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बिना खाद के खेतों की इस तरह आप बढ़ा सकते हैं उर्वराशक्ति.... ढैंचा की खेती के ये हैं फायदे

ढैचा की खेती कर किसान खेतों की उर्वराशक्ति बढ़ा सकते हैं। इसके लिए सरकार अनुदान भी दे रही है। मिट्टी में मौजूद 16 पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए खेतों के लिए ढैंचा की खेती वरदान साबित होता है। इससे पैदावार भी बढ़ जाता है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 04:27 PM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 04:27 PM (IST)
बिना खाद के खेतों की इस तरह आप बढ़ा सकते हैं उर्वराशक्ति.... ढैंचा की खेती के ये हैं फायदे
ढैचा की खेती कर किसान खेतों की उर्वराशक्ति बढ़ा सकते हैं।

 संवाद सूत्र, बांका। किसान अपने खेतों में अधिक पैदावार लेने के लिए रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग काफी मात्रा में करते हैं। इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति में कमी हो रही है। इसका सीधा असर फसल के उत्पादन पर पड़ रहा है।

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केविके के शस्य विज्ञानी डॉ. रघुवर साहू ने बताया कि किसान खेतों में अधिक पैदावार लेने के लिए रासायनिक उर्वरक का प्रयोग अधिक मात्रा में कर रहे हैं। रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से मिट्टी के लिए आवश्यक 16 पोषक तत्वों की आपूर्ति नहीं हो पाती है। उन्होंने बताया कि किसान ढैंचा की खेती कर अपने खेतों में खेए हुए 16 पोषक तत्व की आपूर्ति कर सकते हैं। हरी खाद के प्रयोग से न केवल अच्छी पैदावार मिलने के साथ ही इसका प्रयोग कर रासायनिक उर्वरकों की खपत को कम किया जा सकता है। इसके लिए कई साल से सरकार की ओर से किसानों को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही फ्री में इसकी बुआई के लिए किसानों को बीज उपलब्ध कराया जाता है। किसान सलाहकार भी खेतों और घर पर जाकर किसानों को इसकी जानकारी समय समय पर देते रहते हैं।

धान लगाने के दो माह पूर्व करे ढैंचा की बोआई

विज्ञानी ने बताया कि किसान अपने खेतों में खोए हुए 16 पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए अपने खेतों में ढैंचा की बोआई करें। इसकी बोआई के लिए एक हेक्टेयर में 15 से 20 किलो बीज की आवश्यकता होती है। यह धान लगाने के दो माह पूर्व इसकी बोआई की जाती है। मई एवं जून माह में हल्की बारिश होने पर खाली खेतों में इसका छिड़काव कर देनी चाहिए। ढैंचा पोषक तत्वों की आपूर्ति करने के साथ ही खेतों में नमी की मात्रा को बनाए रखता है। इसके अलावे ढैंचा कार्बनिक अम्ल पैदा करती है। जो लवणीय और क्षारीय भूमि को भी उपजाऊ बना देती है। इससे उत्पादन में बढ़ोतरी होती है।


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