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JLNMCH : बेड से कई गुणा ज्यादा मरीजों को होते हैं भर्ती, फ‍िर तो...

JLNMCH के इमरजेंसी में भर्ती तेजाबकांड की पीड़िता को भी तीन घंटे तक बेड नहीं मिला था। यहां बेड से कई गुणा ज्यादा मरीजों को भर्ती किया जाता है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 10:25 AM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 06:51 PM (IST)
JLNMCH : बेड से कई गुणा ज्यादा मरीजों को होते हैं भर्ती, फ‍िर तो...
JLNMCH : बेड से कई गुणा ज्यादा मरीजों को होते हैं भर्ती, फ‍िर तो...

भागलपुर [जेएनएन]। मायागंज अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में गंभीर रुप से बीमार मरीजों को भी बेड नहीं मिलता। चिकित्सकों के मुताबिक ऐसे मरीजों के इलाज के लिए अस्पताल प्रशासन को अतिरिक्त बेड की व्यवस्था करनी चाहिए। इन मरीजों को भी घंटों स्ट्रेचर पर रखकर इलाज किया जाता है। सुबह बेड खाली होने की प्रतिक्षा की जाती है।

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शुक्रवार को इमरजेंसी में भर्ती तेजाबकांड की पीड़िता को भी तीन घंटे तक बेड नहीं मिला था। हालांकि उसे बाद में वाराणसी रेफर कर दिया गया। पीडि़ता को इमरजेंसी के सर्जरी विभाग में भर्ती किया गया था। इलाज करने वाले डॉ. अंगद ने बताया कि पीडि़ता का पूरा चेहरा, दोनो आंखे, दोनों कान, दोनों हाथ और छाती तेजाब की वजह से झुलस गई है। गंभीर स्थिति में उसे भर्ती किया गया था। उस पीडि़ता को भी घंटों स्ट्रेचर पर रखकर इलाज किया गया। हालांकि उसे कोई भी व्यवस्था कर बेड उपलब्ध करवाना अस्पताल प्रशासन की जिम्मेवारी बनती है।

इमरजेंसी में बेड से कई गुणा ज्यादा मरीजों को भर्ती किया जाता है। शाम से लेकर देर रात तक इमरजेंसी, रक्त अधिकोष, रेडियोलॉजी का बरामदा मरीजों से भर जाता है। इन मरीजों को फर्श पर रखकर इलाज किया जाता है। इमरजेंसी में बेड बढ़ाने की स्वीकृति सरकार द्वारा मिल गई है। लेकिन इस मामले में अभी कोई प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की गई है।


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