जमुई में अब दिन के उजाले में भी हो रहा रेत का काला कारोबार, एनएच पर फर्राटे भरती हैं बालू लोडेड गाडिय़ां
जमुई में प्रशासन के लाख दावे के बाद भी बालू का अवैध कारोबार नहीं रुक रहा है। इसे रोकने की कोशिश करने में दर्जन भर से ज्यादा बार खनन विभाग के अधिकारियों व उनके साथ तैनात जवानों पर हमले की वारदात हो चुकी है।
संवाद सहयोगी, जमुई। रात के अंधेरे की बात कौन कहे अब तो दिन के उजाले में भी रेत का काला कारोबार हो रहा है। ग्रामीण सड़कों पर छुप छुपा के नहीं बल्कि राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों पर दिन भर बालू लोड वाहनें फर्राटे भर रही है। बालू लोड वाहनों का परिचालन देख आम लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि बालू घाट का टेंडर हो गया क्या? बहरहाल आम लोगों के जेहन में उठ रहे सवाल का जवाब तो नहीं में है लेकिन सड़कों पर नजारा वैसा ही है। वैसे बालू माफिया के बढ़े मिजाज की बात करें तो सिर्फ दिन के उजाले में बालू की ढुलाई ही नहीं बल्कि उसे रोकने की कोशिश करने में दर्जन भर से ज्यादा बार खनन विभाग के अधिकारियों व उनके साथ तैनात जवानों पर हमले की वारदात हो चुकी है। यह दीगर बात है कि उन हमलों के मामले में पुलिसिया कार्रवाई पुलिस को सवालों के कटघरे में खड़ी कर रही है।
गंगा पुल के रास्ते कोसी तक हो रही अवैध बालू की आपूर्ति
बरहट, मलयपुर और लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र से ट्रकों में बालू भरकर भागलपुर के रास्ते गंगा पार कोसी तक जमुई का अवैध बालू सप्लाई हो रहा है। इस कार्य में पुलिस की सहमति है, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। आखिरकार दिन के उजाले में बालू की लोङ्क्षडग और उसकी ढुलाई कैसे संभव है ? क्या पुलिस का तंत्र इतना कमजोर हो गया कि सारा दिन अवैध बालू की गाडिय़ां दौड़ती रहे और उसे पता भी ना चले। या फिर सबकुछ जानबूझकर पुलिस अनजान है। यहां यह बताना लाजिमी है कि मलयपुर बरहट और लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र की मुख्य सड़क एनएच 333 है। कुछ ऐसी ही स्थिति एनएच 333 ए की भी है। यहां जमुई थाना क्षेत्र अंतर्गत लगमा नहर के समीप जब ट्रैक्टर का काफिला 333 ए पर उतरता है, तब राहगीर भी भयभीत हो जाते हैं। यह काफिला सिकंदरा से आगे शेखपुरा और अलीगंज तक जाती है लेकिन पुलिस की निगाहें उन तक नहीं पहुंच पाती है। कमोबेश वैसा ही मंजर कुंदरी-सनकुरहा-मंजोष-सिझौड़ी-कर्मा सड़क की है। उक्त मार्ग पर कब, कहां, कौन बालू लोड वाहनों से कुचल जाए, कहना मुश्किल है।
खनन विभाग की टीम पर कई बार हो चुके हैं हमले
खनन विभाग की टीम पर अनगिनत हमले हो चुके हैं। ताज्जुब की बात तो यह है कि शासन-प्रशासन को चुनौती देने वाले माफिया के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर पुलिस सुस्त दिखती है। वैसे मामलों के आरोपितों की धरपकड़ से लेकर अन्य कार्रवाई में पुलिसिया उदासीनता कई सवालों को जन्म देती है। हालांकि पुलिस महकमा पूरी तरह से बालू माफिया व अवैध बालू कारोबार के विरुद्ध सख्त होने का दावा कर रहा है लेकिन हकीकत कोसों दूर दिख रहा है। बरहट, मलयपुर, झाझा सदर थाना क्षेत्र के अलावा खैरा थाना क्षेत्र में ही अनंतिम पर प्ले की वारदात हो चुकी है। अभी तीन दिन पूर्व ही बरहट प्रखंड अंतर्गत खनन विभाग की टीम पर बालू माफिया का हमला हुआ जिसमें सैप के जवान जख्मी हो गए। इस दौरान खान निरीक्षक भी चोटिल हुए।
उपलब्ध संसाधनों के बल पर बालू माफिया तथा अवैध खनन के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई व कार्यवाही सतत जारी है। अवैध खनन के खिलाफ अभियान में कई बार टीम को हमले का शिकार होना पड़ा है इसके बावजूद कार्रवाई प्रभावित नहीं हुई है। -अनिल कुमार, जिला खनिज विकास पदाधिकारी, जमुई।
अवैध खनन के मामले में थानाध्यक्षों को स्पष्ट निर्देश है। किसी भी कीमत पर अवैध खनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लापरवाह पुलिसकर्मियों व अधिकारियों को दंडित भी किया जाता रहा है। आगे भी शिकायतें मिली तो वैसे पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।-प्रमोद कुमार मंडल, पुलिस अधीक्षक, जमुई।
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