जमुई पंचायत, मुखिया चुनाव रिजल्ट 2021: यूक्रेन से डाक्टरी की पढ़ाई करने वाले इबरार बने मुखिया, बोले- सुधारेंगे शिक्षा व्यवस्था
यूक्रेन से डाक्टरी की पढ़ाई कर हैदराबाद और फिर प. बंगाल जैसे शहरों में अपनी सेवा दे चुके एमडी मेडिसिन डा. इबरार बिहार पंचायत चुनाव 2021 के चुनावी मैदान में उतरे। जनता ने उनपर विश्वास जताते हुए उनके पक्ष में मतदान किया और मुखिया चुनाव रिजल्ट में वे जीत गए।
अरविंद कुमार सिंह, जमुई : जमुई पंचायत, मुखिया चुनाव रिजल्ट 2021- योग्यता को तवज्जो देने के मामले में निराशा के बीच आशा की किरण खैरा प्रखंड की बानपुर पंचायत से दिखाई दी है। यहां एमडी मेडिसिन डा इबरार को मतदाताओं ने विकास और सुधार की जिम्मेदारी दे दी है। जिले का यह पहला परिणाम है जिसमें कोई चिकित्सा सेवा से जुड़ा व्यक्ति मुखिया पद पर निर्वाचित हुआ है।
डा इबरार कोलकाता में रहकर बड़े अस्पतालों में अपनी सेवा दे रहे थे। इस बीच काफी लंबे अरसे बाद गांव में लाकडाउन के दौरान समय बिताने का अवसर मिला। तब उन्होंने शिद्दत से महसूस किया कि यहां शिक्षा और स्वास्थ्य का स्तर काफी नीचे है। इसे सुधारने की जरूरत है। तब उन्होंने सामाजिक स्तर पर थोड़ी पहल भी की थी लेकिन बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिल पाई। इसी कोशिश ने उन्हें पंचायत चुनाव में उतरने के लिए मजबूर कर दिया। मतदाताओं ने उन्हें पंचायत चुनाव में उतरने का दबाव बनाया और नतीजा सामने है।
यहां निवर्तमान मुखिया सबीना खातून तीसरे नंबर पर रहीं। इबरार ने 1478 मत हासिल कर जावेद खान को 831 मतों से पराजित किया है। निवर्तमान सबीना को 616 मत प्राप्त हुए। डा इबरार ने बताया कि 1998 में यूक्रेन से एमडी की पढ़ाई उन्होंने पूरी की। इसके बाद हैदराबाद अपोलो से फैलोशिप किया। क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ अब पंचायत में क्रिटिकल हो चुकी समस्याओं का इलाज करेंगे।
मुखिया बने एमडी मेडिसिन डा इबरार
- - 1998 में यूक्रेन से की थी पढाई पूरी
- - हैदराबाद अपोलो से किया था फेलोशिप
- - बानपुर पंचायत के मतदाताओं ने दिया ताज
- - सुधारेंगे स्वास्थ्य और शिक्षा का स्तर
यहां बता दें की डा इबरार कोलकाता में आईसीयू में भर्ती मरीजों की इलाज करते रहे हैं। उनकी जीत पर पंचायत में जश्न का माहौल है पंचायत वासियों ने उम्मीद जताई है कि डॉक्टर साहब हमारी सेहत के साथ-साथ समस्याओं का भी इलाज करेंगे इधर नवनिर्वाचित मुखिया ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य का स्तर सुधारना उनकी प्राथमिकता होगी। स्वस्थ और शिक्षित समाज के बिना समुचित विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है।