विवाद से विधायक गोपाल मंडल की है पुरानी यारी, चिकित्सक को भी भून देने की दे चुके हैं धमकी
गोपालपुर विधायक गोपाल मंडल पिछले साल जमीन कब्जे की जोर आजमाइश में तानते रहें सीना। नये साल में शिक्षाविद और गठबंधन के साथी नेताओं को मसल्स पॉवर का कराया एहसास। कभी चिकित्सक को एके-47 से भून देने तक की दे चुके हैं धमकी।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। गोपालपुर के जदयू विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल का विवाद से पुरानी यारी रही है। 2020 में उन्होंने तिलकामांझी थाने के सामने और बरारी में बेशकीमती भूखंड पर सत्ता की हनक का तांडव किया। मौके पर पहुंची पुलिस और विपक्षी को बैरंग वापस कर दिया था। 2021 में राजनीतिक के बनते-बिगड़ते समीकरण के बीच सीना तान खड़े हो गए हैं। नये साल में अपने गठबंधन धर्म के साझीदार भाजपा नेताओं को हड़काना शुरू कर दिया है। कल बिहपुर के भाजपा विधायक ई शैलेंद्र को भी फोन पर गाली-गलौज करने का एक ऑडियो काफी वायरल हुआ है।
इस कड़ी में जिला भाजपा अध्यक्ष रोहित पांडेय यहां तक की आलाकमान तक पर अपने शब्दों की तरकश से तीर चलाने में गुरेज नहीं की। भाजपा जिलाध्यक्ष पर सीधा हमला बोल कहा कि भागलपुर नगर सीट से पराजय का मुंह इसलिए देखना पड़ा कि मसल्स पॉवर नहीं है। चुनाव बिना मसल्स पॉवर के नहीं जीता जा सकता। इसलिए उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। अक्खड़ स्टाइल में बिगड़े बोल बोलने वाले विधायक गोपाल मंडल ने गठबंधन के साथी पर हमला जारी रखा। बोलते-बोलते आलाकमान तक को कटघरे में ला दिया। राजनीतिक गलियारे में गोपाल मंडल के बिगड़े बोल को लेकर यह कयास लगाया जा रहा है कि वह हमेशा सख्त लहजे में नहीं बोलते। जब बोलते तो उसके पीछे कुछ न कुछ वजह जरूर होती है। वह जब भी राजनीतिज्ञों को अपने बिगड़े बोल से निशाना बनाते तो अपने नेता का सच्चा और जमीनी सिपाही बताना भी नहीं बोलते।
विधायक गोपाल मंडल का ताजा विवादित बयान को सूबे में गठबंधन धर्म में अरुणांचल प्रदेश में जदयू विधायकों के भाजपा में शामिल कराने की घटना। मंत्रीमंडल विस्तार में देरी को लेकर देखा जा रहा है। अब कोई भी मंच साझा करते समय गोपाल मंडल सीना तान बिगड़े बोल बोलने में पीछे नहीं हट रहे हैं। उन्होंने अपनी जीत को लेकर इस्माईलपुर के सुद्दन टोला में आयोजित कार्यक्रम की बात हो या एक कार्यक्रम में बार बालाओं के साथ डांस करने का। हर जगह विधायक के निशाने पर नये साल में भाजपा नेता और शिक्षाविद रह रहे हैं। नये साल में कुलपति के खिलाफ लाबी चलाने वाले शिक्षाविद तक को हड़का कर हाल में विधायक ने विश्वविद्यालय की राजनीति में हलचल मचा दी।
नाथनगर में जदयू की हार का ठीकरा कमजोर प्रत्याशी को टिकट देने को बता अपने दल के नेताओं को निशाने पर ले लिया। इधर विधायक गोपाल मंडल ने पूछे जाने पर बताया कि मैं चुनाव इसलिए जीता कि हमारे पास ताकत थी। कमजोर कैसे चुनाव जीत सकता। हमने जो कहा सही कहा। मेरे बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत भले शुरू से कर दिया जाता रहा है। हमने अपनी जमीन पर कब्जा किया। दूसरों की जमीन पर नहीं। गलत देख नहीं सकता।