Move to Jagran APP

Indian railway : सहरसा स्टेशन पर गूंजने लगी ट्रने की सिटी पर वेंडरों के जेब अब भी खाली

Indian railway सहरसा स्‍टेशन होकर भले ही ट्रेनों का परिचालन शुरू हो गया हो पर वेंडरों को अब भी काम नहीं मिल रहा है। इससे वे परेशान हैं। दरअसल यहां की महत्‍वपूर्ण ट्रेनों का परिचालन अब तक शुरू नहीं हो सका है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Wed, 09 Dec 2020 03:06 PM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 03:06 PM (IST)
Indian railway : सहरसा स्टेशन पर गूंजने लगी ट्रने की सिटी पर वेंडरों के जेब अब भी खाली
सहरसा स्‍टेशन होकर भले ही ट्रेनों का परिचालन शुरू हो गया हो पर वेंडरों अब भी बेगार हैं।

सहरसा, जेएनएन। कोरोना काल में सबकी परेशानी बढ़ी है। विशेषकर कोरोना काल में मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है। जिससे उसके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। पूर्व मध्य रेल सहरसा से कोरोना काल में कई स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया है। लेकिन वेंडरों को कोई काम नहीं मिल रहा है। सहरसा स्टेशन सहित अन्य स्टेशनों पर स्टॉल सब बंद पड़े हैं। गिनती के एक-दो स्टॉल ही सहरसा स्टेशन पर खुल पाए हैं।

loksabha election banner

जिससे वेंडरों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। सहरसा स्टेशन पर करीब स्टॉल सहित 24 खाद्य पदार्थ की दुकानें लाइसेंसी है। वहीं एक फूड प्लाजा भी है जो बंद पड़ा है। इन स्टॉलों में करीब 60 वेंडरों की जरूरत पड़ती है। लेकिन पिछले 9 महीनों से सब वेंडर बेकार बैठे हुए हैं। सहरसा से ट्रेन का परिचालन सामान्य नहीं होने पर यात्रियों की कम आवाजाही को लेकर ही एक दो स्टॉल को छोड़कर सब स्टॉल बंद पड़े हुए हैं।

सहरसा स्टेशन पर पांच प्लेटफार्म है लेकिन आज स्थिति ऐसी है कि अधिकांश स्टॉल बंद पड़े हुए हैं। सहरसा स्टेशन पर एकमात्र स्टॉल कार्य कर रहा है। इसके अलावा 2-3 ठेले पर संचालित खोमछा दिखायी देता है। पूछने पर कार्यरत वेंडर कहते हैं कि अभी तो मजदूरी भी नहीं निकल पाती है। दाल-रोटी का जुगाड करना मुश्किल हो गया है। वेंडर महेश्वर कहते हैं कि घर बैठकर क्या करेंगे इसीलिए खोमछा निकालकर रहते हैं। परंतु, कोरोना काल में ग्राहक भी कम आते हैं।

फूड प्लाजा भी है बंद

सहरसा स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए फूड प्लाजा खोला गया है। लेकिन कोरोना काल में यह फूड प्लाजा अब तक बंद पड़ा हुआ है। फूड प्लाजा संचालित होने से यात्रियों को स्टेशन पर ही भोजन- खाना मिल जाता था। लेकिन अब हाल यह है कि रात में ट्रेन से उतरने के बाद यात्रियों को खाना खाने बाजार जाना मजबूरी बनी हुई है। कई वेडरों ने बताया कि सहरसा स्टेशन पर पहलेवाली बिक्री ही नहीं हो पा रही है। दिन भर में एक खोमछा पर 500 रुपये भी नहीं बिक पाता है। ऐसे में वेंडरों को खाना का भी खुराकी नहीं निकल पाता है।

धीरे-धीरे सामान्य होगी स्थिति

कोरोना काल में यात्री भी स्टेशन पर मिलनेवाले खाद्य पदार्थ खाने से परहेज करते हैं। ऐसे में धीरे-धीरे सामान्य स्थिति होने पर यात्रियों की संख्या बढ़ेगी। इसके बाद खुद ही स्टॉल पहले की ही तरह खुलने लगेंगे। सरस्वती चंद्र, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक, पूर्व मध्य रेल। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.