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देखता रहा भागलपुर निगम प्रशासन... कौवाकोली में बस गया मोहल्ला, भू-माफिया की भी नजर

भागलपुर नगर निगम की जमीन पर लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है। जहां-जहां बड़े भूभाग है वहां बस्तियां बस चुकी है। यहां दशकों से अतिक्रमण मुक्त करा पाने में निगम प्रशासन हाथों में हाथ रखकर बैठ चुकी है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 05:04 PM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 05:04 PM (IST)
देखता रहा भागलपुर निगम प्रशासन... कौवाकोली में बस गया मोहल्ला, भू-माफिया की भी नजर
भागलपुर नगर निगम की जमीन पर लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। नगर निगम अपनी अचल संपत्ति को सुरक्षित रखने को लेकर बेपरवाह बनी हुई है। निगम प्रशासन कूड़ा निस्तारण से लेकर विभिन्न योजनाओं से भवन आदि निर्माण के लिए जमीन तलाश रही है। लेकिन जहां-जहां बड़े भूभाग है वहां बस्तियां बस चुकी है। यहां दशकों से अतिक्रमण मुक्त करा पाने में निगम प्रशासन हाथों में हाथ रखकर बैठ चुकी है।

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दरअसल नाथनगर प्रखंड के कौआकोली मोहल्ले में नगर निगम का एक बीघा जमीन है। साथ ही तीन बीघा जमीन बिहार सरकार की है। इस जमीन का वर्ष 1890 से लेकर 1969 तक नगर पालिका द्वारा शौचालय के गंदगी के निस्तारण में करता था। लेकिन, 1970 के बाद निगम ने अपनी सारी गतिविधि बंद कर दी। निगम की जमीन पर धीरे-धीरे कब्जा करना शुरू कर दिया। अब यहां पहले महादलित परिवार ने अंबेडकर नगर बस्ती बसा दी। शेष बचे हिस्से में भू-माफिया ने कब्जा कर रखा है। नतीजा निगम का पूरा जमीन अतिक्रमित हो चुका है। पांच वर्ष पहले नगर निगम प्रशासन ने अमीन से मापी कराया था। जिसे खाली कराने को लेकर कोई कवायद तक नहीं हुई।

निगम की जमीन पर बसे लोगों ने कहा, प्रशासन ने बसाया

नगर निगम की जमीन पर अवैध तरीके से करीब 250 परिवारों ने भवन दो भवन तक का निर्माण कर लिया है। इसमें से 200 के करीब महादलित परिवार रह रहे है। वर्ष 1970 में बिहपुर प्रखंड के मिर्जापुर गांव में गंगा कटाव से प्रभावित लोगों ने कर्णगढ़ में शरण लिया था। इसके बाद तत्कालीन जिला प्रशासन ने कौआकोली में तत्कालीक रहने की व्यवस्था कर दी थी। लेकिन दिन गुजरने के साथ लोगों ने स्थायी आवास का निर्माण कर लिया। वहीं बाबा भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा के साथ अंबेडकर भवन का निर्माण कराया गया है। यहां बसे लोग अब समिति बनाकर जमीन पर मालिकाना हक् के लिए जिला प्रशासन से लेेकर राज्य स्तर के अधिकारी के यहां गुुहार लगा रहे हैं। विजय दास समेत कई लोग मेयर और नगर आयुक्त को पत्र देकर जमीन का स्वामित्व मांग रहे हैं। अभी यहां रहने वाले लोगों के पास प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराया गया पर्चा तक नहीं है। जिससे लोगों को कई सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा। स्थायी निदान को लेकर लोग प्रशासन के निर्णय की राह तक रहे हैं।

प्रखंड प्रशासन ने बनवा दिया इंदिरा आवास

नगर निगम प्रशासन अपनी जमीन को संरक्षित रखने को लेकर 2008 में प्रखंड प्रशासन को पत्र लिखकर सरकारी योजना से कार्य कराने का आग्रह किया था। यहां प्रखंड की ओर से दर्जनों इंदिरा आवास समेत पेयजल की योजना पर कार्य हो चुका था। पत्र के बाद कुछ वर्षो तक योजनाओं पर ब्रेक लग गया था। लेकिन वर्तमान दौर में पंचायत की योजना से सड़क और नाला निर्माण कराया जा रहा है। लोगों को बिजली कनेक्शन आदि तक उपलब्ध कराया जा चुका है। बावजूद नगर निगम प्रशासन मौन बैठी है।

नगर निगम की जमीन पर काफी संख्या में लोग पक्का निर्माण कर चुके हैं। इस जटिल समस्या का आसानी से निदान मुश्किल हो सकता है। निगम प्रशासन को पहल करना होगा।

- राजेश कुमार, अंचलाधिकारी, नाथनगर

कौआकोली में अमिक्रमण कर रहने वाले लोगों ने आवेदन दिया था। लेकिन, निगम की जमीन किसी को नहीं दी जाएगी। उक्त जमीन से संबंधित रिपोर्ट अमीन से मांगा गया है। निगम के अधिकारी को विधि सम्मत कार्रवाई को कहा जाएगा।

सीमा साहा, मेयर, नगर निगम

निगम की जहां भी जमीन है उसका सर्वे कराया जा रहा है। वरीय अधिकारी से परामर्श के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

- प्रफुल्ल यादव, प्रभारी नगर आयुक्त  


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