Jamui Covid-19 news update: उठे कई सवाल...! मेडिकल कॉलेज पूरा हो जाता तो नहीं मचती इतनी अफरा-तफरी
Jamui Covid-19 news update जमुई में मेडिकल कॉलेज का पूरा हो जाता है इतनी अफरातफरी नहीं मचती। कोरोना काल में मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की उपयोगिता सिद्ध होती। गंभीर मरीजों को इलाज के लिए बाहर नहीं भेजना पड़ता।
जमुई [मणिकांत]। 2019 में लखीसराय, बांका, मुंगेर और जमुई जिले को मिलाकर एक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की स्थापना की घोषणा की गई थी। मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल का निर्माण कार्य 36 माह में पूरा कर लिए जाने का लक्ष्य रखा गया था। इसके लिए जमुई के खैरा प्रखंड अंतर्गत बेला मौजा में लगभग 30 एकड़ जमीन चिंह्नित कर मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के लिए 403 करोड़ का आवंटन भी दिया गया। लेकिन, मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का दो बार टेंडर निकालने के बाद उक्त दोनों टेंडर को रद हो चुका है। निर्माण कराने वाली एजेंसी बीएमएसआइसीएल द्वारा निविदा रद किए जाने से यहां मेडिकल कॉलेज बनने का सपना फिलहाल साकार होता नहीं दिख रहा है।
कोरोना काल में सिद्ध होती हॉस्पिटल की उपयोगिता
कोरोना काल में मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की उपयोगिता सिद्ध होती। गंभीर मरीजों को इलाज के लिए बाहर नहीं भेजना पड़ता। विभागीय आंकड़े के अनुसार कोरोना के दूसरे फेज में अब तक सिर्फ जमुई में 2830 लोग हुए संक्रमित हुए हैं और 39 की मौत हो चुकी है। इसके अलावा दो दर्जन से अधिक लोगों को गंभीर स्थिति में रेफर किया जा चुका है। इस अस्पताल का लाभ जमुई के अलावा पड़ोसी जिला लखीसराय, मुंगेर और बांका को भी मिलता। यहां मेडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल होता तो अब तक कई जानें बचाई जा सकती थी।
कोरोना काल के इस दौर में अगर जमुई में मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल बन गया होता तो गंभीर मरीजों को इलाज के लिए बाहर नहीं भेजना पड़ता। इसका लाभ जमुई के अलावा पड़ोसी जिलों को भी मिलता। - विनय कुमार शर्मा, सीएस, जमुई।
मेरे समझ से परे है कि क्यों बार-बार टेंडर करवाया जाता है और प्रक्रिया होने के बाद रद कर दिया जाता है। इसके पीछे भ्रष्टाचार के साथ-साथ राजनीतिक द्वेष की भावना नजर आती है। इसको लेकर पहले भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा चुका हूं। अनुरोध किया हूं कि जमुई की जनता को जल्द मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का सौगात दिया जाए।- चिराग पासवान, सांसद, जमुई।