को रथ से उठाकर डंपिंग स्थल पर प्रतिदिन फेंका जाएगा। भुट्टा, चाट आदि बेचने वालों को भी अपना डस्टबिन रखना होगा। डस्टबिन नहीं रखने की स्थिति में एक सौ रुपये जुर्माना किया जाएगा।

टेंट सिटी निर्माण का काम तेज

श्रावणी मेला को लेकर तैयारी जोर-शोर से चल रही है। धांधी बेलारी और अबरखा में 500 बेड की क्षमता वाले टेंट सिटी का काम तेजी से चल रहा है। कटोरिया बस स्टैंड व कांवरिया पथ के किनारे टेंट सिटी शिविर में तैयारी हो रही है। टेंट सिटी में कांवरियों की आस्था को ध्यान में रखते हुए जमीन पर बेड की व्यवस्था रहेगी। बेड पर ही कांवरिया विश्राम करेंगे। टेंट सिटी के समीप शौचालय, पेयजल, स्नानागार, कूलर, मोबाइल चार्जींग की व्यवस्था समेत कड़ी-सुरक्षा होगी। टेंट सिटी के बाहर एलईडी टीवी एवं एलईडी बल्ब लगाए जाएंगे। कांवरिया पथ के दुम्मा तक कांवरियों को मखमली एहसास दिलाने के लिए बालू चाल कर दिया जाएगा। चलनी से चाला हुआ बालू ही कांवरिया पथ पर बिछाया जाएगा। कांवरिया पथ में दीवारों की रंगाई-पुताई के साथ शौचालय व चापाकल मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है। प्रशासन द्वारा तय दर को श्रावणी मेला के दौरान दुकानों के बाहर टांग कर रखा जाएगा।

सुल्तानगंज से देवघर 104 किलोमीटर

गंगाधाम से असरगंज : 11 किमी

असरगंज से मनिया मोड़ : 12 किमी

मनिया मोड़ से कुमरसार : 06 किमी

कुमरसार से जिलेबिया : 11 किमी

जिलेबिया से अबरखा : 13 किमी

अबरखा से कटोरिया : 07 किमी

कटोरिया से इनारावरण : 15 किमी

इनारावरण से गोडिय़ारी : 07 किमी

गोडिय़ारी से कलकतिया : 15 किमी

कलकतिया से दर्शनिया : 06 किमी

दर्शनिया से बाबाधाम : 01 किमी


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