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JLNMCH: मरीज को चढ़ा दी एक्सपायरी स्लाइन, आप भी सुन लें इस पर नर्स ने क्‍या कहा

मरीज को स्लाइन चढ़ाने वाली नर्स से मांगा गया स्पष्टीकरण। मरीज का बेटा एक्सपायरी स्लाइन चढ़ाने पर अस्पताल अधीक्षक को पत्र दिया था। जांच का विषय है कि स्टोर में एक्सपायरी स्लाइन थी या विभाग में स्लाइन रखे-रखे एक्सपायरी हो गई।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Sun, 10 Oct 2021 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 10 Oct 2021 07:00 AM (IST)
JLNMCH के हड्डी रोग विभाग में भर्ती चंदा कुमारी को एक्सपायरी स्लाइन चढ़ा द‍िया गया है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में भर्ती चंदा कुमारी को एक्सपायरी स्लाइन चढ़ाने के मामले में अस्पताल अधीक्षक एवं विभाग के अध्यक्ष ने स्पष्टीकरण मांगा है। बताया गया कि दवा भंडार से जिस कार्टन में स्लाइन दी गई थी, उसी कार्टन में एक एक्सपायरी स्लाइन भी थी। नर्स की लापरवाही की वजह से स्लाइन चढ़ा दी गई। इस मामले में अस्पताल अधीक्षक, विभाग के अध्यक्ष और मेट्रन द्वारा भी अपने स्तर से पूछताछ की गई है।

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गौरतलब है कि खंजरपुर की 25 वर्षीय चंदा कुमारी को शुक्रवार को दोपहर करीब तीन बजे नर्स ने एक्सपायरी स्लाइन चढ़ा दी थी। चढ़ाया गया डीएनएस 500 एमएल का था। उसकी एक्सपायरी तिथि जुलाई 2021 थी। बैच संख्या एफ19 एचओ 10 है। 80 फीसद स्पाइन चढ़ाने के बाद जब मरीज के स्वजन की नजर एक्सपायरी तिथि पर पड़ी तो वह हड़बड़ा गए और नर्स को इसकी जानकारी दी। आनन-फानन नर्स ने स्लाइन हटाई और दूसरी स्लाइन लगा दी। एक्सपायरी स्लाइन चढ़ाने पर मरीज को ठंड लगने लगी थी।

विभाग के अध्यक्ष डा. दिलीप सिंह और मेट्रेन द्वारा भी विभाग के प्रभारी नर्स और नर्स से पूछताछ की गई। यह जानकारी दी गई कि दवा स्टोर से जिस काटून में स्लाइन विभाग भेजी गई थी, उसी कार्टन में एक्सपायरी स्लाइन भी थी। नर्स ने कबूला कि उसने एक्सपायरी तिथि नहीं देखी। वहीं अस्पताल अधीक्षक ने मेट्रेन को भी जांच करने का निर्देश दिया है।

इन बैच संख्या से स्लाइन की आपूर्ति की गई

दवा स्टोर के कर्मचारियों ने बताया कि अप्रैल 2021 में बैच संख्या एफ 20 बी 020 मे 4560 बोतल, 20 डीओ 17 में 4560 बोतल और एफ 20 डीओ 24 बैच संख्या से 10880 बोतल स्लाइन की आपूर्ति की गई थी। करीब 20 हजार स्लाइन की आपूर्ति कारपोरेशन की की गई है। स्लाइन के कार्टून में एक्सपारी स्लाइन होने की संभावना से कर्मचारियों ने इंकार भी नहीं किया है। हालांकि यह भी जांच का विषय है कि स्टोर से एक्सपायरी स्लाइन दी गई या विभाग में रखे-रखे स्लाइन एक्सपायर हो गया। उनकी नजर भी एक्सपायरी तिथि पर नहीं पड़ी।


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