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IMPORTANCE of COVID Vaccine: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लगाएं टीका, नहीं होता कोई नुकसान, क्‍यों जरुरी है टीकाकरण, बता रहे विशेषज्ञ

IMPORTANCE of COVID Vaccine टीचर्स ऑफ बिहार के लेट्स टॉक कार्यक्रम में कोरोना रोधी टीका पर परिचर्चा आयोजित की गई। यह कार्यक्रम को संयुक्त राष्ट्र की पहल वेरीफाइड ने भी सहयोग किया था। विशेषज्ञों ने कोरोना टीका के बारे में कई महत्‍वपूर्ण जानकारी दी।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 11:44 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 11:44 PM (IST)
IMPORTANCE of COVID Vaccine: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लगाएं टीका, नहीं होता कोई नुकसान, क्‍यों जरुरी है टीकाकरण, बता रहे विशेषज्ञ
टीचर्स ऑफ बिहार के लेट्स टॉक कार्यक्रम में शामिल अतिथि।

भागलपुर, ऑनलाइन डेस्‍क। IMPORTANCE of COVID Vaccine: कोरोना रोधी टीका पूरी तरह सुरक्षित है। यह टीका के लगाने से किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है। बल्कि यह टीका कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाता है। इसलिए सभी को कोरोना टीका लगवानी चाहिए। पूरे देश में अभी 18 वर्ष से ऊपर से सभी लोगों को टीका लगाया जा रहा है। अपना निबंधन कराकर जरुर टीका लगावा लें। इससे ना सिर्फ आप कोरोना से सुरक्षित रहेंगे, बल्कि इसका प्रसार भी रुकेगा। परिवार के सभी सदस्‍य सुरक्षित रहेंगे।

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उक्‍त बातें संयुक्त राष्ट्र की पहल 'वेरीफाइड' के सहयोग से टीचर्स ऑफ बिहार (टीओबी) के 'लेट्स टॉक' कार्यक्रम में आए विशेषज्ञों ने कही। शनिवार को इंटरनेट मीडिया पर ढाई घंटे तक विशेषज्ञों के परिचर्चा आयोजित की गई। इस लाइव कार्यक्रम का संचालन टीचर्स ऑफ बिहार की सदस्‍य नम्रता मिश्रा और खुशबू कुमारी ने किया। खुशबू कुमारी मध्‍य विद्यालय बलुआचक, जदगीशपुर, भागलपुर और नम्रता कुमारी मध्य विद्यालय मदरौनी, रंगरा चौक, भागलपुर की शिक्षिका है। यहां बता दें कि टीओबी की भागलपुर District Mentor खुशबू कुमारी हैं।

इस ऑनलाइन परिचर्चा में आईजीआईएमएस पटना के सहायक प्रोफेसर डॉ सेतु सिन्हा, सहायक प्रोफेसर डॉ अर्चना सिन्हा, एम्स पटना के एडिशनल प्रोफेसर डॉ संजीव कुमार, स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान चंडीगढ़ के प्रोफेसर डॉ मधु गुप्ता और वरिष्‍ठ पत्रकार पीयूष त्रिपाठी शामिल हुए।

डॉ मधु गुप्ता ने कहा कोविड टीकाकरण के बारे में बहुत सी भ्रांतियां फैली हुई है, जिसमें मुख्य रूप से लोगों का यह मानना है कि यदि हमें किसी प्रकार की एलर्जी है तो हमें टीका नहीं लेनी चाहिए। जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। ये केवल मिथक है। लोगों को केवल इतना ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी परिस्थिति में यदि प्रथम डोज के रूप में यदि कोविशील्ड का टीका लिया गया है तो दूसरे डोज में भी कोविशील्ड का ही टीका लगे। यही बात कोवैक्‍सीन के लिए भी लागू है।

 

डॉ अर्चना सिन्हा ने कहा कि केवल गर्भवती महिलाओं के लिए कोविड का टीकाकरण वर्जित है। परन्तु स्तनपान कराने वाली महिलाओं को टीका लगवाने को कोई परेशानी नहीं है। इसलिए कोविड वैक्‍सीन को लेकर कोई भी भ्रांति नहीं पालें। सरकार और प्रशासन इसके लिए लगातार लोगों को जानकारी दे रहे हैं।

डॉ सेतु सिन्‍हा ने कहा कि कोविड का टीकाकरण लेने के उपरांत भी कोरोना संक्रमण होने का खतरा बना रहता है। इसीलिए टीका लेने के बाद भी खुद की सुरक्षा करें। अभी बच्चों के लिए टीका की सुविधा उपलब्ध नहीं है। शीघ्र ही बच्चों के लिए भी टीका निर्माण होगा। इसके लिए ट्रायल चल रहा है।

डॉ संजीव कुमार ने कहा कि कोरोना टीकाकरण में किसी भी प्रकार का दुप्रभाव नहीं है। बिना डरे निर्धारित समय के अंतराल पर हर व्‍यक्ति दो बार टीका लगवाएं। अभी कोविशिल्‍ड और कोवैक्‍सीन टीका भारत में उपलब्‍ध है। जो टीका सहज रूप से उपलब्‍ध हो जाए, उसे लगवा लें। यह ध्‍यान रहे कि दोनों बार एक ही प्रकार के कोरोना टीका को लगवाएं। उन्‍होंने कहा कि लोग अक्‍सर पूछते हैं कोवैक्सीन लगवानी चाहिए या कोविशील्ड? तो बता दें कि आपको जो उपलब्‍ध है, उसे लगवा लें। कोई अंतर नहीं है। उन्‍होंने कहा कि हाल के दिनों में यह अफवाह काफी पैलाई गई है कि दो प्रकार का टीका बनाया गया है, जिसमें एक से नुकसान होता है और इसे खास वर्ग के लोगों को लगाया जाता है। यह गलत है, ऐसा कुछ भी नहीं है। इसलिए हर वर्ग के लोग बिना डरे टीका लगवा लें।

पीयूष त्रिपाठी ने कहा कि कोरोना वैक्सीन आने से पूर्व लोगों के द्वारा तरह-तरह की अफवाहें फैलाई जा रही थी। इसे फैलाने में आज के युवा वर्ग विशेष रूप से शामिल हैं, जो स्मार्टफोन का धड़ल्ले से उपयोग करते हैं और बिना सोचे समझे गलत जानकारियों को इंटरनेट मीडिया के माध्यम से साझा करते रहते हैं। जिसके कारण लोगों में कई प्रकार की भ्रांतियां उत्पन्न होती है। कोरोना काल में मीडिया को बहुत से चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। मीडिया ने हर संभव प्रयास किया है कि सरकार के गाइडलाइन के अनुसार ही जो अधिकृत सूचनाएं है उसे लोगों तक पहुंचाया जाए।

इस लाइव कार्यक्रम में हजारों लोग जुड़े। इसका सीधा प्रसारण टीचर्स ऑफ बिहार के इंटरनेट मीडिया प्‍लेटफार्म के माध्‍यम से किया गया। इसका रिकार्डिंग भी वहां मौजूद है, जिसे लोग लगातार देख रहे हैं। इस कार्यक्रम के माध्‍यम से लोगों को बहुत जानकारी मिली। टीकाकरण से जुड़े कई प्रश्‍नों का जवाब विशेषज्ञों ने दिया। कार्यक्रम के दौरान सैकड़ों लोगों ने मैसेज कर अपने प्रश्‍न पूछे।

टीचर्स ऑफ बिहार के प्रदेश प्रवक्ता रंजीत सिंह ने कहा कि टीओबी के फाउंडर शिव कुमार एवं टेक्निकल टीम लीडर शिवेंद्र सुमन ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई। संयुक्त राष्ट्र की पहल 'वेरीफाइड' के समर्थन में जन जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से यह एक्सक्लूसिव कार्यक्रम टीचर्स ऑफ बिहार 'लेट्स टॉक' का आयोजन किया गया था। इस दौरान खुशबू कुमारी ने टीचर्स ऑफ बिहार ग्रुप के माध्यम से आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी। लगभग दो वर्षों से यह ग्रुप इंटरनेट मीडिया के माध्यम से लोगों को खासकर शिक्षक और छात्र-छात्राओं को विभिन्न विधाओं से रूबरू करा रहे हैं। कोरोना काल में टीचर्स ऑफ बिहार की महत्ता काफी बढ़ गई है। क्योंकि इस दौरान लगातार बिहार के सरकारी विद्यालय के दर्जनों शिक्षक बच्चों को टीचर्स ऑफ़ बिहार के विभिन्न इंटरनेट प्लेटफॉर्म पर आकर ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं। पढ़ाई के अलावा शिक्षकों और बच्चों को अन्य विधाओं की भी जानकारी यहां दी जा रही है।


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