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ई बिहार है भइया: शराबबंदी के बाद नशेबाजों ने कफ सिरप को अपनाया, अकेले मधेपुरा से 22 महीने में 1964 लीटर की बरामदगी

बिहार में शराबबंदी के 6 साल होने को हैं। ऐसे में हर रोज शराब की बरामदगी हो रही है। शराबबंदी सफल बनाने के लिए पुलिसिया व्यवस्था लगी हुई है लेकिन नशेबाज पियक्कड़ों ने अब कफ सिरप को अपनी तलब पूर्ण करने का साधन बना लिया है। आलम ये है कि...

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 04:03 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 04:03 PM (IST)
ई बिहार है भइया: शराबबंदी के बाद नशेबाजों ने कफ सिरप को अपनाया, अकेले मधेपुरा से 22 महीने में 1964 लीटर की बरामदगी
कफ सिरप का इस्तेमाल कर मिटा रहे नशे की तलब।

प्रवीर, संवाद सूत्र, मधेपुरा : शराब पर पहरा लगने के बाद प्रतिबंधित कफ सिरप की मांग बढ़ गई है। नशे के लिए लोग कफ सिरप का इस्तेमाल करने लगे हैं। ऐसे में प्रतिबंधित कफ सिरप का कारोबार भी बढ़ गया है। मद्यनिषेध व उत्पाद विभाग ने करीब दो सालों में काफी मात्रा में प्रतिबंधित कफ सिरप बरामद किया है। इस धंधे में शामिल काफी लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। उत्पाद अधीक्षक सुरेंद्र प्रसाद ने बताया कि उन्होंने मधेपुरा में छह मार्च 2020 को अपना योगदान दिया है। उसके बाद से 31 दिसंबर 2021 तक जिले के विभिन्न क्षेत्रों में छापेमारी कर 1964.2 लीटर प्रतिबंधित कफ सिरप बरामद किया है।

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साथ ही साथ 279 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। यहीं नहीं, 525 लोगों पर फरार होने का केस भी दर्ज किया गया है। फरार लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा एक साल में 712 केस दर्ज किया गया है। जबकि इससे पहले काफी कम केस दर्ज हुआ था।

  • 22 माह में 1964 लीटर प्रतिबंधित कफ सिरप किया गया है बरामद
  • 279 लोगों को गिरफ्तार कर भेजा गया है जेल
  • 525 लोगों पर फरार होने का दर्ज किया गया है केस
  • 712 केस एक साल में किया गया है दर्ज

प्रतिबंधित कफ सिरप की सूचना पर होती है छापामारी

उत्पाद अधीक्षक सुरेंद्र प्रसाद ने बताया कि शराबंदी के बाद प्रतिबंधित कफ सिरप का कारोबार बढ़ा है। लोग नशे के लिए इसका उपयोग करने लगे हैं। ऐसे में लगातार अभियान चलाकर छापामारी की जाती है। काफी कामयाबी भी मिली है। नेटवर्क से जिले में शराब तस्करों पर नकेल कसा गया है। वहीं कफ सिरप का कारोबार करने वाले काफी लोगों को जेल भेजा गया है। पुलिस के सहयोग से लगातार अभियान चलाकर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।

ध्वस्त किया गया देसी शराब निर्माण अड्डा

जिले में देसी शराब निर्माण का कार्य भी धड़ल्ले से होता है। उत्पाद विभाग ने काफी अड्डे को ध्वस्त किया है। पिछले दिनों मुरलीगंज व बिहारीगंज में शराब के अड्डे को ध्वस्त कर कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। वहीं छह माह पहले चौसा के भटगामा में अंग्रेजी शराब निर्माण करने का अड्डा पर भी छापामारी कर एक करोड़ की सामग्री व कई लोगों को गिरफ्तार किया था। वहीं इस मामले में कोसी, सिमांचल व पूर्व बिहार के नामी शराब तस्कर साजन को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था।


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