मुखिया की हनक... नल-जल का बिना काम कराए निकाल लिए 46 लाख रुपये... अब ये तो होना ही था
सुपौल में नल जल योजना में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। मुखिया ने वार्ड सदस्य और पंचायत सचिव की मदद से नल जल योजना का काम कराए बिना राशि की निकासी कर ली। अब इन लोगों पर डीएम के निर्देश पर केस दर्ज किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, सुपौल। मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय गली-नाली योजना में प्रखंड के डुमरी पंचायत में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिलने के बाद जिलाधिकारी महेंद्र कुमार ने पंचायत के मुखिया सहित तत्कालीन पंचायत सेवक घनश्याम सिंह, वार्ड नंबर 01, 04, 05, 06, 08, 11 एवं 12 वार्ड के वार्ड सदस्य व वार्ड सचिव के विरुद्ध 46 लाख 51 हजार 500 रुपये की राशि गबन को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी राघोपुर सुभाष कुमार को स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज करते हुए गबन की गई राशि वसूलने के लिए आदेश दिए हैं। डीएम ने अपने आदेश में तत्कालीन पंचायत सचिव के विरुद्ध प्राथमिकी के साथ-साथ प्रपत्र क गठित कर विभागीय कार्रवाई करने का आदेश दिया है। जबकि कनीय अभियंता, तकनीकी सहायक से योजना की राशि वसूलने के लिए कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
सूचना के अधिकार से हुआ खुलासा
मालूम हो कि पंचायत क्षेत्र में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के अलावा मनरेगा एवं अन्य कई योजनाओं में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी, धरातल पर बिना काम किए या एक ही योजना का अलग-अलग नाम दिखाकर राशि गबन कर बंदरबांट करने को लेकर स्थानीय निवासी सेवानिवृत सहायक अभियंता अमरेन्द्र मोहन जायसवाल ने आरटीआई के तहत सूचना प्राप्त कर लाखों के फर्जीवाड़ा का उजागर किया था।
जिलाधिकारी ने गठित की थी तीन सदस्यीय कमेटी
जिलाधिकारी ने पंचायत क्षेत्र के विकास योजनाओं में व्यापक अनियमितता की जांच के लिए कार्यपालक अभियंता अर्जुन प्रसाद, वरीय कोषागार पदाधिकारी किशोर कुमार कामत, डीआरडीए निदेशक ब्रजबिहारी भगत समेत तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर एक सप्ताह के अंदर जांच प्रतिवेदन जमा करने का निर्देश दिया था। प्रात जांच प्रतिवेदन के आधार पर मुखिया, पंचायत सचिव, वार्ड सदस्य, वार्ड सचिव, कनीय अभियंता, तकनीकी सहायक के विरुद्ध आरोप पाते हुए डीएम ने स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया है। जिलाधिकारी के आदेश के बाद हड़कंप मच गया है। हालांकि कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
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