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JLNMCH: एक ही परिवार के तीन मरीजों की मौत, स्वजनों ने किया हंगामा, डॉक्टर भागे, विधायक भी पहुंचे

JLNMCHबांका जिले के अमरपुर स्थित बल्लीकिता गांव निवासी एक ही परिवार के तीन मरीजों की मौत भागलपुर के अस्‍पताल में हो गई। इसके बाद स्‍वजनों ने जेएलएनएमसीएच में काफी हंगामा किया। पुलिस पहुंची। हंगामा कर रहे लोगों को गिरफ्तार किया गया।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 01:58 PM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 01:58 PM (IST)
JLNMCH: एक ही परिवार के तीन मरीजों की मौत, स्वजनों ने किया हंगामा, डॉक्टर भागे, विधायक भी पहुंचे
भागलपुर के जेएलएनएमसीएच में मौत के बाद हंगामा हुआ।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में भर्ती एक ही परिवार के तीन मरीजों की मौत से गुस्साए स्वजनों ने सोमवार की देर रात जमकर हंगामा किया। आक्रोशित मरीज के स्वजनों का कहना था कि अस्पताल में भर्ती मटीज की देखभाल के लिए कोई नर्स, डॉक्टर नहीं आते। ऑक्सीजन की जरूरत पड़ने पर कोई ऑक्सीजन लगाने तक नहीं आते। एक ही परिवार के चौथे मरीज को भी ऑक्सीजन नहीं मिलने से उनका गुस्सा जवाब दे दिया। कुव्यवस्था से नाराज मरीज के स्वजनों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी। अस्पताल में भर्ती एक परिचित का हाल जानने जदयू विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल भी पहुचे थे। अचानक तोड़फोड़ और हंगामा से नाराज डॉक्टर भी अस्पताल छोड़ भाग निकले। हंगामा कर रहे युवक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया है।

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चिकित्‍सकों पर लग रहे हैं आरोप

अस्‍पताल के चिकित्‍सकों पर लगातार कई आरोप लग रहे हैं। इलाज में लापरवाही के कई आरोप लगाए जा रहे हैं। चिकित्‍सक की अनुपलब्‍धता सहित संसाधनों के अभाव में मरीजों की मौत हो रही है। मरीजों के स्‍वजन लगातार आक्रोश में रहते हैं। बताया जा रहा है कि चिकित्‍सकों की लापरवाही और समय पर इलाज नहीं कर पाने की वजह से मरीजों का समुचित इलाज नहीं हो रहा है। स्‍वजनों का आरोप है कि कोरोना पीडितों के इलाज में चिकित्‍सक गंभीर नहीं है। यहां तक कि जरुरत पड़ने पर मरीजों के स्‍वजन चिकित्‍सक को ढूढते हैं।

शव लेने में भी काफी मशक्‍कत करनी पड़ती है

जिनकी मौत हो जाती है, उसका शव लेने में भी उनके स्‍वजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। काफी जद्दोजहद के बाद शव मिलता है। शव लेने में पैसा भी खर्च करना पड़ता है। इसके अलावा अगर किसी कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो जाती है उसे चिकित्‍सक उस शव को निगेटिव बता देते हैं।


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