Move to Jagran APP

एसटीपी योजना के क्रियान्वयन के लिए एनआइटी पटना की तीन सदस्यीय टीम पहुंची जमालपुऱ्

मुंगेर जिला में जल्‍द गंगा की पवित्रता को बरकरार रखने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट ( एसटीपी) बनेगा। इसके लिए पटना एनआइटी से आई तीन सदस्‍यीय टीम ने पूर्व से चयनित आधे दर्जन से अधिक स्‍थानों का निरीक्षण किया। इसके बाद वापस पटना लौट गए।

By Amrendra kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 05:48 PM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 05:48 PM (IST)
एसटीपी योजना के क्रियान्वयन के लिए एनआइटी पटना की तीन सदस्यीय टीम पहुंची जमालपुऱ्
- एसटीपी योजना के लिए पूर्व से चयनित आधे दर्जन से अधिक स्थानों का किया निरीक्षण

जागरण संवाददाता, मुंगेर । गंगा की पवित्रता को बरकरार रखने के लिए भारत सरकार ने कई योजनाओं शुरू की है। इसी क्रम में जमालपुर नगर परिषद क्षेत्र में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट ( एसटीपी) के लिए पूर्व से चयनित स्थानों का जायजा लेने एनआइटी पटना के प्रोफेसरों की तीन सदस्यीय टीम जमालपुर पहुंची। टीम के सदस्यों ने एक-एक चयनित स्थल का भौतिक सत्यापन किया। इसके बाद योजना के क्रियान्वयन से संबंधित पूरी जानकारी स्थानीय अधिकारियों से लेकर वापस लौट गई। मालूम हो कि एसटीपी योजना के लिए पटना से आई टीम के पास पूर्व से डीपीआर उपलब्ध थी। पूर्व से चयनित स्थान पर इस योजना के क्रियान्वयन में कुछ परेशानी की भी चर्चा टीम के सदस्यों द्वारा की जा रही थी।

loksabha election banner

क्या है एसटीपी योजना

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट( एसटीपी) गंदे नाले का पानी गंगा नदी या पोखर में प्रवाहित ना हो और उसके जल की शुद्धता बरकरार रहे, इसको लेकर सरकार द्वारा इस योजना की शुरुआत की गई है। यह योजना पूर्व में ही बनारस एवं इलाहाबाद जैसे शहर में क्रियान्वित कर दी गई है। इस योजना का चयन सरकार द्वारा वैसे शहर के लिए किया जा रहा है, जो गंगा किनारे अवस्थित है।

योजना के लिए दो से तीन एकड़ जमीन की होगी आवश्यकता

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने के लिए दो से तीन एकड़ जमीन की आवश्यकता होती है। इस योजना में नाले के गंदे पानी की सफाई करने के बाद पानी को गंगा नहर या तालाब में गिराया जाता है, ताकि जल श्रोतों को प्रदूषित होने से बचाया जा सके।

एनआइटी की टीम ने किया अवलोकन

पटना एनआइटी के प्रोफेसर एसएस मोर्य के नेतृत्व में पहुंची तीन सदस्यीय टीम ने नगर परिषद क्षेत्र के कई चयनित स्थानों का भौतिक सत्यापन किया। टीम ने बुडको के कार्यपालक अभियंता रामायण राम, नगर परिषद के सहायक अभियंता विवेक कुमार एवं सफाई निरीक्षक सतनारायण कुमार को साथ लेकर लक्ष्मणपुर, रामनगर तालाब, सफियाबाद पुल, डोका नाला फुल्का, फरीदपुर डकरा नाला, काली पहाड़ी की तराई में स्थित तालाब, पहाड़ की तराई में बसे बियाडा की जमीन एवं फिल्टर वाटर वक्र्स पर पहुंचकर ट्रीटमेंट संबंधी जानकारी हासिल की। फिल्टर वाटर वक्र्स पर पहुंच कर टीम ने यह जानकारी ली कि किस प्रकार से यहां वाटर ट्रीटमेंट कर रेलवे के क्षेत्र में पेयजल की आपूर्ति की जाती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.