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JLNMCH: ICU में नहीं थे चिकित्सक, मरीज के स्वजनों ने कई बार किया हंगामा, नर्सो ने क‍िया यह व्‍यवहार

JLNMCH ICU में चिकित्सकों के नहीं रहने पर मरीज काफी परेशान रहे। स्वजनों ने कई बार हंगामा किया। नर्सो ने भी अमर्यादित व्‍यवहार किया। इसके बाद लोग आक्रोश‍ित हो गए। हंगामे की सूचना पर अस्पताल अधीक्षक ने मेडिसीन और एनेस्थीसिया विभाग के अध्यक्ष से की बात।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 09:59 AM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 09:59 AM (IST)
JLNMCH: ICU में नहीं थे चिकित्सक, मरीज के स्वजनों ने कई बार किया हंगामा, नर्सो ने क‍िया यह व्‍यवहार
नर्सो के झिड़कने पर भड़क गया लोग।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) के आइसीयू में डाक्टरों के नहीं रहने पर रविवार को मरीजों के स्वजनों ने कई बार हंगामा किया। स्वजनों का कहना था कि सभी जानते हैं कि आइसीयू में गंभीर मरीज भर्ती होते हैं। बावजूद इसके चिकित्सक का नहीं होगा दुर्भाग्यपूर्ण और अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल खड़े करने वाला है।

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उन्होंने बताया कि एक तो चिकित्सक गायब थे। मरीज को देखने के लिए जब नर्स के पास गया तो उन्होंने भी झिड़क कर भगा दिया। इससे लोगों का गुस्सा और भड़क उठा। हंगामे की जानकारी अस्पताल अधीक्षक को हुई तो उन्होंने मेडिसीन और एनेस्थीसिया विभाग के अध्यक्ष से बात की। देर शाम डा. महेश ने आइसीयू आकर मरीजों को देखा।

दरअसल, मेडिसीन इंडोर में मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है। इसी बीच आइसीयू में ड्यूटी करने वाले पीजी के छात्र परीक्षा देने पटना चले गए। इसलिए चिकित्सकों की कमी हो गई। लिहाजा, पिछले 24 घंटे से आइसीयू में मरीजों का इलाज भगवान भरोसे चल रहा है।

दुखद यह कि सरकार से लाखों रुपये वेतन लेने के बाद भी वरीय चिकित्सक अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाते। यह बात अस्पताल प्रशासन को भी पता है, पर उनपर कार्रवाई करने की कोई हिम्मत नहीं जुटा पाता। यही वजह है कि जूनियर डाक्टरों के नहीं रहने के बाद भी सीनियरों ने आना मुनासिब नहीं समझा।

विभागाध्यक्षों के साथ होगी बैठक

अस्पताल अधीक्षक डा. असीम कुमार दास ने कहा कि आइसीयू के मरीजों के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए। सभी विभागों के अध्यक्ष और डाक्टरों की जिम्मेवारी है कि किसी भी सूरत में मरीजों की अनदेखी नहीं करें। खासकर आइसीयू में भर्ती मरीजों को देखने की जिम्मेदारी मेडिसीन और एनेस्थीसिया विभाग के अध्यक्ष और डाक्टरों की है। इस मामले को ले सोमवार को अध्यक्षों के साथ बैठक की जाएगी। ताकि भविष्य में इस तरह घटना नहीं हो। उन्होंने कहा कि मेडिसीन विभाग में कार्यरत पीजी के डाक्टर को वापस बुला लिया गया है।

व्यवस्था है कि इमरजेंसी पडऩे पर नर्स डाक्टर को काल कर बुलाएगी। पर नर्सों को डाक्टरों का मोबाइल नंबर ही नहीं दिया गया है।


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