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बिहार कृषि विवि में तीसरे दिन भी शिक्षकों की हड़ताल जारी, प्रमोशन समेत कई मांगों को लेकर कर रहे प्रदर्शन

बिहार कृषि‍ विवि में शिक्षकों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी है। प्रमोशन समेत अन्‍य मांगों को लेकर शिक्षक हड़ताल पर हैं। इससे काम काज प्रभावित होने लगा है। शिक्षक संघ का कहना है कि पिछले 15 सालों से प्रमोशन व अन्‍य...

By Abhishek KumarEdited By: Published: Wed, 27 Oct 2021 12:44 PM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 12:44 PM (IST)
बिहार कृषि विवि में तीसरे दिन भी शिक्षकों की हड़ताल जारी, प्रमोशन समेत कई मांगों को लेकर कर रहे प्रदर्शन
बिहार कृषि‍ विवि में शिक्षकों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी है।

संवाद सहयोगी, भागलपुर। बीएयू के वैज्ञानिकों, शिक्षकों का पंद्रह वर्षों से लम्बित प्रोन्नति एवं अन्य मांगों को अविलम्ब लागू करने हेतु पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार तीसरे दिन भी कलमबंद हड़ताल जारी रहा। विश्वविद्यालय मुख्यालय एवं इसके सभी अंगीभूत महाविद्यालय कृषि अनुसंधान संस्थानों के वैज्ञानिक अपने-अपने कार्यालयों में उपस्थिति दर्ज करने के बाद अपने प्रशासनिक भवन के सामने एकत्रित होकर अपना विरोध दर्ज किए।

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विश्वविद्यालय मुख्यालय के प्रशासनिक भवन के सामने विरोध प्रदर्शन के बाद सभी वैज्ञानिक आम सभा में सम्मिलित हुए जहाँ आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। विभिन्न कालेज एवं अनुसंधान केन्द्रों के वैज्ञानिक भी आभाषी रूप से जुड़कर अपने विचार व्यक्त किया। आन्दोलन को जारी रखने में अपना समर्थन दिया। कई वैज्ञानिकों ने आगे की दिशा और दशा पर अपने-अपने विचार सभी के सामने रखे। एक तरफ से सभी ने संगठन की एकजुटता पर खुशी व्यक्त की और आग्रह किया कि विश्वविद्यालय के सुचारू और नियम संगत कार्यान्वन के लिए एक सयुंक्त संगठन की आवश्यकता है और हमें ऐसे ही संगठित होकर भविष्य में कार्य करते रहना है।

अपराहन तीन बजे विश्वविद्यालय के मुख्य सभागार में तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ के वरीय पदाधिकारियों ने संबोधित किया। तिलकामांझी भागलपुर शिक्षक संध के अघ्यक्ष डा. डी. एन. राय ने अपना पूरा समर्थन दिया। इस आंदोलन को भविष्य में जब जैसी जरूरत होगी वो हमेशा पूरा साथ देंगे। कार्यक्रम की शुरुआत डा. मीर के स्वागत भाषण से हुई। सभा को डा. अभय मानकर ने भी संबोधित किया। धन्यवाद ज्ञापन डा. रूबी रानी के द्वारा किया गया।

वर्षों से लंबित प्रोन्नति की इस लड़ाई को और मजबूत एवं कारगर बनाने के लिए विभिन्न सुझाव दिए गए, जिसमें से मुख्यत: एक दिन का सामूहिक अवकाश, मशाल जूलुश, कैण्डल मार्च, मौन जुलुस, मानव श्रृंखला का आयोजन इत्यादि। शिक्षकों का मत था कि प्रशासन हमारी मांगों को गंभीरता से तभी लेगा जब तक हम कार्यों को पूरी तरह से ठप नहीं करेंगें। विश्वविद्यालय प्रशासन को शिक्षकों का दर्द समझना होगा। इस दिशा में जल्द ही ठोस कदम उठाना पड़ेगा। आम सभा में यह निर्णय लिया गया कि जब तक हमें सकारात्मक परिणाम नहीं मिल जाता, हमारा आंदोलन अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुरूप चलता रहेगा।

29 और 30 को भूख हड़ताल होगा। दिपावली एवं छठ की छुट्टी के बाद रिले भूख हड़ताल प्रस्तावित है। आम सभा को डा. कमल कान्त, डा. संगीता श्री, डा. चन्दन कुमार पाण्डा, डा. शम्भू प्रसाद, डा. अरशद अनवर, डा. चन्द्रशेखर आजाद, डा. माइदुर रहमान, डा. रणधीर कुमार इत्यादि ने संबोधित किया एवं अपने विचार प्रकट किये।  


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