खगडिय़ा में बाढ़ का असर : खेतों से नहीं निकल रहा पानी, बढ़ रही किसानों की परेशानी
खगडिय़ा के किसान अब भी बाढ़ की मार झेल रहे हैं। यहां की हजारों एकड़ भूमि में जलजमाव की स्थिति है। जल निकासी को लेकर बनाए गए ड्रेनेज को कई जगहों पर मछुआरों ने बांस की छतरी की दीवार खड़ी कर पानी की धारा को अवरुद्ध कर दिया है।
खगडिय़ा, जेएनएन। कोसी, काली कोसी शांत हो चुकी है। फिर भी बेलदौर प्रखंड में हजारों एकड़ में पानी जमा है। किसानों के आगे अंधेरा छाया हुआ है। जल निकासी को लेकर बनाए गए ड्रेनेज को कई जगहों पर मछुआरों ने बांस की छतरी की दीवार खड़ी कर पानी की धारा को अवरुद्ध कर दिया है। जिससे खेतों से पानी निकलने की बजाय बढ़ता जा रहा है। किसानों की शिकायत बाद भी प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं है। चुनावी व्यस्तता बताकर अधिकारी किसानों को वापस कर रहे हैं। किसानों में आक्रोश गहराता जा रहा है।
खेतों में बाढ़ का पानी जमा है। जल निकासी को लेकर हरलखी चांप से पचौत- दिघौन के रनिया धार तक बना ड्रैनेज को मछुआरों ने जगह- जगह जाल, बांस लगाकर अवरूद्ध कर रखा है। जिससे सकरोहर, पंचरासी मौजा के सैकड़ों एकड़ जमीन जलमग्न है।
इंदु शेखर झा, सरपंच, सकरोहर।
जल जमाव से रबी फसल की बुआई पर प्रतिकूल असर पड़ता जा रहा है। प्रशासन ड्रैनेज को खोलने की दिशा में गंभीर नहीं है। शिकायत करने बाद पदाधिकारी कहते हैं- अभी चुनाव ड्यूटी में व्यस्त हूं। तब तक तो रबी का सीजन खत्म हो जाएगा।
देवशंकर ङ्क्षसह, महिनाथ नगर।
पहले आंधी, ओलावृष्टि से मक्का और उसके बाद बाढ़ से धान की फसल नष्ट हो गई। अब रबी की बुआई पर संकट है। मछुआरों ने जगह-जगह पानी के बहाव को अवरुद्ध कर दिया है। प्रशासन तमाशबीन बना हुआ है।
दिनेश मंडल, महिनाथ नगर।
सैकड़ों एकड़ खेत में जल जमाव है। पानी निकलने की कोई व्यवस्था नहीं है। ङ्क्षबद टोली के समीप ड्रैनेज की धारा को पुलिया बनाकर अवरुद्ध कर दिया गया है। स्लूईस गेट के निकास द्वार पर मछुआरों ने जाल लगाकर पानी के बहाव को कम कर दिया है।
संजय कुमार, पीरनगरा।
बोले, गोगरी एसडीओ सुभाषचंद्र मंडल
ड्रैनेज को अविलंब अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए बेलदौर सीओ को निर्देश दिया जा रहा है। ताकि किसानों को जल जमाव से राहत मिल सके।