बेलहर विधानसभा उपचुनाव 2019 : जदयू का 20 हजार वोट घटा, राजद का 29 हजार बढ़ा, पढ़ें प्रखंड Wise रिपोर्ट Banka News
राजद का वोट बैंक पांच महीने में इतना बढ़ जाएगा इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। साथ ही जदयू के वोट में बड़ी गिरावट भी बड़े-बड़े राजनीतिक पंडितों को सोचने के लिए मजबूर कर रही है।
बांका [जेएनएन]। बेलहर विधानसभा चुनाव परिणाम ने वोटों की शफ्टिंग ने बड़े-बड़े सियासी पंडितों का आंकड़ा फेल कर दिया। महज छह महीने पूर्व हुए लोकसभा चुनाव का सारा समीकरण उलट दिया। इस झटके ने ठीक साल भर बाद होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के एनडीए प्रत्याशी की जमीन हिला कर रख दी है।
राजद का वोट बैंक पांच महीने में इतना बढ़ जाएगा, इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। साथ ही जदयू के वोट में बड़ी गिरावट भी बड़े-बड़े राजनीतिक पंडितों को सोचने के लिए मजबूर कर रही है। अगर हालत यही रहे तो अगले साल विधानसभा में सभी सीटों का चुनाव परिणाम उलट जाएगा। बेलहर विधानसभा में पांच महीनों में वोटों ने ऐसी पलटी मारी कि परिणाम ही उलट गया। 2015 में जब गिरिधारी यादव बेलहर के विधायक बने थे तब उन्हें 70 हजार मत मिले थे।
लोकसभा चुनाव में गिरिधारी यादव को बेलहर विधानसभा क्षेत्र से 77 हजार वोट मिले थे, लेकिन, विधानसभा उपचुनाव में उनके भाई और जदयू प्रत्याशी लालधारी यादव केवल 57 हजार वोट हासिल कर सके। इन पांच महीने में जदयू का वोट 20 हजार कम हो गया। लोकसभा में राजद प्रत्याशी जयप्रकाश नारायण यादव को बेलहर में केवल 47 हजार मत मिले थे। राजद प्रत्याशी रामदेव यादव ने इसे 76 हजार तक पहुंचा दिया। यानि राजद ने पांच महीने में अपना वोट 29 हजार बढ़ा लिया। किसी सीट पर एनडीए का 20 हजार वोट घटना और राजद का 29 हजार वोट बढऩा सभी पांच सीट का परिणाम बदलने के लिए काफी है।
2015 के विधानसभा चुनाव पर गौर करें तो गिरिधारी यादव तब बड़े मतों के अंतर से जीते थे। बांका से भाजपा के रामनारायण मंडल केवल चार हजार मत, अमरपुर से जदयू के जनार्दन मांझी सात हजार मतों के अंतर से जीत सके थे। केवल धोरैया से जदयू के मनीष कुमार 22 हजार मतों के बड़े अंतर से जीते थे। बावजूद मतों की इस सेंधमारी ने चारों सीटों का समीकरण बिगाड़ दिया है।
पांच महीने पूर्व संपन्न लोकसभा चुनाव का मत
विधानसभा एनडीए महागठबंधन
अमरपुर 80713 39776
धोरैया 89910 49266
बांका 68717 45697
कटोरिया 67642 45606
बेलहर 77397 47675