Bihar: कैसे ड्यूटी पर तैनात हों मृत और रिटायर शिक्षक? जिनके नाम पर जारी कर दिया शिक्षा विभाग ने रोस्टर और अल्टीमेटम
शिक्षा विभाग की लापरवाही का एक और बड़ा मामला सामने आया है। बिहार के किशनगंज में बकरीद के दिन ऐसे शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी गई जिनकी कई वर्षों पहले या तो मौत हो चुकी है या वे रिटायर हो चुके हैं।
जागरण संवाददाता, किशनगंज। जिले में शिक्षा विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां उन अफसरों और बाबुओं की ड्यूटी लगाई गई है, जिनका निधन हो चुका या तो वे रिटायर हो चुके हैं। ऐसे में कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। दअरसल, बकरीद के दिन विधि-व्यवस्था बनाने को लेकर मृत और रिटायर शिक्षकों की भी ड्यूटी लगा दी गई। इसके लिए जारी हुए निर्देश में ड्यूटी पर तैनात शिक्षकों को गैरहाजिर होने पर कार्रवाई करने का अल्टीमेटम भी दिया गय।
ईद उल अजहा यानी बकरीद के मौके पर किशनगंज में विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी के कार्यालय से कुल 214 शिक्षकों के लिए एक रोस्टर जारी हुआ। इसके साथ ही निर्देश जारी किया गया कि ड्यूटी पर नहीं आने वालों पर कार्रवाई होगी। विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिले के विभिन्न धार्मिक स्थलों में प्रतिनियुक्ति आदेश जारी किया गया।
बीडीओ आफिस से 20 जुलाई को पत्रांक संख्या 949 के तहत शिक्षकों की सूची जारी की गयी। इस सूची के मुताबिक 214 में से 5 ऐसे शिक्षक हैं, जो लाख अल्टीमेटम के बाद भी सेवा के लिए नहीं आ सकते थे और 6 शिक्षक ऐसे हैं, जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इस सूची में जिले के रुईधासा भाटिया बस्ती स्थित हनुमान मंदिर में तैनात राम कुमार दास का नाम शामिल है। जिनका कई साल पहले निधन हो चुका है। दूसरी ओर शिक्षक सियानंद पासवान, बलदेव मालाकार, दीपक बोसक और शिक्षिका अनामिका की भी मौत हो चुकी है बावजूद इसके इनका नाम रोस्टर में है।
सेवानिवृत्त शिक्षकों में शिव शंकर राम, हरि प्रसाद यादव, सुनील कुमार चौधरी, रथीन्द्र नाथ, तारकेश्वर प्रसाद सिंह, ओम प्रकाश हांसदा को ड्यूटी में तैनात रहने को कहा गया। अनुमंडल पदाधिकारी ने पूरे मामले के बारे में कहा कि शिक्षकों की सूची, शिक्षा विभाग की ओर से प्रखंड विकास पदाधिकारी को सौंपी गयी थी।
'इस संबंध में बीडीओ से स्पष्टीकरण पूछा गया है। जवाब आने पर जिसकी लापरवाही सामने आएगी उसपर कर्रवाई की जाएगी।'- शाहनवाज अहमद नियाजी, अनुमंडल पदाधिकारी किशनगंज।
सवाल ये उठता है कि जिन धार्मिक स्थलों की विधि-व्यवस्था सुदृढ़ रखने के लिए फरमान जारी किया था। वहां यदि कोई बड़ी घटना होती, तो उसका जिम्मेदार कौन होता। क्या अब कार्रवाई की तलवार मृत शिक्षकों या सेवानिवृत्त हो चुके शिक्षकों पर ही होगी। बहरहाल, बिहार में ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी इस तरह की गड़बड़ी की खबरें सामने आ चुकी हैं।