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JLNMCH Foundation Day: भावी चिकित्सकों को मिला 18 गोल्ड मेडल, हुई कई बड़ी घोषणाएं, जानिए क्‍या है खास

JLNMCH Foundation Day प्राचार्य ने केक काटकर की सम्मान समारोह की शुरुआत की। मेडल पाकर भाव विभोर हुए मेधावी छात्र व छात्राएं। आठ विषयों के अलावा अन्य विषयों में भी मेडल देने की हुई घोषणा। देर शाम भी हुआ सांस्कृतिक कार्यक्रम छात्रों ने बटोरी जमकर तालियां।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 11:26 AM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 11:26 AM (IST)
JLNMCH Foundation Day: भावी चिकित्सकों को मिला 18 गोल्ड मेडल, हुई कई बड़ी घोषणाएं, जानिए क्‍या है खास
जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय के स्‍थापना दिवस कार्यक्रम।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। मेडिकल कालेज में भावी चिकित्सकों की धूम रही। उन्हें 18 गोल्ड मेडल व प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय के स्थापना दिवस पर वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। बैच 2015 और 2016 बैच के छात्रों को गोल्ड मेडल दिया गया। जिन छात्रों को गोल्ड मेडल मिला वो भाव-विभोर हो गए। इनमें सात छात्राएं और एक छात्र को सम्मानित किया गया।

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कार्यक्रम की शुरुआत में प्राचार्य डा. हेमंत कुमार सिन्हा ने केक काटकर किया। प्राचार्य ने कहा कि कोरोनाकाल की वजह से गत वर्ष स्थापना दिवस नहीं मनाया गया था, इस बार अवसर मिला है। उन्होंने कहा, मैं सबसे ज्यादा खुशनसीब हूं। इसी कालेज का छात्र रह चुका हूं और इस कालेज का प्राचार्य बनने का भी मुझे सौभाग्य मिला और इस पद से सेवानिवृत्त भी हो जाऊंगा। गौरव की बात है, यहां से पढ़े छात्र देश-विदेश में कालेज का नाम रौशन कर रहे हैं।

अस्पताल अधीक्षक डा. असीम कुमार दास ने कहा कि स्थापना दिवस में छात्र और शिक्षाक एक-दूसरे से मिलते हैं। यहां से पढ़ाई कर नाम रौशन करने वाले पुराने साथियों से मिलने का अवसर मिलता है। जो सुखद है। इसके उपरांत डा. डीपी  स‍िंंह ने कालेज गौरवशाली इतिहास के बारे में जानकारी दी। कहा, यह राज्य के बेहतरीन मेडिकल कालेज में शुमार है। 2016 से कालेज का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा अभी केवल सात विषयों में अच्छे अंक लाने वाले छात्रों को गोल्ड मेडल दिया जा रहा है, भविष्य में अन्य विषयों में भी गोल्ड मेडल दिए जाएंगे। डा. संदीप लाल ने कहा कि डा. एस राय मित्रा भी यहां की छात्र रह चुकी है। स्थापना दिवस के अवसर पर उन्होंने पांच लाख राशि भी दी थी। उनके पिता के नाम पर भी गोल्ड मेडल अवार्ड दिया जाता है। डा. हेम शंकर शर्मा ने कहा कि कालेज की स्थापना 1971 में हुई थी। उस वक्त छात्रावास नहीं थे। पहला बैच सात वर्षों में निकला था। डाक्टर समाज में नाम रौशन करें तो असली गोल्ड मेडल की पहचान होगी। उधर, शाम की पाली में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन हुआ। छात्रों ने गीत गाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया और जमकर तालियां बटोरी।

इनमें नाम से दिए गए मेडल

डा. सुबोध मित्रा मेमोरियल गोल्ड मेडल, डा. एके जायसवाल गोल्ड मेडल, डा. एसपी सिंह एओआइ गोल्ड मेडल अवार्ड, डा. मृत्युंजय कुमार गोल्ड मेडल अवार्ड, डा. बी प्रसाद मेमोरियल गोल्ड मेडल अवार्ड, डा. उषा सिन्हा मेमोरियल गोल्ड मेडल अवार्ड, डा. आरएनझा मेमोरियल गोल्ड मेडल अवार्ड, डा. डीपी स‍िंंह बेस्ट आल राउंडर स्टूडेंट गोल्ड मेडल अवार्ड के नाम से अवार्ड दिए गए।

ऋचा झा को पांच,आयोनिजा मैत्री को चार गोल्ड मेडल मिला

ऋचा झा को मेडिसीन, आब्स गायनी, प्रिंसिपल चैम्पियन अवार्ड, शिशु, बेस्ट स्टूडेंट और नेत्र रोग में गोल्ड मेडल का अवार्ड दिया गया। आयोनिजा मैत्री को ईएनटी, सर्जरी, पीएसएम और ङ्क्षप्रसिपल चैम्पियन मेडल देकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा इशानी को आब्स गायनी और मेडिसीन में गोल्ड मेडल दिया गया। विधि गोयल को शिशु और ऑब्स गायनी, प्रांजलि कुमारी को आब्स गायनी और अमन आनंद को मेडीसीन में गोल्ड मेडल दिया गया।

डा. ऋचा एमडी करना चाहती हैं

डा. ऋचा झा की स्कूल की पढ़ाई चंडीगढ में हुई है। पांच विषयों में अधिक अंक पाने के कारण गोल्ड मेडल मिला है। मुजफ्फरपुर में पिता एक कंपनी में हैं। पीजी में नामांकन के लिए अभी तैयारी करेंगी। उन्होंने कहा कि वे पीडियाट्रिक्स के क्षेत्र में रिसर्च करेंगी और शिशुओं का ही इलाज करेंगी। क्योंकि महिला शिशु रोग विशेषज्ञ की काफी कमी है। ऋचा कहती हैं यदि लक्ष्य निर्धारित कर लिया जाए और उसपर अमल किया जाय तो कुछ भी मुश्किल नहीं है।

अनुशासन और मेहनत का परिणाम

दिल्ली की रहने वाली आयोनिजा मैत्री को चार गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया गया है। जब मेडल दिया जा रहा था तो उनकी मां भी उपस्थित थीं। आयोनिजा ने कहा कि अनुशासन और मेहनत करने का फल अवश्य मिलता है। मैने नियमित पढ़ाई की और इसका फल भी मुझे गोल्ड मेडल के रुप में मिला। उन्होंने अन्य छात्रों के लिए कहा, पढ़ाई का समय तय करना चाहिए, समय बर्बाद नहीं हो इसका ख्याल अवश्य रखना चाहिए। सफलता मिलनी तय है।

किसान पिता के अरमानों पर खरा उतरा

पूर्णिया के रहने वाले डा. अमन आनंद इकलौते गोल्ड मेडल लेने वाले अकेले छात्र हैं। अमन कहते हैं उनके पिता किसान हैं। मुझे पता है कि पिता ने किस तरह से एक-एक रुपये जोड़कर कैसे पढ़ाया है। बच्चे खुद मेहनत कर ही पिता और माता की उम्मीद पर खरे उतर सकते हैं। उन्होंने अपनी सफलता के पीछे की कहानी को बताया कि कोरोनाकाल में छात्रावास में कुछ ही छात्र रह गए थे, अन्य अपने घर चले गए। उसी का फायदा उठाकर पूरे मन से पढ़ाई की। जिसका फल मुझे गोल्ड मेडल के जरिए मिला।

स्थापना दिवस पर हुए खेल में विजयी भी हुए सम्मानित

स्थापना दिवस के अवसर पर फुटबाल, शतरंज, टेबल टेनिस, एथलेटिक्स, किक्रेट, कबड्डी, वालीबाल, पेटिंग, मेहंदी प्रतियोगिता, कविता लेखन सहित अन्य खेलों के विजयी छात्रों को पुरस्कृत किया गया।

इन्होंने दिया मेडल

मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. हेमंत कुमार सिन्हा, अधीक्षक डा. असीम कुमार दास, डा. अशोक भगत, डा. मृत्युजय कुमार, डा. आरके सिन्हा, डा. डीपी स‍िंह, डा. एसपी स‍िंह, डा. दीपक कुमार, डा. एके जायसवाल, डा. मणी भूषण, डा. सीमा सिन्हा, डा. रोमा यादव ने दिया।


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