जमुई-खड़गपुर राष्ट्रीय राज्य मार्ग का डायवर्सन टूटा, यातायात बाधित
जमुई में यातायात सेवा बाधित है। जमुई-खड़गपुर राष्ट्रीय राज्य मार्ग का डायवर्सन टूट गया है। इससे मार्ग अवरुद्ध है। लोगों को परेशानी हो रही है। वाहनों का परिचालन नहीं हो रहा है। पुल निर्माण में लापरवाही बरती जा रही है।
जागरण संवाददाता, जमुई। जमुई-मुंगेर राष्ट्रीय राजमार्ग 333 स्थित कोहवरवा मोड़ के समीप जमखार नदी पर हो रहे पुल निर्माण कार्य के लिए बनाया गया डायवर्सन सोमवार की शाम आई तेज आंधी और बारिश में टूट गया। नतीजतन राजमार्ग पर वाहनों का आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया। छोटे-छोटे वाहन तो रूट बदलकर निकल गए, लेकिन बड़े वाहन जाम में फंसे रहे।
बताया जाता है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 333 स्थित लक्ष्मीपुर से मलयपुर के बीच कोहवरवा मोड़ व केनुहट स्थित शिवदानी बाबा के पास पुराने पुल को तोड़कर नया पुल बनाया जा रहा है। इस काम की जिम्मेदारी एनएच प्रशासन ने पटना के दयाल हाइटेक को दी है। एक पुल के निर्माण पर लगभग 3,75 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि कंपनी द्वारा सही ढंग से डायवर्शन का निर्माण नहीं कराने के कारण शुरुआती बरसात में ही परेशानी होने लगी है।
साथ ही कहा कि जब डायवर्सन की यह स्थिति है तो पुल की क्या स्थिति होगी इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है। भारी वाहनों के लिए नजदीक से वैकल्पिक रास्ता नहीं है। एक मात्र वैकल्पिक के तौर पर कोहवरवा-झाझा मुख्य मार्ग होते हुए जाने का ही बच रहा है। वैसे छोटी गाड़ियों के लिए काला, पनोट, केनुहट नहर मोड़ होते हुए जाने का वैकल्पिक मार्ग है।
जमुई-मुंगेर एनएच-333 स्थित लक्ष्मीपुर से मलयपुर के बीच कोहवरवा मोड़ व केनुहट स्थित शिवदानी बाबा के पास पुराने पुल को तोड़कर नए पुल का निर्माण कराया जा रहा है। उक्त कार्य की जिम्मेदारी एनएच प्रशासन ने पटना की दयाल हाइटेक कंपनी को दी। पुल के निर्माण पर लगभग 3.75 करोड रुपए खर्च किए जा रहे हैं। उक्त दोनों पुल के निर्माण के लिए डायवर्सन बनाया गया। लेकिन डायवर्सन से गुजरने वाले राहगीरों की सुविधा का ख्याल संबंधित निर्माण एजेंसी द्वारा नहीं रखा जा रहा था। डायवर्सन से धुल उड़ती थी और लोग परेशान होते रहे। निर्माण एजेंसी द्वारा डायवर्सन से धुल न उड़े इसको लेकर दिन भर में एक बार भी पानी का छिड़काव नहीं किया जाता था। इस बात की शिकायत स्थानीय लोगों द्वारा कई बार निर्माण एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर से लेकर एन-एच के जेई अनिल कुमार से की गई लेकिन न तो निर्माण एजेंसी के अधिकारियों ने इसको लेकर सजगता दिखाई और न ही एनएच प्रशासन ने।
एनएच प्रसाशन पुल निर्माण कार्य के लिए डायवर्सन बनाने का जिम्मेदारियां भी संबंधित एजेंसी को ही देती है। क्षतिग्रस्त होने पर इसे एजेंसी को ही दुरुस्त करना है।पुल निर्माण की अवधि एक वर्ष होती है परंतु लॉकडाउन के कारण थोड़ा विलंब से शुरुआत किया गया। कोशिश की जा रही है बरसात से पहले निर्माण कार्य करा लिया जाए। - अनिल कुमार सिंह, विभागीय कनीय अभियंता, जमुई।