मुंगेर के इस सरकारी स्कूल में 'अंंग्रेजी' मतलब 'मस्ती की पाठशाला', अंग्रेजी में सिक्स तक नहीं लिखने जानते हैं छात्र
मुंगेर के सरकारी स्कूलों में सही से पढ़ाई-लिखाई नहीं हो रही है। बच्चे अंग्रेजी में सिक्स तक लिखने नहीं जानते हैं। राष्ट्रपति का नाम पूछने पर प्रधानमंत्री का नाम बताते हैं। कुल मिलाकर कहा जाए तो यहां पर शिक्षा...
संवाद सूत्र, संग्रामपुर (मुंगेर)। शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए हर तरह का प्रयास सरकार की ओर से की जा रही है, लेकिन धरातल पर कुछ और दिख रही है। शिक्षा व्यवस्था बदहाल और दयनीय है। बच्चों में बेसिक जानकारी का अभाव है। बच्चे किस विद्यालय में पढ़ते हैं, विद्यालय का नाम तक नहीं जानते हैं।
-शिक्षकों को भी अपने प्रखंड पदाधिकारी का नाम नहीं मालूम, हाल संग्रामपुर प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय चंदनिया का, विद्यालय तक का नाम नहीं जानते वर्ग छह के बच्चे
शिक्षिक को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का नाम मालूम नहीं है। बच्चे भारत के प्रथम राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री का नाम बताना तो दूर की बात वर्तमान राष्ट्रपति का नाम भी नरेन्द्र मोदी बता रहा है। प्रखंड के झिकुली पंचायत अन्तर्गत मध्य विद्यालय चंदनियां का हाल कुछ ऐसा ही है। बुधवार को जागरण टीम 10.40 बजे मध्य विद्यालय चंदनियां पहुंची। विद्यालय के छात्र-छात्रा प्रार्थना के बाद वर्ग कक्ष के बाहर बरामदे पर खेल रहे हैं।
शिक्षक पप्पू दास,शंकर यादव, शिक्षक किरण माला,अनुराधा कुमारी व टोला सेवक नरेन्द्र मांझी बाहर बैठकर धूप का आनंद ले रहे हैं, बातें भी कर रहे हैं। जागरण टीम पर नजर पड़ी तो शिक्षक झट से वर्ग बच्चों को पढ़ाने चली गई। टोला सेवक नरेन्द्र मांझी ने कहा कि सर अभी तुरंत प्रार्थना हुई है। शिक्षक अनुराधा कुमारी ने पूछने पर बताया कि इस वर्ग पांच और छह के छात्र छात्रा है। वर्ग पांच में सात व वर्ग छह में 17 छात्र-छात्राएं उपस्थित हैं। वर्ग छह की छात्रा राधिका कुमारी से जब पूछा कि किस वर्ग में पढ़ती हो तो सिक्स बताया और जब सिक्स का स्पेलिंग पूछा तो गुम हो गई।
यहां तक कि स्कूल का नाम नहीं बता सकी। वर्ग छह के छात्र प्रिंस कुमार से बिहार के राज्यपाल का नाम पूछने पर नीतीश कुमार बताया। सप्तम वर्ग में टीम गई तो वर्ग कक्ष में 33 छात्र-छात्राएं उपस्थित है। फर्श पर बिछी दरी पर बैठे हैं। भारत के राष्ट्रपति का नाम पूछे तो चूप हो गए। इस बीच सीता कुमारी ने राष्ट्रपति का नाम नरेन्द्र मोदी बताया। अष्टम वर्ग में पप्पू दास छात्र-छात्राओं को श्यामपट्ट पर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री आदि का नाम बता रहे थे। बावजूद इसके भारत के उप राष्ट्रपति का नाम कोई भी छात्र-छात्रा नहीं बताया।
छात्र-छात्राओं ने कहा, शिक्षक नहीं है
सप्तम व अष्टम वर्ग के छात्र-छात्राओं ने बताया कि बड़ी इच्छा के साथ पढऩे विद्यालय आते हैं। शिक्षक की कमी से ढंग से पढ़ाई नहीं हो रही है। संस्कृत व अंग्रेजी शिक्षक का अभाव है। प्रधानाध्यापक शिव शंकर शुक्ला जी अंग्रे•ाी के शिक्षक हैं, लेकिन कभी भी पढाने नहीं आते हैं। शौचालय में भी गंदगी का अंबार है। शौचालय के पास का चापाकल महीनों से खराब है।
विद्यालय में प्रथम से अष्टम वर्ग तक में कुल 496 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। प्रधानाध्यापक सहित कुल आठ शिक्षक व एक टोला सेवक हैं। प्रधानाध्यापक शिवशंकर शुक्ला व रमेश प्रसाद सिंह अवकाश पर हैं। संजय कुमार प्रखंड कार्यालय व सुमित्रा कुमारी प्राथमिक विद्यालय हाडीडीह चंदनियां में वर्षों से प्रतिनियुक्ति पर हैं।
प्रधानाध्यापक शिवशंकर शुल्का से मध्य विद्यालय के साथ ही उच्च विद्यालय का प्रभार भी है। कार्यालय कार्य में व्यस्तता के कारण वर्ग लेने की फुर्सत नहीं होता है। बच्चे महामहिम के नाम नहीं जानते है तो इसके लिए शिक्षक दोषी है। शिक्षकों से पूछताछ की जाएगी।