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पूर्णिया नगर निगम के कई वार्डों में वर्षों से चल रहा था बड़ा खेल, लगा करोड़ों का चूना, अब होगी जांच

पूर्णिया नगर निगम के कई वार्डों में वर्षों से आवसीय उपयोग दिखाकर भवनों में व्यवसायिक प्रयोग किया जा रहा था। मामला संज्ञान आने के बाद निगम गंभीर हुआ है। वहीं कहा जा रहा है कि निगम की मिलीभगत से भी ऐसा हुआ। अब जांच और कार्रवाई होगी।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Sat, 26 Jun 2021 05:46 PM (IST)Updated: Sat, 26 Jun 2021 05:46 PM (IST)
पूर्णिया नगर निगम के कई वार्डों में वर्षों से चल रहा था बड़ा खेल, लगा करोड़ों का चूना, अब होगी जांच
पूर्णिया नगर निगम में आवसीय लाभ उपयोग दिखाकर चल रहा था खेल।

पूर्णिया [प्रकाश वत्स]। नगर निगम की मिलीभगत से शहर में वर्षों से एक बड़ा खेल चलता रहा है। आवासीय उपयोग दिखाकर काफी संख्या में भवनों का व्यवसायिक उपयोग होता रहा है। इससे सलाना निगम को करोड़ों का चूना लगाया जाता रहा है। नक्शा पास करने से लेकर टैक्स निर्धारण को लेकर स्थल निरीक्षण रिपोर्ट व सर्वे में भी घालमेल के जरिए यह खेल यहां व्यापक स्तर पर चलता रहा है। यह मामला अब नव पदस्थापित नगर आयुक्त के संज्ञान में भी आ चुका है। जल्द ही इस पूरे मामले की सघन जांच आरंभ होने वाली है।

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आशंका को मिला बल

बता दें कि फिलहाल नगर निगम में 32 भवनों का नक्शा पास के लिए आवेदन लंबित था। नव पदस्थापित नगर आयुक्त द्वारा इसके लिए आफ लाइन की बजाय आनलाइन व्यवस्था को सुदृढ़ करने का निर्देश दिया था। नक्शा को ऑनलाइन किए जाते ही 12 नक्शे रिजेक्ट हो गए। दरअसल ऑनलाइन होते ही वह नक्शा से स्वत: रिजेक्ट हो जाता है, जो बिल्डिंग बायलॉज के विरुद्ध बना होता है। इससे पूर्व में इस कारण ही ऑफ लाइन नक्शा पास कर दिया जाता था।

46 वार्डों का है निगम क्षेत्र

सन 2010 में पूर्णिया को नगर निगम का दर्जा मिला है। इसमें कुल 46 वार्ड हैं। मोहल्लों की संख्या पांच सौ से भी ज्यादा है। इसमें पचास फीसदी मोहल्लों में चौक-चौराहे भी आबाद हो चुके हैं और लोगों द्वारा आवास के साथ दुकान आदि बनाकर इसका व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा मोहल्लों के अंदर भी इस तरह के उपयोग की बात आम है। मुख्य बाजारों में भी इस तरह का खेल निगम की मिलीभगत से खेला जा रहा है।

'पूर्णिया नगर निगम में अब तक नियम के विरुद्ध ऑनलाइन की बजाय ऑफ लाइन नक्शा पास होता रहा था। इस आड़ में बिल्डिंग बायलॉज के निश्चित रुप से अनदेखी हुई है। इससे आवासीय भवनों के व्यवसायिक उपयोग की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा कहीं न कहीं अन्य स्तर पर गड़बड़ी के कारण निगम को राजस्व की हानि की बात सामने आ रही है। यह मामला उनके संज्ञान में आ चुका है और जल्द ही इसकी जांच शुरु कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।' -जिउत सिंह, नगर आयुक्त

सर्वे टीम ने जताई थी टैक्स चोरी की आशंका

नगर निगम सूत्रों के अनुसार दस साल पूर्व टैक्स वसूली में गड़बड़ी की आशंका एक विशेष सर्वे टीम ने जताई थी। सर्वे टीम का आकलन था कि जितना टैक्स फिलहाल नगर निगम को प्राप्त हो रहा है, उससे कहीं ज्यादा प्राप्त हो सकता है। आवासीय व व्यवसायिक उपयोग में किए गए घालमेल के कारण राजस्व की हानि हो रहा है। इसके अलावा वर्ग क्षेत्र की मापी आदि में गड़बड़ी की आशंका भी जताई गई थी।


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