बंगाल में आंदोलन से घंटों फंसी रही महत्वपूर्ण ट्रेनें, छात्रों का बवाल, राजधानी, कैपिटल सहित अन्य ट्रेनों पर भी असर
बंगाल पीएससी की परीक्षा छूटने के कारण छात्रों ने प्रदर्शन किया। पटरी पर धरना पर बैठे सैकड़ों छात्र। यात्रियों और छात्रों के बीच ट्रेन खुलवाने को लेकर हुई झड़प। राजधानी एक्सप्रेस कैपिटल सहित अन्य महत्वपूर्ण ट्रेनें अलग-अलग स्टेशनों पर है रोक दी गई है।
कटिहार, जेएनएन। पश्चिम बंगाल में कृषि बिल सहित अन्य स्थानीय मुद्दों को लेकर आदिवासियों के आंदोलन से एनएफ रेलवे में ट्रेनों का परिचालन रविवार की सुबह से पूरी तरह प्रभावित रहा है। यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए राजधानी व कैपिटल एक्सप्रेस जहां कटिहार में नियंत्रित की गई है, वहीं न्यूजलपाईगुड़ी-सियालदह एक्सप्रेस दालकोला में फंसी है। इसके अलावा कई अन्य ट्रेनें अलग-अलग स्टेशनों पर नियंत्रित है।
इधर सियालदह से न्यूजलपाईगुड़ी जा रही दार्जिलिंग मेल को आजमनगर स्टेशन पर नियंत्रित किए जाने से उस ट्रेन से सिलीगुड़ी बंगाल पीएससी की परीक्षा देने जा रहे सैकड़ों छात्रों ने जमकर बवाल काटा। परीक्षा छूटने से आक्रोशित छात्र रेल पटरी पर धरना पर बैठ गए और पीएससी के निदेशक से परीक्षा रद करने का आश्वासन मिलने पर ही ट्रेनों का परिचालन शुरु होने देने की बात पर अड़ गए।
बाद में रेल प्रशासन द्वारा ट्रेन को आगे के स्टेशन तक बढ़ाने की दी गई सहमति के बाद भी छात्रों का रुख ठंडा नहीं होने पर ट्रेन में सवार यात्रियों ने आपा खो दिया और फिर छात्रों व यात्रियों के बीच ही झड़प शुरु हो गई।
इसको लेकर कुछ देर के लिए स्टेशन परिसर रणक्षेत्र बनता नजर आने लगा और बात हिंसक झड़प तक पहुंचने लगी। इस पर रेल पुलिस के साथ काफी संख्या में सिविल पुलिस भी मौके पर पहुंच स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश में जुटी हुई है। धीरे-धीरे पूरा स्टेशन पुलिस छाबनी में तब्दील हो रहा है।
क्या कहते हैं बंगाल पब्लिक सर्विस कमीशन के चेयरमैन
पीपीएससी के चेयरमैन देवाशीष बोस ने कहा कि इस परीक्षा में लगभग 70 हजार छात्र-छात्राएं सम्मिलित हो रहे है। अधिकांश छात्र-छात्राएं परीक्षा केंद्रों तक पहुंच चुके हैं। ऐसी स्थिति में परीक्षा की तिथि का बदलना संभव नहीं है। जिन छात्रों को के साथ ऐसी समस्या आयी है, वे आयोग के मेल पर पुख्ता सबूत के साथ पुनः परीक्षा को ले आवेदन कर सकते है। आवेदन पर विचार किया जाएगा।