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भागलपुर के इस गांव के हर घर में बसती है सरस्वती, देश-विदेश में पंचायत का नाम रोशन कर रहे यहां के लोग

भागलपुर के पोठिया गांव के कई लोग देश-विदेश में नाम रोशन कर चुके हैं। वैसे इस गांव का इतिहास पुराना है लेकिन वर्तमान भी कुछ कम नहीं है। कहा जाए इस गांव में साक्षात सरस्वती बसती हैं। यहां करीब करीब लोग साक्षर हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 09:05 AM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 09:05 AM (IST)
भागलपुर के इस गांव के हर घर में बसती है सरस्वती, देश-विदेश में पंचायत का नाम रोशन कर रहे यहां के लोग
भागलपुर के पोठिया गांव के कई लोग देश-विदेश में नाम रोशन कर चुके हैं।

सन्हौला [सुशील कुमार शर्मा]। पंचायत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि अजीबोगरीब रही है। जमीदारी प्रथा काल में संथाल परगना के संथालों के बीच भुखमरी की समस्या आयी तो वहां के संथालों ने पोठिया गांव को लूटने की योजना बनाई, लेकिन वे सफल नहीं हो सके। वैसे, इस गांव का इतिहास पुराना है लेकिन वर्तमान भी कुछ कम नहीं है। कहा जाए, इस गांव में साक्षात सरस्वती बसती हैं। इस गांव से कई नामचीन शख्सियत है। आचार्य रंजन कुमार झा - बताते हैं कि इस गांव में वर्ष 1930-31 ईसवी में एलएमपी थे। उस समय बिहार (अभी के बिहार, उड़ीसा व झारखंड राज्य) में सर्वोत्तम स्थान प्राप्त कर गोल्ड मेडल प्राप्त किये थे। बात यहीं समाप्त नहीं होती है। देश विदेश में कई लोग गांव का नाम रौशन कर रहे हैं। वैसे, गांव में रहने वाले अधिकांश लोग कृषि आधारित है। 

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आबादी - 11 हजार

मतदाता - साढ़े पांच हजार

साक्षरता - पोठिया गांव का 100 प्रतिशत तथा पंचायत का 75 प्रतिशत

विद्यालय सरकारी विद्यालयों में 4 प्राथमिक विद्यालय है,1 मध्य विद्यालय व 1 उच्च विद्यालय है व एक प्राइवेट विद्यालय है जहाँ प्राथमिक से लेकर उच्च विद्यालय की पढ़ाई होती है।

सेवानिवृत शिक्षक शिवनंदन चौधरी कहते है कि उसके शिष्य अशोक भगत महगामा विधानसभा के विधायक रहे हैं। उन्होंने बताया कि करोड़ों रुपये की लागत से यहां एक अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र बनकर बेकार पड़ा हुआ है, इस अस्पताल में डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्य कर्मी की तैनाती हो, जिससे कि यहां के लोगों को इलाज व कोरोना के टीका के लिए दूर नहीं जाना पड़े। उन्होंने बताया कि बिहार-झारखंड को जोडऩे वाली सड़क इसी गांव होकर गुजरी है, जिस कारण बड़ी गाडिय़ों की लंबी कतार तेज गति से चलती है, और आए दिन घटना- दुर्घटना होते रहती है, इस ओर सरकार को पहल करनी चाहिए।

शत्रुघन झा ने बताया कि उमाशंकर मिश्र के प्रयास से पोठिया पंचायत में ही सोलह बीघा के प्लॉट में कंपनी का निर्माण कर रहे हैं जहां प्रतिदिन डेढ़ सौ मजदूरों रोजगार मिल रहा है। कंपनी तैयार होने के बाद यहां मछली व मुर्गी का चारा, पानी का बोतल, खाने वाला उच्च $क्वालिटी के पत्ते और पानी व चाय ग्लास तैयार होगा, साथ ही कोल्ड स्टोरेज के निर्माण के साथ ईंट व फेवर ब्लॉक भी बनेगा जिसमें सालोभर सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा।

4. डॉ एसएन झा के भाई सारंगधर झा ने बताया कि उसके मकान तक सड़क और नल जल योजना पहुंचना अभी बाकी है, यह बन जाती है तो बड़ी समस्या दूर हो जाएगी।

05. राम ठाकुर स्थान पोठिया के सेवायत कमलेश्वरी प्रसाद चौधरी (70) ने बताया कि गांव बसने के पूर्व से ही इस गांव के एक कुआं में एक पीपल का पेड़ है जो आज कुआं को पूरी तरह ढंक चुका है, इस विशालकाय पीपल के पेड़ के टहनी को जिसने भी काटने का प्रयास किया है, उसके साथ अनहोनी हुई है, इस स्थान पर भी रामनवमी एवं माघ माह में भंडारा का आयोजन किया जाता है, सच्चे मन से मांगी गई मन्नते हर किसी की पूरी हुई है।

06. हृदय यादव ने बताया कि पंचायत के बसटिकिया गांव में उपस्वास्थ्य केंद्र का निर्माण हो रहा है, जो देहाती क्षेत्र के लोगों के लिए काफी लाभप्रद सिद्ध होगा।

07. वकील दास ने बताया कि हर जगह सड़क का निर्माण हो, मनरेगा में काम किये मजदूरों को समय पर मजदूरी मिले। नलजल का पानी सुचारू रूप से सभी को मिलता रहे।

08. इंजीनियर अमरकांत राज -

शैक्षिक माहौल ठीक हो, विद्यालय में प्रयोगशाला व कंप्यूटर लैब सिर्फ दिखावे मात्र के लिए है, शिक्षकों की कमी दूर कर जमीनी स्तर पर विद्यालयों में पढ़ाई हो; साथ ही पंचायत में पॉलिटेक्निक कॉलेज की स्थापना तथा प्रखंड स्तर पर इंजीनियङ्क्षरग की पढ़ाई व तैयारी के लिए सुविधा प्राप्त हो ताकि यहां के लोगों को बाहर जाना नहीं पड़े।

09. रितेश शांडिल्य - पोठिया पंचायत में एक खेल का मैदान व एक स्टेडियम होना चाहिये ताकि यहाँ के छात्र व खिलाड़ी अभ्यास कर देश- विदेश में नाम रोशन कर सके। क्योकि स्वस्थ मस्तिष्क खेल के विना सम्भव नहीं है।

10. छात्र श्लोक संगम व में बताया कि इस पंचायत की पौराणिक कथा इसी वर्ष उजागर हुई है, वर्तमान मुखिया द्वारा मछली पालन हेतु तालाब खुदाई के दौरान पुराने समय के काफी संख्या में मिट्टी की गोली, ईंट, बर्तन आदि मिले हैं, इस बात की जानकारी अंचल प्रखंड स्तर से लेकर जिला मुख्यालय तक दी गई, यहां इतिहास के कई दिलचस्प किस्से छुपे हुए हैं, ईंट का आकार विक्रमशिला खुदाई स्थल के ईंट से मिलता जुलता है; जो 1100-1200 ईसवी का बताया जाता है। पुरातत्व विभाग द्वारा इसकी खुदाई कर इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने की जरूरत है।

11. मत्स्य पालक सुमित आनंद ने बताया कि ग्रामीण स्तर पर मत्स्य पालन हेतु सरकार को चाहिये कि प्रशिक्षण की व्यवस्था करे व मत्स्य पालकों को समय-समय पर प्रोत्साहित करते रहे, इससे स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा।

12. गांव में स्थित शैलेश स्थान के सेवायत सेवानिवृत चौकीदार चुल्हाय पासवान ने बताया कि भगवती स्थान में भंडारा के पश्चात दूसरे मंगलवार को शैलेश स्थान में भी भंडारा का आयोजन किया जाता है, इस स्थान में लोगों की हर मुरादें पूरी होती है।

मुखिया का दावा

- पोठिया पंचायत के मुखिया कुंजबिहारी चौधरी ने बताया कि इस पंचायत के अधिकतर लोग कृषि पर आश्रित हैं, और यहां फसल की ङ्क्षसचाई किसानों के लिए मुख्य समस्या है, वर्ष 2001 में नावार्ड द्वारा गेरुआ नदी में एक चेक डैम का निर्माण कराया गया था, जो बाढ़ के पानी मे टूटकर बह गया। गेरुआ नदी पर चेक डैम बनाने की जरूरत है, जिससे कि गेरुआ में पानी का ठहराव हो सके और किसान उस पानी का उपयोग ङ्क्षसचाई कार्यों में कर सके। मुखिया श्री चौधरी ने बताया कि भागलपुर जिला में पोठिया ही एक ऐसा पंचायत है जहां विकास योजना की सबसे कम राशि मिलती है, जिस कारण मन के मुताबिक विकास कार्य नहीं हो पाता है। मुखिया श्री चौधरी ने बताया कि कोरोना काल में प्रशासन द्वारा पोठिया स्कूल में विधिवत क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया था, जिसमें 70-80 लोग सेंटर में रुके थे, अपने कोष से सभी को भोजन कराया गया था, जिसकी राशि अभी तक नहीं मिली है जो प्रशासन की उदासीनता है।  


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