जमालपुर में नई रेल सुरंग की जांच पूरी, शीघ्र आएगी रिपोर्ट, अब दौड़ेगी तेजस राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन
भारतीय रेल रतनपुर-जमालपुर के बीच बनी नई रेल सुरंग और दोहरीकरण की जांच पूरी शीघ्र आएगी रिपोर्ट अब दौड़ेगी तेजस राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन। नई सुरंग में 125 किमी की रफ्तार से गुजरी सीआरएस जांच ट्रेन। पैदल और ट्राली से मुख्य संरक्षा आयुक्त ने किया निरीक्षण।
संवाद सहयोगी, जमालपुर (मुंगेर)। पूर्वी सर्किल के मुख्य संरक्षा आयुक्त एएसके चौधरी ने राज्य की दूसरी रेल सुरंग की जांच शुक्रवार को पूरी कर ली। रतनपुर-जमालपुर के बीच बनी नई रेल सुरंग और दोहरीकरण का सीआरएस ने पहले ट्राली से जांच की फिर पैदल निरीक्षण किया। लगभग चार घंटे तक निरीक्षण के बाद आठ कोच लगी 125 किमी की रफ्तार से इलेक्ट्रिक इंजन से रेलवे ट्रैक और सुरंग की दक्षता की जांच की। निरीक्षण के बाद सीआरएस रवाना हुए। एक सप्ताह के बाद नई रेल सुरंग से ट्रेन परिचालन का हरी झंडी देंगे। इसके बाद नई सुरंग से ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा।
जमालपुर के रास्ते अगरतला से आनंद विहार टर्मिनल के बीच चलने जा रही तेजस राजधानी का सपना भी जल्द पूरा होगा। मुख्य सुरक्षा आयुक्त सुबह में अधिकारियों के साथ ट्राली से जमालपुर से रतनपुर तक गए। सुरंग के अंदर और बाहरी हिस्से की बनावट को बारीकी से देखा। निरीक्षण में मालदा रेल मंडल प्रबंधक यतेंद्र कुमार डिप्टी चीफ इंजीनियर रंजीत कुमार, डीईएन हेमंत कुमार, आरपीएफ के मंडल डिविजनल सुरक्षा आयुक्त राहुल राज, सहायक सुरक्षा आयुक्त एके सिंह सहित रेलवे के कई अधिकारी मौजूद थे।
रेल सुरंग पर 45 करोड़ हुए खर्च
नई सुरंग पर कुल 45 करोड़ खर्च हुए हैं। सीआरएस ने बताया कि नई रेल सुरंग का काम बेहतर तरीके से किया गया है। इस सेक्शन पर स्पीड ट्रेन का ट्रायल सफलतापूर्वक किया गया। नई सुरंग बनने में दो वर्ष का समय लगा। राज्य का पहला सुरंग भी जमालपुर में है। इसका निर्माण 1865 में अंग्रजों ने करवाया था। पुराने सुरंग के पास ही नए सुरंग का निर्माण हुआ है। नई रेल सुरंग में आस्ट्रेलिया की तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। नई सुरंग पहले की सुरंग से अलग है। इसकी डिजाइन भी अलग है। सुरंग के ऊपरी और चारों तरफ के हिस्सों को नया लुक दिया गया है। सुरंग की लंबाई 903 फीट है।