मुख्य सचिव से मिले प्रदेश जदयू उपाध्यक्ष ने रखी एएमयू शाखा की समस्या
एएमयू शाखा किशनगंज मामले को लेकर जदयू प्रदेश उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक कोचाधामन मुजाहिद आलम एवं पूर्व मंत्री सह जदयू जिलाध्यक्ष नौशाद आलम ने बुधवार को सूबे के नवनियुक्त मुख्य सचिव आमिर सुबहानी से उनके कार्यालय कक्ष में बुके देकर बधाई दिया।
संवाद सहयोगी, किशनगंज : एएमयू शाखा किशनगंज मामले को लेकर जदयू प्रदेश उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक कोचाधामन मुजाहिद आलम एवं पूर्व मंत्री सह जदयू जिलाध्यक्ष नौशाद आलम ने बुधवार को सूबे के नवनियुक्त मुख्य सचिव आमिर सुबहानी से उनके कार्यालय कक्ष में बुके देकर बधाई दिया। उसके पश्चात एएमयू शाखा किशनगंज के हस्तांतरित भूमि पर एनजीटी के फैसले के कारण उपजे विवाद के समाधान के लिए ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन सौंपने के बाद पूर्व विधायक मुजाहिद आलम ने मुख्य सचिव से आग्रह किया है कि बिहार सरकार द्वारा एएमयू किशनगंज शाखा के लिए 30 दिसंबर 2011 को 224.02 एकड़ भूमि उपलब्ध कराए गए। इस भूमि पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली द्वारा निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया गया है। एनजीटी ने अपने फैसले में बताया है कि एनएमजीसी नई दिल्ली के परमिशन के बिना एएमयू के भूमि पर किसी तरह का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सकता है। एएमयू शाखा की भूमि को महानंदा नदी के कटाव से बचाने हेतु जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार द्वारा 44 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन बांध का कार्य भी एनजीटी के फैसले के कारण रूका हुआ है। वहीं एनएमजीसी नई दिल्ली को बिहार सरकार एवं एएमयू सेंटर किशनगंज द्वारा बार बार पत्राचार किए जाने के बावजूद भी प्रस्तावित भूमि पर निर्माण कार्य की इजाजत नहीं मिल रही हैं। जिस कारण एमएसडीपी योजना से स्वीकृत 100-100 बेड के दो हास्टल का निर्माण एएमयू की भूमि पर नहीं होकर हलीम चौक स्थित बालक-बालिका अल्पसंख्यक छात्रावास परिसर में किया जा रहा है। इस दौरान मौलाना मिस्बाहुद्दीन भी उपस्थित थे।