भारतीय रेल: भागलपुर से कई जगहों पर फर्जी टीटीई गिरोह चला रहा था विजय, मुख्य सरगना की तलाश जारी
भारतीय रेल मुख्य सरगना की तलाश में कई जगहों पर छापेमारी। जमालपुर और पटना की सीआइबी कर रही संयुक्त कार्रवाई। बेगूसराय जिले के रतनपुर स्थित पैतृक घर पहुंची टीम। विजय भी खुद को रेलवे का बड़ा पदाधिकारी बताया था।
संवाद सहयोगी, जमालपुर (मुंगेर)। ट्रेन में फर्जी टीटीई बनकर यात्रियों से उगाही करने का धंधा एक सप्ताह या एक माह से नहीं चल रहा था। इस फर्जी धंधे का संचालन चार वर्षों से हो रहा था। रेलवे प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी। भागलपुर के परबती के एक लाज से पूरे सिंडिेकेट का संचालन सरगना विजय कुमार करता था। विजय भी खुद को रेलवे का बड़ा पदाधिकारी बताया था।
विजय यहां से भागलपुर-साहिबगंज-किऊल रेलखंड ही नहीं राज्य के कई स्टेशनों से गुजरने वाली ट्रेनों में फर्जी टीटीई बनाकर अपने सार्गिदों को भेजता था। विजय अपने गुर्गों को मालदा रेल मंडल, दक्षिण मध्य रेलवे, पूर्व मध्य रेलवे के नाम से फर्जी इएफटी (एक्सट्रा फेयर टिकट) रशीद की छपाई कर दे रखा था।
बिना टीटीई वाले ट्रेन में चढ़ते थे गुर्गे
जिस ट्रेन में टीटीई नहीं दिखते थे, उस ट्रेन में ही विजय के गुर्गे सवार होते थे। जनरल क्लास में ज्यादातर श्रमिक और कम पढ़े-लिखे लोग ही सवार होते थे। ऐसे में विजय केे गुर्गे इन ट्रेनों में ही सवार होकर वसूली करते थे। चार वर्षों में लगभग 40 लाख रुपये की वसूली विजय के गुर्गों ने की है। पकड़े गए फर्जी टीटीई सौरव कुमार सिंह को जेल भेजने के बाद उससे मिले इनपुट पर मुख्य सरगना विजय की गिरफ्तारी के लिए भागलपुर सहित कई जगहों पर छापेमारी की गई।
लेकिन, अभी तक पकड़ से बाहर है। आरपीएफ इंस्पेक्टर मुकेश कुमार सपेट ने बताया कि भागलपुर, जमालपुर, किऊल व दानापुर रेलखंड पर सरगना काफी हावी है। मुख्य सरगना बेगूसराय जिले के रतनपुर गांव निवासी विजय कुमार सिंह के इशारे सब काम होता था। सरगना की गिरफ्तारी के लिए भागलपुर, जमालपुर, दानापुर आरपीएफ के साथ-साथ सीआइबी टीम छापेमारी कर रही है। विजय के पैतृक गांव पर भी पुलिस की नजर है। यहां बता दें कि किऊल रेलवे जंक्शन पर काफी संख्या में फर्जी टीटीई पकड़े गए थे।