Move to Jagran APP

Indian Railways: पूर्णिया को खल रही पीट सेंटर की कमी, लंबी दूरी के लिए यहां से नहीं खुल रही ट्रेनें

रेलवे के विकास में पूर्णिया काफी पीछे रह गया है। दिल्ली को छोड़कर देश के किसी महानगर अथवा बड़े नगर तक रेल सेवा यहां के लोगों के लिए अब भी सपना बना हुआ है। पीट लाइन का निर्माण नहीं होने से भी यह संभव नहीं हो पाया है। इसके लिए...

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 04:43 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 04:43 PM (IST)
Indian Railways: पूर्णिया को खल रही पीट सेंटर की कमी, लंबी दूरी के लिए यहां से नहीं खुल रही ट्रेनें
रेलवे के विकास में पूर्णिया काफी पीछे रह गया है।

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। सीमांचल की राजधानी कहा जाने वाला पूर्णिया जिला रेल विकास की ²ष्टि से अभी भी हाशिए पर है। रेल विकास के लिहाज से प्रमंडलीय मुख्यालय फिलहाल सबसे नीचे पायदान पर है। दिल्ली को छोड़कर देश के किसी महानगर अथवा बड़े नगर तक रेल सेवा यहां के लोगों के लिए अब भी सपना बना हुआ है। निश्चित रुप से इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता भी एक अहम कारक है।

loksabha election banner

पूर्णिया जिला रेल जोन के लिहाज से दो जोन में बंटा हुआ है। कटिहार से वाया पूर्णिया, जोगबनी तक जाने वाली लाइन एन एफ रेलवे के कटिहार रेल मंडल में है। वहीं पूर्णिया कोर्ट स्टेशन से सहरसा की ओर जाने वाली रुट ईसीआर जोन के समस्तीपुर रेल मंडल में पड़ता है। लंबी दूरी के ट्रेन में कटिहार रेल मंडल के अंतर्गत जोगबनी से आनंद विहार के लिए सीमांचल एक्सप्रेस दिल्ली के लिए चलती है। इसके अलावा इस लाइन में महज पैसेंजर ट्रेन ही चलती है। इसी तरह पूर्णिया कोर्ट-सहरसा रुट में पटना तक जाने वाली कोसी एक्सप्रेस को छोड़ कर लंबी दूरी की कोई अन्य ट्रेन नहीं है।

पिट सेंटर होने से मिल सकती थी लंबी दूरी की कई गाडिय़ां

पूर्णिया जंक्शन, पूर्णिया कोर्ट या फिर जोगबनी में पिट सेंटर होने से इस परिक्षेत्र को सहजता से लंबी दूरी की कई ट्रेनें मिल सकती थी। बता दें कि प्रमंडल में रेलवे का दो पिट सेंटर है। रेल मंडल मुख्यालय होने के कारण कटिहार में यह केंद्र है। दूसरा केंद्र किशनगंज में है, जहां फिलहाल महज एक गाड़ी गरीब नवाज एक्सप्रेस की सर्विङ्क्षसग होती है।

रेल सूत्रों के मुताबिक अगर पूर्णिया अथवा जोगबनी में पिट सेंटर होता तो कटिहार से खुलने वाली आम्रपाली एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनों को यहां तक विस्तारित किया जा सकता था। फिलहाल रेल विकास में इस जिले के पिछडऩे का एक बड़ा कारक जनप्रतिनिधियों की उदासीनता भी माना जा रहा है। इस दिशा में कभी अपेक्षित प्रयास नहीं होने के कारण लोग रेल सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं।

रेल से क्षेत्र के विकास को मिल सकती है रफ्तार

यूं तो हर जिले की तरह पूर्णिया भी विकास के पथ पर अग्रसर है, लेकिन रेल के मामले में पिछड़ापन इस रफ्तार को बाधित कर रहा है। जानकारों का कहना है कि अगर लंबी दूरी की ट्रेनों का समुचित संख्या में यहां से परिचालन शुरु हो जाए तो इससे जिले के विकास को नए पंख लग जाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.