यात्रिगण ध्यान दें... सहरसा- सरायगढ़- निर्मली- झंझारपुर- दरभंगा के बीच जल्द दौड़ेगी ट्रेन, पूर्वोत्तर राज्यों से भी जुड़ जाएगा मिथिलांचल और सीमांचल
सुपौल- अररिया रेल खंड के बीच नई रेल लाइन के लिए जमीन अधिग्रहरण का काम लगभग पूरा कर लिया गया है। सब कुछ ठीक रहा तो सहरसा- सरायगढ़- निर्मली- झंझारपुर- दरभंगा के बीच ट्रेन सेवा जल्द शुरू हो जाएगी। इसके लिए तेजी से काम चल रहा है।
संवाद सूत्र, सहरसा। सहरसा रेल पूर्वोत्तर राज्यों से जुड़ जाएगा। सहरसा- सुपौल- गलगलिया के लिए जमीन अधिग्रहण कर लिया गया है। अब रेल लाइन निर्माण का काम शुरू हो जाएगा। इस नयी रेल लाइन के बनने से सहरसा रेल का जुड़ाव पूर्वोत्तर राज्यों से हो जाएगा। सुरक्षा की ²ष्टिकोण से पड़ोसी देश नेपाल के कारण यह रेल खंड अति महत्वपूर्ण है। इससे विकास की गति और अधिक तेज होगी। ये बातें पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी ने शनिवार को सहरसा स्टेशन का वार्षिक निरीक्षण के दौरान कही।
महाप्रबंधक ने कहा कि सहरसा- फारबिसगंज के बीच सीधी रेल सेवा इस वर्ष के अंत तक शुरू हो जाएगी। सहरसा से ललितग्राम तक मालगाड़ी पहुंच चुकी है। ललितग्राम- फारबिसगंज के बीच काम शुरू है। इस वर्ष में ही फारबिसगंज तक रेल सेवा बहाल हो जाएगी। सहरसा से राघोपुर तक ट्रेन का परिचालन शुरू है। वहीं सहरसा से सरायगढ़ होते हुए निर्मली- झंझारपुर- दरभंगा के बीच निरीक्षण होना है। इसके बाद सीआरएस निरीक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस रेल खंड में सीधी रेल सेवा शुरू हो जाएगी।
कोसी रेल महासेतु बनने के बाद ही इस रेल खंड में 87 वर्ष बाद ही पहली बार इस रूट से दरभंगा के लिए ट्रेन आज जाएगी। यह किसी गौरव के क्षण से कम नहीं है। वर्ष 1934 में ही भूकंप से ध्वस्त हुई रेल व्यवस्था को दुरूस्त करने में रेलवे केा 87 वर्ष लग गए। केासी नदी पर करीब दो किमी. लंबी रेल पुल का निर्माण कराया गया। कोसी व मिथिलांचल का मिलन हो गया। अब इस रेल खंड में ट्रेनों का परिचालन शुरू करने से यात्रियों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी। पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सहरसा- मानसी दोहरीकरण का कार्य बाद में होगा। इससे पहले कई कार्य प्रस्तावित है।
देश में कोरोना काल को लेकर अभी संकट का दौर है। स्थिति सामान्य होने के बाद सहरसा से कई ट्रेनों को चलाने का कार्य प्रस्तावित है। राजधानी सहित अन्य ट्रेनों का परिचालन होगी। महाप्रबंधक ने सहरसा स्टेशन का निरीक्षण करने के क्रम में ऑटोमेटिक कोच वाङ्क्षशग प्लांट, दूसरा फुट ओवर ब्रिज एवं कोच गाइडेंस डिस्प्ले सेंटर का उद्घाटन किया। उनके साथ मंडल रेल प्रबंधक अशोक माहेश्वरी सहित रेलवे के अन्य अधिकारी आरपीएफ के आईजी एस मयंक, कमांडेंट अंशुमान राम त्रिपाठी आदि थे।