नए सत्र में बिना किताब के छह लाख बच्चों की पढ़ाई शुरू
स्कूल में शिक्षक कुछ पुरानी जमा हुई पुस्तकों से जुगाड़ टेक्नोलॉजी के माध्यम से पढ़ाई के जुगत में लगे हैं।
भागलपुर। जिले के प्रारंभिक स्कूलों में बिना पुस्तक के करीब छह लाख बच्चों की नए सत्र की पढ़ाई शुरू हो गई है। बहरहाल इन नए छात्र-छात्राओं के पास नई कक्षाओं की पुस्तकें भी उपलब्ध नहीं हैं। स्कूल में शिक्षक कुछ पुरानी जमा हुई पुस्तकों से जुगाड़ टेक्नोलॉजी के माध्यम से पढ़ाई के जुगत में लगे हैं।
सर्वशिक्षा अभियान कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अभी विभिन्न प्रखंडों से बच्चों की सूची खाता संख्या के साथ वर्ग बार मांगी गई है। जिसे आवश्यक कार्यवाही के लिए मुख्यालय को भेजी जा सके।
शैलेश पुस्तक भंडार एवं सबौर के पुस्तक सदन आदि के विक्रेताओं ने बताया कि अभी तक बाजार में बिहार टेस्ट बुक कमेटी की पुस्तकें अभी बाजार में नहीं आई हैं और न अभी किसी बुक डिपो को एजेंसी मिली हैं।
समय पर बच्चों को पुस्तक उपलब्ध कराने में विफल रही राज्य सरकार ने इस बार आरटीजीएस के माध्यम से विद्यार्थियों के खाते में पुस्तक की राशि देने का फैसला लिया है। जिस पर केंद्र सरकार की भी सहमति मिल गई है।
लेकिन नया सत्र चालू हो जाने के बाद की स्थिति यह है कि न बाजार में आई है किताब और खाते में आई है राशि। ऐसे में जिले के प्रारंभिक स्कूलों में शिक्षा दरकती नजर आ रही है। अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। वे अपने बच्चों के भविष्य को लेकर भी चिंतित हैं।
क्या कहते हैं डीईओ
जिला शिक्षा पदाधिकारी मधुसूदन पासवान ने कहा कि नए सत्र में बच्चों को पढ़ाई में कोई कठिनाई नहीं होगी। पुरानी किताबों को बच्चों से वापस लेने का निर्देश स्कूल प्रधानों को दिया गया है। सरकार इस बार किताब की राशि विद्यार्थियों के खाते में देगी। इस दिशा में सरकार के निर्देश का पालन किया जाएगा।