भारतीय रेल : चार और सात जुलाई को रद रहेगी विक्रमशिला एक्सप्रेस ट्रेन, नियमित परिचालन के लिए भी तिथि घोषित
भारतीय रेल रैक की समस्या खत्म आठ से नियमित चलेगी विक्रमशिला एक्सप्रेस ट्रेन। पहुंच चुकी हैं विक्रमशिला एक्सप्रेस की 12 बोगियां छह तारीख तक पहुंच जाएंगे 10 और कोच। अग्निपथ के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने विक्रमशिला जनसेवा फरक्का एक्सप्रेस सहित भागलपुर रेलखंड की पांच ट्रेनों में लगा दी आग।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। भारतीय रेल : विक्रमशिला एक्सप्रेस की रैक की समस्या खत्म हो गई है। आठ जुलाई से यह ट्रेन नियमित रूप से चलने लगेगी। इस्टर्न और साउथ इस्टर्न रेलवे ने एलएचबी की 12 कोच की आपूर्ति कर दी है। शुक्रवार को कोच भागलपुर पहुंच चुकी है। उन्हें सबौर में रखा गया है। रविवार को मेंटनेंस के लिए उन्हें सबौर से भागलपुर कोचिंग यार्ड लाया जाएगा। 22 कोच वाली इस ट्रेन की अन्य 10 बोगियां भी छह तारीख तक भागलपुर पहुंच जाएंगी।
कब क्या हुआ था
अग्निपथ योजना के विरोध में गत 16 जून को प्रदर्शनकारियों ने 15 ट्रेनों में आग लगा दी थी। इनमें विक्रमशिला, जनसेवा, फरक्का एक्सप्रेस सहित भागलपुर रेलखंड की पांच ट्रेनें शामिल थीं। आगजनी में विक्रमशिला एक्सप्रेस के इंजन सहित सभी 22 बोगियां जलकर खाक हो गई थी। जबकि फरक्का, जनसेवा सहित अन्य चार ट्रेनों की चार से सात बोगियों को नुकसान पहुंचा था। विक्रमशिला एक्सप्रेस की तीन रैक में एक के पूरी तरह से जलने की वजह से रैक की कमी हो गई थी। इसके कारण यह ट्रेन हर दो दिन बाद रद रह रही है। रैक के अभाव में यह ट्रेन जून में चार-पांच दिन रद रही। इस वजह से एक जुलाई को भी वह गाड़ी नहीं चली। चार और सात तारीख को भी भागलपुर से यह ट्रेन रद रहेगी। आनंद विहार टर्मिनल से भी यह ट्रेन शनिवार को रद रही और पांच व आठ तारीख को भी नहीं चलेगी। लेकिन तीन-चार दिनों में पूरी रैक उपलब्ध होने के कारण अब इस ट्रेन की रद की समस्या नहीं रहेगी। आठ तारीख से अपने निर्धारित समय पर नियमित रूप से चलने लगेगी। हर दो दिन रद होने से इस ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए गंभीर समस्या खड़ी हो रही थी। खासकर वैसे यात्रियों के लिए जिन्होंने एक-डेढ़ महीने, 15 दिन पहले टिकट बुङ्क्षकग करा रखी थी। अचानक रद की घोषणा से उनके सारे मंसूबे पर पानी फेर दिया। हालांकि उन्हें फूल रिफंड किया गया। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार पिछले 17 दिनों 10 हजार से अधिक यात्रियों को फूल रिफंड किया गया है। इससे यात्रियों को परेशानी के साथ ही रेलवे को भी राजस्व का भारी नुकसान हुआ है। अनुमान के अनुसार 45-50 लाख रिफंड हुआ है। अधिकारी ने बताया कि आगजनी की घटना के बाद से बुङ्क्षकग काफी कम और अधिक टिकट की वापसी के लिए लोग सुबह से कतार में लग जाते थे। इसकी वजह से रिफंड के लिए रिजर्वेशन केंद्र को जेनरल बुङ्क्षकग केंद्र से हर दिन एक-डेढ़ लाख रुपये लेने पड़ रहे थे। यह सिलसिला पांच-छह दिन तक चलता रहा।
12 कोच आ गई है। तीन-चार दिनों में अन्य 10 बोगियां भी पहुंच जाएंगी। इसके बाद उसके रद होने की समस्या खत्म हो जाएगी। आठ जुलाई से विक्रमशिला एक्सप्रेस नियमित रूप से चलने लगेगी। -पवन कुमार, सीनियर डीडीएम एवं सीपीआरओ मालदा रेल मंडल।