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राज्य का पहला रेल कारखाना होगा जमालपुर, इलेक्ट्रिक इंजनों की होगी मरम्मत, स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार

जमालपुर रेल कारखाना बिहार का पहला रेल कारखाना होगा जहां इलेक्ट्रिक इंजनों की मरम्मत होगी। जमालपुर रेल कारखाना स्थित डीजल शेड को इलेक्ट्रिक शेड में बदलने की सहमति रेल मंत्रालय से मिलने के बाद आगे की कवायद तेज कर दी गई है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 04:12 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 04:12 PM (IST)
राज्य का पहला रेल कारखाना होगा जमालपुर, इलेक्ट्रिक इंजनों की होगी मरम्मत, स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार
जमालपुर रेल कारखाना बिहार का पहला रेल कारखाना होगा जहां इलेक्ट्रिक इंजनों की मरम्मत होगी।

 जमालपुर (मुंगेर) [केएम राज]। एशिया के पहला रेल इंजन कारखना में अब इलेक्ट्रिक इंजनों का रख-रखाव होगा। अभी ऐसे इंजनों का रखरखााव पश्चिम बंगाल के लिलुआ में होता है। जमालपुर रेल कारखाना स्थित डीजल शेड को इलेक्ट्रिक शेड में बदलने की सहमति रेल मंत्रालय से मिलने के बाद आगे की कवायद तेज कर दी गई है। डीजल शेड तक ओवर हेड वायर (ओएचई) लगाने का काम इसी माह से शुरू हो जाएगा। तार लगाने के बाद डीजल कारखाना पूरी तरह से विद्युतीकृत हो जाएगा। इससे इलेक्ट्रिक इंजन और मेमू ट्रेन (मेन लाइन मल्टीपल यूनिट) का रखरखाव शुरू हो जाएगा।

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सभी तैयारियां जोर से चल रही है। सबकुछ ठीक रहा तो नंवबर से दिसंबर के बीच इलेक्ट्रिक शेड में इंजनों के मेंटनेंस का काम शुरू होने की उम्मीद है। इस इलेक्ट्रिक शेड में पूर्व रेलवे के अलावा दूसरे रेल जोन से भी इलेक्ट्रिक इंजन, मेमू ट्रेन के रैक को मरम्मत और रख-रखाव के लिए लाए जाएंगे। दरअसल, देश में अभी 90 फीसद ट्रेनों और मालगाडिय़ों का परिचालन इलेक्ट्रिक इंजन से कराया जा रहा है। जमालपुर में इलेक्ट्रिक शेड होने से बिहार से दूसरे राज्यों में रेल इंजनों को दुरुस्त करने के लिए नहीं भेजना होगा। अभी इलेक्ट्रिक इंजन का रखरखाव पश्चिम बंगाल के लिलुआ और दूसरे जगहों पर होता है। मालदा मंडल के रेल मंडल प्रबंधक यतेंद्र कुमार ने बताया कि इलेक्ट्रिक शेड के लिए ओवर हेड इलेक्ट्रिक वायर लगाने का काम शुरू करने का निर्देश दिया गया है। जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा।

-जमालपुर रेल कारखाना में डीजल शेड को इलेक्ट्रिक शेड में तब्दील करने की कवायद शुरू

-रेलवे का इलेक्ट्रिक ओवर हेड वायर डीजल शेड में लगाने का काम जल्द होगा शुरू

-बहुरेंगे लौहनगरी के पुराने दिन, डीजल शेड को बंद करने की भम्र हो गया दूर

लौहनगरी का लौटेगा पुराना दिन

जमालपुर में रेल कारखाना के कई शाप होने की वजह से इस शहर का उप नाम लौहनगरी भी है। इलेक्ट्रिक शेड के बनने से यहां के दिन बहुर जाएंगे। नए इलेक्ट्रिक शेड में वर्क लोड बढ़ेगा तो तकनीशियन और कर्मियों की संख्या में इजाफा होगा। इस फायदा शहर के व्यापारियों को होगा। बाजार के कारोबार भी असर बढ़ेगा।

प्वाइंटर्स

-03 वर्ष से चल रही कवायद

-05 बार से ज्यादा यूनियन ने किया पत्राचार

-2021 में रेल मंत्री ने पत्र जारी कर दी सहमति

सांसद के प्रश्न पर रेल मंत्री ने जारी किया पत्र

लोकसभा सत्र के दौरान मुंगेर से जदयू के सांसद सह नए राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन ङ्क्षसह इसी मार्च मार्च माह में लोकसभा सत्र के दौरान जमालपुर डीजल शेड को इलेक्ट्रिक शेड में बदलने का प्रश्न उठाया था। इस पर कुछ माह बाद मई में तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सांसद को पत्र लिख कर जमालपुर डीजल शेड को इलेक्ट्रिक लोको के रखरखाव का कार्यभार देने की सहमति दी थी। रेल मंत्रालय की सहमति मिलने के बाद पूर्व रेलवे और मालदा रेल मंडल ने इलेक्ट्रिक शेड के लिए कवायद तेज कर दी है।

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खूब हुआ था पत्राचार और आंदोलन

डीजल शेड को इलेक्ट्रिक शेड में तब्दील करने को ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन ओपन लाइन शाखा की ओर से डीआरएम, जीएम, रेल मंत्री और सांसद को पत्र लिखा था। यूनियन ने आंदोलन भी किया। मेंस यूनियन ओपन लाइन के शाखा सचिव केडी यादव ने बताया कि डीजल शेड को इलेक्ट्रिक शेड में बदलने के लिए यूनियन का संघर्ष भी काम आया। इससे अब रेल कर्मियों के मन में पल रहे संशय भी दूर हो गया है।


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