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JLNMCH : ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की हो रही मौत, अस्पताल प्रशासन मानने को तैयार नहीं

JLNMCH भागलपुर में अस्‍पताल प्रशासन की लापरवाही से मरीजों की मौत हो रही है। ऑक्‍सीजन की कमी के कारण मरीज परेशान रहते हैं। लेकिन अस्‍पताल प्रशासन मनने को तैयार नहीं है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 09:45 AM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 09:45 AM (IST)
JLNMCH : ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की हो रही मौत, अस्पताल प्रशासन मानने को तैयार नहीं
JLNMCH : ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की हो रही मौत, अस्पताल प्रशासन मानने को तैयार नहीं

भागलपुर, जेएनएन। JLNMCH : जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) में ऑक्सीजन नहीं मिल पाने के कारण अब तक तीन मरीजों की मौत हो चुकी है। किसी ने पिता को खो दिया तो किसी ने मां को। हालांकि अस्पताल प्रशासन ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत की बात स्वीकार नहीं करता। मरीज की मौत होने के बाद अस्पताल की ओर से जांच कमेटी बनाई जाती है। इसके सदस्य अस्पताल के डॉक्टर ही रहते हैं। कमेटी अस्पताल को क्लीनचिट दे देती है।

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दो महीने पहले ही जेएलएनएमसीएच बूढ़ानाथ इलाके की रहने वाली निर्मला देवी (55 वर्ष) की मौत हो गई थी। निर्मला के पुत्र प्रशांत कहते हैं कि जब भी आंखों के सामने तड़पती मां का चेहरा आता है, बेचैन हो जाता हूं। 17 जुलाई को मां आइसीयू में भर्ती थीं। शाम करीब सात बजे अचानक बिजली गुल हो गई, अस्पताल का जेनरेटर भी नहीं चलाया गया। बैट्री कनेक्शन बंद रहने से ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो गई। उस समय मां ऑक्सीजन पर थीं। तीन मिनट के अंदर ही मां की मौत हो गई।

इसके एक दिन बाद ही कोरोना मरीज बैंककर्मी की मौत भी ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण हो गई थी। वे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती थे। सांस लेने में परेशानी हो रही थी। स्वजन का कहना है कि समय पर उन्हें ऑक्सीजन मिलता तो जान बच जाती। एक सप्ताह पहले भी बांका की एक महिला की मौत ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण हो गई थी।

ऑक्सीजन आपूर्ति जिस एजेंसी द्वारा की जाती है, उसके ही जिम्मे मेंटेनेंस का काम भी है। मेटेनेंस लगातार हो रहा है। अस्पताल में कभी भी ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद नहीं हुई है। -  डॉ. अशोक भगत, अधीक्षक, जेएलएनएमसीएच

इस बीच कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्‍या यहां दिनों दिन बढ़ती जा रही है। अस्‍पताल में समुचित व्‍यवस्‍था नहीं है। मरीजों को सुविधा का अभाव है। हर समय चिकित्‍सक नहीं रहते।


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