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JK Target Killing: बूढ़ी दादी का एकमात्र सहारा था अररिया का राजा, यकीन मानिए दास्तां सुन छलक पड़ेंगे आंसू

JK Target Killing की वारदात आज पूरे देश में सुर्खियों पर है। रविवार को अररिया के जिस राजा ऋषिदेव की हत्या कर दी गई। उसके फैमिली बैकग्राउंड के बारे में पता किया गया तो दर्द भरी दास्तां सामने आई। उसकी मौत से उसकी दादी जो अनाथ हो गई हैं...

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 10:59 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 10:59 PM (IST)
JK Target Killing: बूढ़ी दादी का एकमात्र सहारा था अररिया का राजा, यकीन मानिए दास्तां सुन छलक पड़ेंगे आंसू
आंखों का तारा था राजा, कश्मीर की वादियों मे हो गया गुम....

अफसर अली, अररिया। JK Target Killing: रात से सुबह हो गई, दिन ढलने को है। नींद किसे आती। बच्चे, बूढ़े जवान मानों सभी की खुशियां काफूर हो गई हैं। यह मंजर सोमवार को बौंसी था क्षेत्र की बौंसी दाह महादलित टोले का था। जहां हर दिन बच्चों की किलकारियां गूंजती थीं, आज सन्नाटा पसरा था। बच्चों को भी शायद गम का अहसास होगा। हर तरफ बस हर किसी को शव गांव पहुंचने का इंतजार है। राजा ऋषिदेव की हत्या के बाद 65 वर्षीय बूढ़ी दादी दुलारी देवी का मानों सबकुछ छीन गया था। बूढ़ापे का सहारा आतंकियों ने छीन जो लिया है। कश्मीर की घाटियों में अररिया का राजा गुम हो गया है। रातभर की चीख और निकल रहे सैलाब से मानों आखें सूख गई थीं। मोटी, फूली आंखे, पीले पड़े चेहरे देख उनकी पीड़ा समुंदर की गहराइयों से कम नहीं थीं, जिसकी गवाही यह गमगीन मंजर चीख चीखकर दे रहा था।

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दिनभर महादलित टोले में मातमी सन्नाटा पसरा रहा था। दिनभर अधिकारियों, सामाज सेवियों की गाड़ियां आती जाती रहीं। बूढ़ी दादी को सभी ढांढस दे रहे थे। लेकिन उन गाड़ियों के पास आज भीड़ नहीं दिख रही थी। कोई बांस के झाड़ी में तो कोई खेत खलिहान में जहां तहां लोग बैठे अपनी पीड़ा को छिपाने में लगे थे। एक 95 वर्षीय वृद्ध अलग थलग कपस रहे थे। पूछने पर फफक पड़ा, जैसे उनकी सारी दुनियां ही लूट गई हो।

(अब इस दादी का कौन?)

गांव का था चहेता राजा

लोगों ने बताया कि मृतक राजा ऋषिदेव गांव का चहेता था। दादी का दुलारा मासूम, हंसमुख उस टोले में सबसे पढ़ा लिखा मिलनसार युवक था। अपने मधुर आवाज में गांव वासियों को भजन, गीत संगीत सुनकर मन बहलाता था। दादी दुलारी देवी ने आठ साल की उम्र से अपने कलेजा में लगाकर पाला पोसा था। कड़ी मेहनत कर राजा को मैट्रिक पास कराया गया था। गांव वासियों को राजा से बड़ी उम्मीदें थी। वह कौन सी मनहूस घड़ी थी कि पाकिस्तानी आंतकियों ने निर्दाेष राजा की हत्या कर दी थी। आतंकियों ने राजा ऋषिदेव सहित जिले के अन्य दो मजदूरों की गोली मार दी। राजा के साथ-साथ योगेंद्र ऋषिदेव की मौत हो गई। वहीं चुनचुन गंभीर रूप से घायल दिया है, घायल मजदूर का इलाज कश्मीर के एक अस्पताल में चल रहा है।

चार माह पहले गया था कश्मीर

गांव वासियों ने बताया कि राजा दादी की इलाज कराने और झोपड़ी उजाड़कर मकान बनवाने के लिए मजदूरी करने चार माह पहले कश्मीर गया था। जाते समय वह सबसे मिलकर गया था कि रुपये कमाकर जल्दी लौटेगा और अपनी शादी धूमधाम से करेगा। गांव वालों को भोज देगा। किस को क्या पता था कि राजा हमेशा के लिए सबसे दूर चला जाएगा।

(खबर सुन कांप उठे गांव के वृद्ध, पसरा मातमी सन्नाटा)

सुबह-शाम करता था फोन

राजा कश्मीर से रोज सुबह-शाम दादी को फोन करता था। गांव के बूढ़े बुजुर्गाें से दादी का ध्यान रखने को कहता था। फौन कर दादी को समय समय पर खाना खाने को कहता था। बूढ़ी दादी ने कहा कि रविवार को 11 बजे दिन में भी राजा का फोन आया था। हालचाल पूछा और समय से दवा लेने को कहा था। शाम में उनके मरने की खबर पहुंच गई। तब से कुछ नहीं धंस रहा है। मेरा कलेजा का टुकड़ा कहां है, उसे क्या हो गया है। कह कह कर बदहवास हो जाती है। गांव की महिलाएं उसे संभालने में जुटी है।

आठ साल की उम्र से ही नहीं मिला मां बाप का प्यार

राजा की मां राज को आठ साल की उम्र में ही छोड़कर चली गई थी। दूसरी शादी कर अपना घर बसा चुकी थी। पिता टूला ऋषिदेव की दिमागी हालत भी ठीक नहीं है। वह भी घर छोड़कर चले गए। आठ साल की उम्र से दादी ने अपने कलेजा से लगाकर राजा को पाला और पढ़ा लिखाकर मैट्रिक पास कराया था। वह दादी सहित गांव वासियों का प्यारा था।

राजा की शादी धूमधाम से करने की रह गई दादी की तमन्ना

राजा ऋषिदेव इसी साल 22 साल का हुआ था। दादी व गांव वाले राजा के लिए लड़की तलाश कर रहे थे। कश्मीर से लौटने के बाद राजा की शादी धूमधाम से कराने की योजना थी। लेकिन बदकिस्मती ने गांव वालों के अरमानों पर पानी फेर दिया। दादी दुलारी देवी ने बताया कि उन्हें दो पुत्र और दो बेटी है। बेटी ससुराल चली गई। बड़ा बेटा विद्यानंद ऋषिदेव अपने बीबी बच्चों के साथ आंगन में ही अलग रहता है। राजा के पिता की दिमागी हालत ठीक नहीं है वह भी घर छोड़कर चला गया। चार साल पहले राजा का दादा भी चल बसे। वह राजा पोता के साथ अलग रहती थी। राजा ही उसकी दुनियां थी। उसका एक मात्र सहारा था। भगवना ने उसे भी छीन लिया। अब किसके सहारे उनकी बाकी की जिंदगी कटेगी। कहते कहते बदहवास हो गई। गांवों की महिलाओं ने उसे संभाला।

(ये रहा अररिया के राजा का अशियाना)

सांसद ने ली सुधि

सांसद प्रदीप कुमार सिंह, विधायक अश्मित ऋषिदेव, एसडीओ शैलेश चंद्र दिवाकर, एसडीपीओ पुष्कर कुमार, रानीगंज बीडीओ, सीओ दाह टोला पहुंचकर पीडि़त स्वजनों की सुधि ली और हर संभव सहायता दिलाने का आश्वासन दिया। दिन भर समाजसेवी गांव पहुंचते रहे। गांव की मंजर देखकर कर आंखे नम हो रही थी। नवनिर्वाचित मुखिया सेखा देवी, पूर्व पंचायत समिति सदस्य राधे ऋषिदेव आदि ने सरकार से बूढ़ी दादी को सरकारी स्तर पर सारी सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की।

तीन मासूमों के सिर से उठा पिता का साया

अररिया प्रखंड के बनगामा पंचायत के खेरूगंज के योगेंद्र ऋषिदेव की कश्मीर में हत्या करने के बाद तीन मासूम बच्चे के सिर से पिता का साया उठ गया। तीनों मासूम अपने घरों में लोगों की भीड़ देखकर कुछ समझ नहीं पा रहे हैं। योगेंद्र की मां बरनी देवी ने बताया कि उनका बेटा कश्मीर कमाने चला गया था। कुछ दिनों से उनकी बहू अपने तीन बच्चों के साथ मायके में थी। उनलोगों ने सोचा था जब बेटा कमा कर लौटेगा तो घर बनाएंगे। लेकिन घर क्या बेटा ही चला गया। योगेन्द्र के दो अन्य भाई बाहर ही रहकर कमाते हैं। जिसमें एक बंगलौर व एक यूपी में रहता है। वहीं योगेन्द्र की बड़ी बहन जया देवी ने बताया कि योगेंद्र घर के लोगों का बहुत ख्याल रखता था।


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