इलाज कराने जेएलएनएमसीएच जा रहे हैं तो रूमाल रख लें, नहीं तो मरीज के साथ आप भी हो जाएंगे बीमार
भागलपुर का जेएलएनएमसीएच बना नर्क। बदबू से मरीज हो रहे परेशान। आउटडोर इमरजेंसी से लेकर इनडोर के विभागों में मेडिकल कचरा भरा पड़ा है। यहां मरीजों के साथ आए स्वजनों को काफी परेशानी हो रही है। बीमारियों का खतरा बढ़ा हुआ है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। इससे अस्पताल के सभी विभागों में हर तरफ मेडिकल कचरा फैल गया। बदबू इतनी थी कि मरीजों का रहना दूभर हो गया। आउटडोर, इमरजेंसी से लेकर इनडोर के विभागों में हर कदम पर मेडिकल कचरा ही दिख रहा था। गंदगी के बीच मरीजों का इलाज किया गया। इससे मरीजों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है। वहीं, आपरेशन थियेटर की सफाई नहीं होने पर सर्जरी और हड्डी विभाग के 23 मरीजों का आपरेशन नहीं हो पाया।
बोनस पर बात अटक गई
अस्पताल के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल महादलित परिसंघ के जिला अध्यक्ष मुकेश हरि के नेतृत्व में मंगलवार से जारी है। 175 सफाई कर्मचारी एजेंसी के तहत कार्यरत हैं। बुधवार को हरिओम इंटरप्राइजेज के संचालक के साथ सफाई कर्मचारियों की वार्ता अस्पताल अधीक्षक के कार्यालय में हुई। बोनस नहीं देने पर कर्मचारियों ने हड़ताल जारी रखने की बात कही।
फर्श पर मरीज, बगल में कचरा
सफाईकर्मियों की हड़ताल के कारण आउटडोर के बरामदे से लेकर विभागों में मेडिकल कचरा फेंका था। प्लास्टर रूम में दो दिनों से हाथ-पैर में लगे प्लास्टर निकाले गए थे, जिन्हें कमरे में ही फेंका गया था। साथ ही गंदगी के बीच अन्य मरीजों का प्लास्टर किया जा रहा था। इमरजेंसी के बाथरुम के समीप मेडिकल कचरे का अंबार लगा था। विभाग में भर्ती मरीजों के कमरे की फर्श और बरामदा कचरे से पट गया था। बदबू इतनी थी कि मरीज और स्वजन नाक पर कपड़ा रखे हुए थे। पेइंग वार्ड भी इससे अछूता नहीं था।
लेबर रूम और आब्स गायनी में कचरे से निकलने लगे हैं कीड़े
मरीज के स्वजन ओम प्रकाश ने कहा कि प्रतिदिन रहने के लिए राशि ली जा रही है, लेकिन सफाई की व्यवस्था अस्पताल प्रशासन नहीं कर पाया है। आइसीयू में सरकारी कर्मचारी ने सफाई की, लेकिन कचरा बाथरुम के पास ही छोड़ दिया था। अस्पताल में गंदगी का आलम यह है कि लेबर रूम और आब्स गायनी में कचरे से कीड़े निकलने लगे हैं। मरीज के स्वजन फर्श पर ही गंदगी के बीच भोजन करने को विवश हैं। वहीं, बेड की कमी से नवजात और प्रसूता को भी फर्श पर रखा गया है। मेडिसीन विभाग, सर्जरी और हड्डी विभाग का भी यही हाल है। बरामदे, विभाग के कमरे से लेकर बाथरुम के पास गंदगी फैली हुई थी।
पथरी समेत कई आपरेशन टाले गए
हड़ताल की वजह से सर्जरी विभाग में 17 और हड्डी विभाग में छह मरीजों का आपरेशन नहीं हो पाया। वहीं लेबर रूम, डाक्टर ड्यूटी रूम में गंदगी रहते हुए भी महिलाओं की डिलेवरी कराई गई। ऐसे में जच्चा-बच्चा दोनों को संक्रमण का खतरा हो सकता है।
संक्रमण का खतरा
डा. आरपी जायसवाल ने कहा कि सर्जरी और हड्डी वार्ड में आपरेशन के बाद अगर मांस के टूकड़े को नहीं हटाया गया तो मरीजों को वैक्टीरियल संक्रमण होने की संभावना रहती है। सूई, निडिल, से भी संक्रमण हो सकता है। अगर किसी के पैर में सूई चुभ जाय तो टेटनेस आदि घातक बीमारी हो सकती है।
आपरेशन थियेटर की साफ-सफाई नहीं होने की वजह से अस्पताल में कई आपरेशन नहीं किए गए। गुरुवार से सफाई की वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। - डा. असीम कुमार दास, अधीक्षक, जेएलएनएमसीएच